अमेरिकी कैपिटोल में हिंसा के बाद राष्ट्रपति ट्रंप को ट्विटर, फेसबुक और अब इंस्ट्राग्राम ने भी ‘लॉक’ किया

अमेरिका में सोशल मीडिया में लगातार राष्ट्रपति चुनाव में धांधली से जुड़ी पोस्ट करने पर माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर ने एक अप्रत्याशित कदम उठाते हुए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अकाउंट पर बुधवार को 12 घंटे के लिए रोक लगा दी थी। यही नहीं फेसबुक और यूट्यूब ने भी उनके वीडियो को हटा दिया था। अब नए घटनाक्रम में एक और सोशल मीडिया साइट इंस्टाग्राम ने भी गुरूवार को डोनाल्‍ड ट्रंप को लॉक करने का ऐलान कर दिया है।

यह सारा घटनाक्रम राजधानी वॉशिंगटन में पार्लियामेंट बिल्‍डिंग कैपिटोल में राष्‍ट्रपति  ट्रंप समर्थकों और सुरक्षाकर्मियों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद घटा है। इसके बाद सोशल मीडया प्‍लेटफार्म ने उन पर रोक लगाने जैसी सख्‍ती दिखाई है। अमेरिकी  राष्ट्रपति चुनाव में धांधली संबंधी पोस्ट लगातार करने पर ट्विटर ने चेतावनी दी कि यदि भविष्य में ट्रंप ने नियमों का उल्लंघन किया तो उनके अकाउंट पर स्थायी रूप से रोक लगा दी जाएगी। उधर फेसबुक और यूट्यूब ने उनका वीडियो हटा दिया था।

अब गुरुवार को इसी घटनाक्रम के बाद सोशल मीडिया की एक अन्य साइट इंस्टाग्राम भी ट्रंप को लॉक करने की घोषणा कर दी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इंस्टाग्राम प्रमुख एडम मोसेरी ने कहा – ‘हम राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इंस्टाग्राम अकाउंट को 24 घंटे के लिए बंद कर रहे हैं।’ उधर फेसबुक के उपाध्यक्ष गॉय रोसेन ने बुधवार को कहा था कि ‘ट्रम्प के वीडियो को हटा दिया गया है क्योंकि इससे हिंसा और भड़क सकती है।’

हिंसा का घटनाक्रम तब हुआ जब वॉशिंगटन की कैपिटल बिल्डिंग में अमेरिकी कांग्रेस इलेक्टोरल कॉलेज को लेकर बहस कर रही थी। इस दौरान राष्ट्रपति ट्रम्प के समर्थकों ने हजारों की तादाद में प्रदर्शन शुरू कर दिया। कैपिटोल परिसर यह प्रदर्शन तब शुरू हुए थे, जब ट्रंप ने अपने समर्थकों को दिन में संबोधित करते हुए उनसे कैपिटल बिल्डिंग की तरफ मार्च करने की अपील की। जब समर्थक हिंसक हो गए तो ट्रंप ने अपने समर्थकों से शांति की अपील की और उनसे कहा कि हमारी पुलिस का सहयोग कीजिए, वो वास्तव में हमारे साथ हैं। आप लोग शांति बनाएं।

कैपिटोल परिसर में प्रदर्शनकारियों के घुसने के करीब दो घंटे बाद ट्रंप ने यह वीडियो पोस्ट किया था। प्रदर्शनकारी इलेक्टोरल कॉलेज के नतीजों पर संसद के संयुक्त सत्र में व्यवधान डालना चाहते थे। सत्र में नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन की जीत की पुष्टि होनी थी।