स्तनपान कराने वाली मांएं भी लगवा सकती हैं कोरोना टीका

देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने हर तबके को प्रभावित किया है। अब इससे निजात पाने के लिए सभी चाहते हैं कि जल्द से जल्द टीका लगवाना चाहिए। ऐसे में कई लोगों में भ्रम है कि किनको टीका नहीं लगवाना चाहिए। गर्भवती महिलाओं और दूध पिलाने वाली महिलाएं या फिर किसी बीमारी से जूझ रहे हों या कोई ऑपरेशन करवाया है, जैसे तमाम सवाल हैं, जिनहा हम यहां निदान करने की कोशिश करेंगे।

कोरोना टीकाकरण पर सरकार को सुझाव देने वाले विशेषज्ञों के समूह ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को वैक्सीन को लेकर नए सुझाव दिए हैं और इनमें कहा गया है कि स्तनपान कराने वाली मांएं भी वैक्सीन लगवा सकती हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के विशेषज्ञों के एक समूह ने इस सुझाव को मान लिया है और इसे आम लोगों के लिए जारी भी कर दिया है। फिलहाल गर्भवती महिलाओं को वैक्सीन देने के मामले पर विशेषज्ञ अभी अंतिम नतीजे तक नहीं पहुंच सके हैं। इसलिए तब तक ऐसी महिलाओं को परहेज करना चाहिए।

इसके अलावा कई और सुझाव भी दिए हैं, जिनमें बताया गया है कि अगर कोई व्यक्ति वैक्सीन का पहला टीका लेने के बाद कोरोना से संक्रमित होता है तो उसे कितने दिनों के बाद दूसरा टीका लेना चाहिए। वैक्सीन पर सरकार को सुझाव देने वाले एक्सपर्ट ग्रुप ने कहा है कि वैक्सीन की पहली डोज लेने के बाद अगर कोई व्यक्ति कोरोना से संक्रमित होता है तो उसे ठीक होने के तीन महीने बाद ही वैक्सीन की दूसरी खुराक लेनी चाहिए। साथ में ऐसे लोग जो पहली डोज लेने के बाद संक्रमित हो जाएं और उनका उपचार प्लाज्मा थेरेपी से किया गया हो, उन्हें भी अस्पताल से डिस्चार्ज होने के तीन माह बाद ही दूसरी वैक्सीन डोज लेने की सलाह दी गई है।

विशेषज्ञों के समूह के सुझावों में यह भी कहा गया है कि ऐसे लोग जो अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रसित हों और उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती हों, उन्हें भी ठीक होने के 4-8 हफ्ते के बाद ही टीका लगवाना चाहिए। स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक्सपर्ट ग्रुप (एनईजीवीएसी) के इन सभी सुझावों को मानने के बाद सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया है कि वे अपने सभी संबंधित अधिकारियों को इन नए नियमों से अवगत कराएं और प्रक्रिया के दौरान इन नए नियमों का ध्यान रखें।

यदि किसी शख्स को कोरोना का संक्रमण नहीं हुआ तो भी टीका ले सकते हैं। इसके लिए जरूरी है कि पूर्व में कराए गए किसी भी ऑपरेशन और टीके के बीच का अंतराल कम से कम दो महीने होना चाहिए। संक्रिमत होने के बाद रक्तदान के सवाल पर विशषज्ञों ने कहा कहना है कि इमरजेंसी में कोरोना की रिपोर्ट निगेटिव होने पर 15 दिन बाद भी खून दे सकते हैं, लेकिन बेहतर होगा कि आप कोरोना से ठीक होने के एक महीने बाद ही रक्तदान करें।