सोनिया गांधी के निमंत्रण पर जुटा विपक्ष, भाजपा के खिलाफ देशहित में साथ आने की गांधी की अपील

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शुक्रवार शाम अपने आवास पर विपक्ष के बड़े नेताओं के साथ बैठक कर विपक्षी एकता की तरफ एक और कदन बढ़ाया। इस मौके पर 19 विपक्षी दलों के नेता शामिल हुए जिनमें सीएम ममता बनर्जी, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, सीएम एमके स्टालिन, फारूक अब्दुल्ला, सीएम हेमंत सोरेन, सीएम सीएम उद्धव ठाकरे और सीताराम येचुरी जैसे दिग्गज शामिल रहे।

हाल में विपक्षी दलों के साथ कांग्रेस की यह तीसरी बैठक है जिसमें एक राहुल गांधी की नाश्ते की बैठक भी शामिल है। बैठक में सोनिया गांधी ने सभी नेताओं से देशहित में संसद और संसद के बाहर एकजुट होने की अपील की।

अगले साल उत्तर प्रदेश सहित अन्य प्रदेशों में होने वाले विधानसभा के चुनावों से पहले कांग्रेस की विपक्ष को एकजुट करने की यह कोशिशें भाजपा की परेशानी बढ़ा सकती हैं। कांग्रेस की इस बैठक में बसपा और सपा के अलावा आप को भी न्योता नहीं मिला था। आप ने कहा कि उसे कांग्रेस की तरफ से न्योता ही नहीं मिला था। कांग्रेस उत्तर प्रदेश में प्रियंका गांधी को आगे करके चुनाव में उतरने की तैयारी कर रही है जिससे बसपा और सपा में बेचैनी है।

सोनिया गांधी की आज की बैठक में 19 विपक्षी दलों के नेता शामिल हुए। इनमें टीएमसी, एनसीपी, डीएमके, शिवसेना, जेएमएम, भाकपा, माकपा, फारूक अब्दुल्ला की नेशनल कॉन्फ्रेंस, आरजेडी, एआईयूडीएफ, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी, लोकतांत्रिक जनता दल, जनता दल सेकुलर, राष्ट्रीय लोक दल, केरल कांग्रेस (एम), वीसीके, आरएसपी और आईएयूएमएल शामिल हैं। ममता बनर्जी और शरद पवार के इस बैठक में शामिल होने को बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष अब भाजपा की सामने एक मजबूत विकल्प के रूप में खड़ा होने की कोशिश करता दिख रहा है। विपक्ष के कई नेता कह चुके हैं कि कांग्रेस के बिना विपक्ष एक मजबूत विकल्प नहीं बन सकता लिहाजा कांग्रेस को आगे आना चाहिए। कांग्रेस नेता राहुल गांधी की अब विपक्ष के नेताओं से मिल रहे हैं।

आज की बैठक में सोनिया गांधी ने कहा – ‘यह एकता भविष्य में भी संसद से लेकर बाहर तक दिखेगी।’ सोनिया ने 2024 की सियासी लड़ाई की भी बैठक में बात की और कहा अगले लोकसभा चुनाव के लिए सभ्यी विपक्षी दलों को साझा रूप से रणनीति बनाने की सख्त ज़रुरत है। गांधी ने कहा – ‘हम सबके अपने-अपने राजनीतिक मतभेद हो सकते हैं। लेकिन इन्हें परे रखकर राष्ट्रहित में हम एक साथ आ सकते हैं। कांग्रेस की तरफ से इस तरह की कोशिशों में कोई कमी नहीं मिलेगी।’