विधायकों की ख़रीद-फ़रोख़्त दुर्भाग्यपूर्ण

सही क़ीमत लगओ, तो हर चीज़ बिकाऊ होती है। झारखण्ड में इन दिनों इस बात की चर्चा आम है। लोग चुहल कर रहे हैं कि ‘झारखण्ड में विधायक बिकता है; बोलो ख़रीदोगे!’ यह भले ही लोगों में हँसी-मज़ाक़ की बात हो; लेकिन माननीयों को इस पर विचार करने की ज़रूरत है। क्योंकि कुछ बिकाऊ विधायकों के कारण सारे विधायकों की प्रतिष्ठा पर दाग़ लग रहा है।

पिछले दो दशक से कभी ऐसा मौक़ा नहीं आया, जब विधायकों के ख़रीद-फ़रोख़्त की बात सामने न आयी हो। यही वजह है कि अलग राज्य गठन के 22 वर्ष बाद भी झारखण्ड में जितना विकास होना चाहिए था, वह नहीं हो पाया। इन दिनों झारखण्ड की सियासत इन्हीं सब बातों में उलझी हुई है। इसकी वजह तीन कांग्रेसी विधायकों का पश्चिम बंगाल में पुलिस द्वारा भारी मात्रा में नक़दी के साथ गिरफ़्तार किया जाना है। इसे लेकर झारखण्ड से कोलकाता, असम और दिल्ली तक हलचल मची हुई है। इस प्रकरण में कई सवालों के जवाब सब ढूँढ रहे हैं।

नक़दी के साथ विधायक गिरफ़्तार
झारखण्ड के तीन कांग्रेसी विधायक इरफ़ान अंसारी, नमन विक्सल कोंगाड़ी और राजेश कच्छप को 30 जुलाई को पश्चिम बंगाल पुलिस ने 49 लाख रुपये की नक़दी के साथ गिरफ़्तार किया। तीनों विधायक एक गाड़ी से होकर पूर्व मिदनापुर की ओर जा रहे थे। पांचला थाना के अधीन रानीहाटी मोड़ के पास तलाशी में रुपये बरामद हुए। शुरुआती पूछताछ में उन्होंने कहा कि आदिवासी दिवस पर साड़ी बाँटने के लिए वे बंगाल से साड़ी ख़रीदने के लिए पैसे लेकर आये थे। पुलिस ने तीनों को गिरफ़्तार कर मामले को सीआईडी के सुपुर्द कर दिया। न्यायालय से 10 अगस्त तक के लिए सीआईडी की हिरासत में भेज दिया गया है, जहाँ उनसे पूछताछ की जा रही है।

घटना के दूसरे दिन प्रदेश कांग्रेस ने तीनों विधायकों को निलंबित कर दिया। उधर कांग्रेस के अन्य विधायक कुमार जयमंगल उर्फ़ अनूप सिंह ने सरकार गिराने की बात रांची के अरगोड़ा थाने में एफआईआर दर्ज करायी है। इस एफआईआर में अनूप सिंह ने साफ़-साफ़ लिखा है कि विधायक इरफ़ान अंसारी, राजेश कच्छप और नमन विल्सन कोंगाड़ी ने कहा है कि वे मुझे कोलकाता बुला रहे थे और प्रति विधायक 10 करोड़ रुपये और मंत्री पद देने की बात कह रहे थे। उन्होंने इसका लिंक असम से जोड़ा। एफआईआर में असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा का भी ज़िक्र किया है। जहाँ से यह डील हो रही थी। तीनों विधायकों के असम जाने की भी बात सामने आयी। इस बीच अनूप सिंह के ख़िलाफ़ भी अरगोड़ा थाने में मामला दर्ज कराया गया है। दीपक राव सिंह नामक व्यक्ति ने थाने में की शिकायत में कहा है कि अनूप सिंह द्वारा तीनों विधायकों पर लगाया गया आरोप झूठा है। अनूप का पहले से असम के मुख्यमंत्री से सम्पर्क है। उनकी एक तस्वीर भी असम के मुख्यमंत्री के साथ वायरल हुई है। अनूप सिंह ने सफ़ाई दी है कि वह इंटक मामले को लेकर मिलने के लिए गये थे, जिसकी जानकारी मुख्यमंत्री और पार्टी के प्रदेश प्रभारी को दे दी थी।

हर कांग्रेस विधायक पर शक
इस घटना के बाद कांग्रेस का हर विधायक शक के दायरे में आ गया है। कांग्रेस के टूटने की बात लम्बे समय से आ रही है। पार्टी के 17 विधायक हैं। इनमें से 13 के टूटने की बात थी। अभी तथाकथित तीन विधायक सामने आये हैं। यानी सवाल उठ रहा कि 10 कौन? क्योंकि विधानसभा में सरकार बनाने के लिए 41 का आँकड़ा चाहिए। भाजपा के पास आजसू के दो विधायकों को मिलाकर केवल 28 विधायक हैं। यानी अगर भाजपा को सरकार बनना है, तो कम-से-कम 13 और विधायकों का समर्थन चाहिए। इस बीच सरकार में मंत्रिमंडल बदलने की भी चर्चा शुरू हो गयी है। जल्द ही नये मंत्रिमंडल के गठन की उम्मीद है, जिसमें कांग्रेस के मौज़ूदा चार मंत्रियों में से दो-तीन का पत्ता साफ़ होना तय माना जा रहा है।