राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और एनसीआर में लगातार बढ़ रहे वायु प्रदूषण पर सर्वोच्च न्यायालय ने गुरुवार को शहर में खतरनाक स्तर तक बढ़ चुके वायु प्रदूषण के स्तर के बीच स्कूल खोलने के लिए दिल्ली सरकार की कड़ी खिंचाई की है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और दिल्ली सरकार को वायु प्रदूषण नियंत्रण उपायों को लागू करने के लिए गंभीर योजना बनाने के लिए 24 घंटे की समय सीमा तय की है।
सुनवाई के दौरान सर्वोच्च अदालत ने दिल्ली सरकार से पूछा कि जब सरकार ने वयस्कों के लिए वर्क फ्रॉम होम लागू किया तो बच्चों को स्कूल जाने के लिए क्यों मजबूर किया जा रहा है? आज इस मामले पर सुनवाई हुई। कोर्ट ने राज्यों और केंद्र को फटकार लगाई। साथ ही उन्हें 24 घंटे के अंदर प्रदूषण नियंत्रण पर गंभीर योजना पेश करने का आदेश दिया।
इस मसले पर गुरुवार को दोबारा सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने कहा – ‘हमें लगता है कि वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ने के बावजूद इस समस्या से निपटने के लिए कुछ नहीं किया जा रहा है।’ सुनवाई के दौरान सर्वोच्च न्यायालय ने दिल्ली सरकार से सीएनजी बसों को लेकर भी सवाल किया।
सर्वोच्च अदालत में यह सुनवाई दिल्ली के एक छात्र 17 वर्षीय आदित्य दुबे की राजधानी में बढ़ते प्रदूषण के खिलाफ दायर याचिका पर हो रही है। बता दें दिल्ली में
दिवाली के बाद से ही हवा खराब या गंभीर श्रेणी में दर्ज की जा रही है। सुप्रीम कोर्ट ने एनसीआर और आसपास के इलाकों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग से कहा कि आपात स्थिति में आपको आकस्मिक तरीके से काम करना होगा।