ईवीएम सुरक्षित लेकिन सोशल मीडिया को बना रहे चुनावों में धांधली का औजार : राहुल गांधी

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा है कि भले इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम)  सुरक्षित हैं, लेकिन सोशल मीडिया के जरिये देश में भारतीय चुनावों में धांधली हो सकती है। भारत जोड़ो यात्रा के दौरान सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर, जीजी पारिख और मानवाधिकार कार्यकर्ता इरफान इंजीनियर के नेतृत्व में सिविल सोसाइटी के सदस्‍यों के साथ बातचीत के दौरान यह बात कही।

कांग्रेस नेता ने कहा – ‘सोशल मीडिया कंपनियां चाहें तो किसी भी पार्टी को चुनाव जिता सकती हैं। एक विचारधारा और उसके नेता समाज में वैमनस्य पैदा करने के लिए सांप्रदायिक हिंसा को रणनीतिक हथियार के रूप में बढ़ावा दे रहे हैं।’

भारत जोड़ो यात्रा के दौरान सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर और जीजी पारिख के नेतृत्व में सिविल सोसाइटी के सदस्यों के साथ बातचीत के दौरान राहुल गांधी ने कहा भले ईवीएम सुरक्षित हैं, लेकिन सोशल मीडिया के जरिये भारतीय चुनावों में धांधली हो सकती है।

उन्होंने आरोप लगाया कि बड़ी सोशल मीडिया कंपनियां चाहें तो किसी भी पार्टी को चुनाव जिता सकती हैं। वहां व्यवस्थित तरीके से पूर्वाग्रह लागू किया जा रहा है और मेरे सोशल मीडिया हैंडल इसका एक जीवंत उदाहरण है।

बैठक के दौरान प्रतिनिधियों ने राजनीतिक लोकतंत्र और सांप्रदायिक सद्भाव जैसे प्रासंगिक मुद्दों को उठाया। राजनीतिक लोकतंत्र के बारे में पाटकर ने कहा कि यह ईवीएम के बारे में संदेह तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसका मतलब यह भी है कि वीवीपैट (वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल) से मिलान बेहद जरूरी है।

पाटकर ने सभी दलों के घोषणा पत्र की रूपरेखा तैयार किए जाने और निर्माण में नागरिकों की भागीदारी के बारे में बात की। उन्होंने कहा – ‘घोषणा पत्र को सभी राजनीतिक दलों के लिए बाध्यकारी बनाने के संबंध में कानूनी सुधार किए जाने चाहिए।’ मेधा ने किसानों के लाभ के लिए मनरेगा और श्रम कानूनों जैसे कानूनों में सुधार पर भी जोर दिया।

इस मौके पर मानवाधिकार कार्यकर्ता इरफान इंजीनियर ने सांप्रदायिक वैमनस्य, ध्रुवीकरण के मुद्दों को उठाया। गांधी ने इसके जवाब में कहा – ‘एक विचारधारा और उसके नेता समाज में वैमनस्य पैदा करने के लिए सांप्रदायिक हिंसा को रणनीतिक हथियार के रूप में बढ़ावा दे रहे हैं।’