संसद में कुछ शब्दों और वाक्यों पर लगा बैन, विपक्ष ने शब्दों के चयन पर आपत्ति दर्ज की

लोकसभा सचिवालय ने असंसदीय शब्द 2021 शीर्षक के तहत कुछ शब्दों और वाक्यों की सूची तैयार की है, जिन्हें संसद की कार्यवाही के दौरान इस्तेमाल करना गलत और असंसदीय माना जाएगा। संसद के दोनों सदनों में शब्दों के इस्तेमाल को लेकर नई गाइडलाइन जारी की गई है।

बता दे इस सूची को सभी सांसदों को भेजा गया है और विपक्षी सासंद इसकी आलोचना कर रहे है। इन नए नियमों के मुताबिक गद्दार, घड़ियाली आंसू, जयचंद, शकुनी, भ्रष्ट जैसे कई शब्दों और मुहावरों पर रोक लगा दी गई है।

यदि कोई लोकसभा सचिवालय द्वारा जारी की नई बुकलेट के अनुसार ऐसे शब्दों का इस्तेमाल करेगा तो वह अमर्यादित आचरण माना जाएगा और ये सदन की कार्यवाही का हिस्सा नहीं होंगे। विपक्ष ने शब्दों के चयन पर गहरी आपत्ति दर्ज की है।

तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने ट्वीट कर कहा कि, “कुछ ही दिनों में संसद का सत्र शुरू होने वाला है। सांसदों पर पाबंदी लगाने वाला आदेश जारी किया गया है, अब हमें संसद में भाषण देते समय इन बुनियादी शब्दों का उपयोग करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। शर्म आनी चाहिए, दुर्व्यवहार किया, धोखा दिया, भ्रष्ट, पाखंड, अक्षम। मैं इन शब्दों का इस्तेमाल करूंगा। मुझे निलंबित कर दीजिए। लोकतंत्र के लिए लड़ाई लडूंगा।“

टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने भी ट्वीट कर कहा है कि, “आपके कहने का यह मतलब है कि अब मैं लोकसभा में यह भी नहीं बता सकती ही हिंदुस्तानियों को एक अक्षम सरकार ने कैसे धोखा दिया है, जिन्हें अपनी हिपोक्रेसी पर शर्म आनी चाहिए?”

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेता जयराम रमेश ने ट्वीट कर कहा कि, “मोदी सरकार की असलियत बताने के लिए विपक्ष द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले सभी शब्दों को अब ‘असंसदीय’ माना जाएगा। अब आगे क्या विषगुरु?”

आपको बता दें, संसद की कार्यवाही के दौरान संसद के सदस्य कर्इ बार ऐसे शब्दों का इस्तेमाल कर जाते है जिन्हें सभापति या अध्यक्ष के आदेश से बाद में रिकॉर्ड या कार्यवाही से निकाल दिया जाता है।