सच्चे पर्यावरण रक्षक

दरिपल्ली रामय्या नि:स्वार्थ भाव से लगा चुके हैं एक करोड़ से अधिक पौधे

आजकल लोग एक पौधा लगाकर फोटो खिंचाते हैं और बड़े शौक़ से सोशल मीडिया पर डालते हैं। लेकिन कई लोग ऐसे भी हैं, जो प्रकृति को बचाना और पौधरोपण को अपना धर्म और परम् कर्तव्य समझते हैं। लेकिन दक्षिण भारत में दरिपल्ली रामय्या नाम के एक व्यक्ति ने एक करोड़ से अधिक पौधे लगाकर भी कभी ढिंढोरा नहीं पीटा।


दरिपल्ली रामय्या एक पढ़े-लिखे, प्रकृति प्रेमी, साइकिल पर सफ़र करने वाले सीधे-सादे व्यक्ति हैं, जिन्हें सिर्फ़ इतना अच्छी तरह पता है कि वृक्षों का मनुष्य के जीवन में क्या महत्त्व है। इसी बिना पर अपने जुनून को अंजाम देने में लगे इस अवलिया ने लोगों की परवाह किये बग़ैर इस महान् कार्य को किया, वह भी बिना कोई उपद्रव या शोर किये। पौधरोपण का इतना जुनून कि गाँव के कुछ लोग इन्हें पागल मानते हैं और कहते हैं कि वह सिर्फ़ अपना समय बर्बाद कर रहा है। लेकिन काम जारी है। यह ऐसा था मानो वह जुनूनी हो। इस अवलिया का नाम है दरिपल्ली रामय्या। वह तेलंगाना राज्य के खंमम ज़िले का निवासी है। उनके गाँव के लोग ही इस तरकीब को जानते हैं। इसीलिए कुछ लोग इसे चेट्टला रामय्या भी कहते हैं। तेलुगु के शब्द चेट्टू का अर्थ होता है- वृक्ष। फिर वह झाड़ वाला रामय्या बन गया।