बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी अब एनडीए में सहयोगी की बजाए बेरूखी पर उतर गए हैं। उन्होंने शुक्रवार (22 मार्च) को सांप्रदायिक शांति किसी भी कीमत पर बनाने के मुद्दे रखने पर भाजपा की खिलाफत की।
राज्य में अभी हाल ही हुई पराजय के बाद से भाजपा के नेता सांप्रदायिक हिंसा छेड़ रहे हैं। तमाम प्रयासों के बाद उप चुनावों मेें तीन सीट पर हुए मुकाबले में राजग (एनडीए)केवल एक ही सीट पर जीत सका। इसके बाद से अररिया, दरभंगा और भागलपुर जिलों में सांप्रदायिक तनाव घिनौना रूप ले रहा है। प्रशासन की चुस्ती के चलते पूरे मामले को किसी तरह संभाला जा सका लेकिन तनाव तो है ही।
राष्ट्रीय जनता दल ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा है। मुख्यमंत्री उत्तेजित होकर साफ कहते हैं कि भ्रष्टाचार के खिलाफ में जिस तरह खड़ा हूं उसी तरह मैं सांप्रदायिक हिंसा नहीं फैलने दूंगा। उन्होंने पटना में हुए एक जलसे में भाजपा को झिड़काते हुए कहा, हम सहयोगी पार्टी हैं और मैं इस सरकार का नेतृत्व करता हूं।
उन्होंने एक ही दिन पहले केंद्रीय मंत्री और एलजेपी प्रमुख रामविलास पासवान के इस बयान का समर्थन किया था जिसमें पासवान ने मांग की थी कि भाजपा मुसलिम विरोधी अपनी छवि को छोड़े। नीतीश ने कहा, पासवान छोटे नेता नहीं है जो भी उन्होंने कहा है। मैं उनका समर्थन करता हेू। वे मुझसे मिले और हमने कई मुद्दों पर बातचीत की। हम एक-दूसरे के विचारों का सम्मान करते हैं।