सिसोदिया, शराब, गिरफ़्तारी और इस्तीफ़ा
शैलेंद्र कुमार ‘इंसान’
जिसकी लाठी, उसकी भैंस। राजनीति में यह कहावत बिलकुल सटीक बैठती है। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया की गिरफ़्तारी पर राजनीतिक भूचाल आ गया है। सीबीआई ने उन्हें कई बार की छापेमारी और लम्बी-लम्बी पूछताछ के बाद दिल्ली आबकारी नीति घोटाले के आरोप में गिरफ़्तार किया है। गिरफ़्तारी से पहले 26 फरवरी को सुबह क़रीब 11 बजे से आठ घंटे की पूछताछ हुई। बता दें सत्येंद्र जैन पहले से ही तिहाड़ जेल में हैं। ईडी ने उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग के केस में गिरफ़्तार कर रखा है।
अब मनीष सिसोदिया के भी गिरफ़्तारी सरकार की दिक़्क़तें और बढ़ेंगी। सीबीआई मुख्यालय में पेशी से पहले ही जहाँ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उप मुख्यमंत्री की गिरफ़्तारी को लेकर भाजपा की मंशा को भाँपते हुए आशंका जतायी थी, वहीं ख़ुद मनीष सिसोदिया ने आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं और दिल्ली की जनता से भावुक अपील की थी। मनीष सिसोदिया ने कहा था कि मैंने कुछ ग़लत नहीं किया है। उन्हें ग़लत तरीक़े से फँसाया जा रहा है। मुझे गिरफ़्तार किया जा सकता है। मेरे बीबी बच्चे हैं। बेटा कॉलेज में पड़ता है। मेरे बच्चों का ध्यान रखना। मनीष सिसोदिया की गिरफ़्तारी से दिल्ली ही नहीं, देश में भी रोष है।
भाजपा मुख्यालय को आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं और लोगों ने घेरने की कोशिश की है। केंद्र सरकार ने भाजपा मुख्यालय, उप राज्यपाल वी.के. सक्सेना के आवास, सीबीआई मुख्यालय और आम आदमी पार्टी के मुख्यालय पर भारी सुरक्षा बल तैनात कर दिया है। सीबीआई ने उन्हें 27 फरवरी को दिल्ली की राउज एवेन्यू अदालत में पेश किया और पाँच दिन की हिरासत की माँग की, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया। दो लोक सेवकों सहित सात अभियुक्तों के ख़िलाफ़ पहले से ही चार्जशीट दायर की गयी है। कयास लग रहे हैं कि केजरीवाल पर भी तिरछी नज़र है।
इधर, मनीष सिसोदिया की गिरफ़्तारी के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पत्नी और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ सिसोदिया के आवास पर उनके परिवार से मिलने पहुँचे। जहाँ उन्होंने भाजपा पर कई आरोप लगाया। वहीं, आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता, नेता और कुछ हद तक दिल्ली के लोग सिसोदिया की गिरफ़्तारी के विरोध में भाजपा मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं। कार्यकर्ता हिरासत में लिये गये। आम आदमी पार्टी देश भर में हल्ला-बोल नाम से विरोध प्रदर्शन कर रही है। कई नेताओं, अभिनेताओं ने सिसोदिया की गिरफ़्तारी के विरोध में आवाज़ उठायी है। हालाँकि कांग्रेस इस मामले में ख़ामोश है।
अब सीबीआई कह रही है कि सिसोदिया के ख़िलाफ़ कई सुबूत मिले हैं। उसने यह भी कहा है कि सिसोदिया जाँच में सहयोग नहीं कर थे। जवाब में टालमटोल कर रहे थे। कई सवालों पर मौन रहने और सुबूत मिटाने के आधार पर उन्हें गिरफ़्तार किया गया। वहीं आम आदमी पार्टी का कहना है कि सिसोदिया के ख़िलाफ़ सीबीआई ने दर्ज़न भर बार जाँच की, उनका घर खंगाला गया, बैंक लॉकर खंगाला गया, उनके दफ़्तर पर दबिश दी गयी; लेकिन कोई सुबूत उनके ख़िलाफ़ नहीं मिला। इसके बावजूद केंद्र सरकार ख़ुद का भविष्य ख़तरे में देखते हुए देश के सबसे अच्छे शिक्षा मंत्री को जेल में डालकर मनीष सिसोदिया की देश भर में बढ़ती प्रसिद्धि और स्वच्छ छवि को ख़राब करना चाहती है। वहीं भाजपा कथित रूप से आरोप लगा रही है कि शराब कारोबारियों को लाइसेंस देने के बदले रिश्वत ली गयी और 10,000 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है।
शराब की कहानी शुरू हुई कोरोना-काल में हुई तालाबंदी से शुरू हुई, जब आम आदमी पार्टी ने शराब में एक के साथ एक मुफ़्त की योजना चलायी। भाजपा ने तभी से आम आदमी पार्टी पर निशाना साधना शुरू कर दिया था, जिसमें मनीष सिसोदिया और अरविंद केजरीवाल निशाने पर रहे। उस दौरान केजरीवाल के आवास पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने हमले भी किये।
बता दें कि 1 जुलाई, 2021 को नयी आबकारी नीति में भ्रष्टाचार के आरोपों के सम्बन्ध में दिल्ली के उप राज्यपाल ने मुख्य सचिव से रिपोर्ट माँगी। 22 जुलाई, 2022 को मुख्य सचिव की 8 जुलाई की रिपोर्ट के आधार पर उप राज्यपाल ने सीबीआई से जाँच करने की मंज़ूरी दी। 28 जुलाई, 2022 को दिल्ली सरकार ने नयी शराब नीति वापस ले ली। 17 अगस्त, 2022 को आबकारी मामले में सीबीआई में मनीष सिसोदिया समेत 16 लोगों के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज हुई। 19 अगस्त, 2022 को मनीष सिसोदिया के घर और दफ़्तर में सीबीआई ने छापेमारी की, कुछ दस्तावेज़ और उपकरण ज़ब्त किये। 30 अगस्त, 2022 को सीबीआई ने ग़ाज़ियाबाद की पंजाब नेशनल बैंक में सिसोदिया के बैंक लॉकर को खँगाला। 1 सितंबर, 2022 को दिल्ली सरकार ने पुरानी आबकारी नीति फिर से लागू की। 6 सितंबर, 2022 को सीबीआई के बाद ईडी ने भी नयी आबकारी नीति मामले में जाँच मामले में 35 से अधिक जगहों पर छापे मारे गये।
19 सितंबर, 2022 को ईडी ने आप विधायक और एमसीडी चुनाव प्रभारी दुर्गेश पाठक से 10 घंटे पूछताछ की। 27 सितंबर, 2022 को सीबीआई ने आम आदमी पार्टी के कम्यूनिकेशन और सोशल मीडिया इंचार्ज विजय नायर को गिरफ़्तार किया। 28 सितंबर, 2022 को मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत ईडी ने शराब कारोबारी समीर महेंद्रू को गिरफ़्तार किया। 7 अक्टूबर, 2022 को ईडी ने देश भर में 30 से अधिक जगहों पर छापे मारे और एक शख़्स के घर से एक करोड़ रुपये बरामद किये। 17 अक्टूबर, 2022 को सीबीआई ने मनीष सिसोदिया से आठ घंटे पूछताछ की। 25 नवंबर, 2022 को सीबीआई ने पहली चार्जशीट दाख़िल की, जिसमें मनीष सिसोदिया आरोपी नहीं थे। 30 नवंबर, 2022 को ईडी ने एक रिपोर्ट दी, जिसमें केस में तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव की बेटी के. कविता का नाम सामने आया। 11 दिसंबर, 2022 को सीबीआई ने के. कविता से पूछताछ की। 2 फरवरी, 2023 को ईडी ने आबकारी नीति मामले में चार्जशीट दाख़िल की, जिसमें पहली बार मुख्यमंत्री केजरीवाल का नाम भी आया।
18 फरवरी, 2023 को सीबीआई ने सिसोदिया को समन भेजा। 19 फरवरी, 2023 को सिसोदिया ने सीबीआई से कुछ दिनों की मोहलत माँगी। 20 फरवरी, 2023 को सीबीआई ने सिसोदिया को एक हफ़्ते की मोहलत दी। और आख़िर में 26 फरवरी, 2023 को आठ घंटे की पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ़्तार कर लिया। गिरफ़्तारी के दो दिन बाद मनीष सिसोदिया ने इस्तीफ़ा दे दिया। इसके साथ सत्येंद्र जैन ने भी इस्ताफ़ा दे दिया। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दोनों मंत्रियों के इस्ती$फे मंज़ूर कर लिये। सिसोदिया के पास वित्त विभाग, योजना विभाग, गृह, शिक्षा, उच्च एंव तकनीकि शिक्षा, स्वास्थ्य, लोक कल्याण विभाग, सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग, शहरी विकाश आबकारी, कला, संस्कृति एवं विभाग, सेवा, भू एवं इमारत, जल बोर्ड समेत कुल 18 विभागों की ज़िम्मेदारी थी।