भारी आयात की वजह से भारत में विदेशी मुद्रा की कमी का संकट हमेशा से बना रहा है. खास तौर पर आजादी के शुरुआती दशकों में तो यह संकट काफी गहरा था. तब हमें बड़े पैमाने पर खाद्यान्न भी आयात करना पड़ता था. इसके चलते अर्थव्यवस्था विदेशी ऋण पर निर्भर रहती थी. भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी हज नोट इसी दौर की घटना है.