‘तहलका’ के पिछले अंक में हमने ख़ुलासा किया था कि कैसे एक पुरानी आदिवासी ‘नाता प्रथा’ का अभी भी कुछ राज्यों में बिना किसी रोक-टोक के लिव-इन रिलेशनशिप के लिए एक बहाने के रूप में दुरुपयोग किया जा रहा था। इस प्रथा में महिलाओं से पैदा हुए बच्चों को व्यावहारिक रूप से बिना किसी अधिकार के गम्भीर स्थितियाँ झेलने के लिए छोड़ दिया जाता है। इस अंक में हमारा ध्यान एक महत्त्वपूर्ण मुद्दे पर है कि कैसे मशहूर हस्तियाँ और नामी लोग सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफाम्र्स पर व्यूज, लाइक, कमेंट और फॉलोअर्स की संख्या बढ़ाते हैं और ब्रांड एंडोर्समेंट हासिल करते हैं। आज के ज़माने में हम सूचना और अधिकांश सवालों के जवाब के लिए सर्च इंजन की ओर रुख़ करते हैं। यह वो जगह है, जहाँ सोशल मीडिया पर फ़र्ज़ी लोकप्रियता और बदनामी का नये युग का व्यवसाय प्रचलन में आया है। इसके साथ ही एसईओ (सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन) की अवधारणा है अर्थात् आपकी सामग्री को आसानी से खोजने योग्य बनाना और खोज परिणामों में उच्च स्तर पर दिखाने का कारोबार। इसमें अधिकांश मामलों में पैसे से संदिग्ध उपकरणों का उपयोग करते हुए लोकप्रियता को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया जाता है। सम्भावित ग्राहकों के रूप में सच्चाई का पता लगाने के लिए ‘तहलका’ ने इसकी जाँच की और चौंकाने वाले ख़ुलासे हुए। यह पाया गया कि ऐसी कंसल्टेंसी कम्पनियाँ हैं, जो पूर्व निर्धारित राशि के आधार पर फेसबुक, ट्विटर, यूट्यूब और इंस्टाग्राम जैसी लोकप्रिय सोशल मीडिया साइट्स पर फॉलोअर्स, फ़र्ज़ी व्यूज, कमेंट और लाइक प्रदान करने का दावा करती हैं। अपने पाठकों के लिए हम अपनी कवर स्टोरी में झूठ के इस कारोबार को नाकाम करने के लिए ऐसी परामर्श कम्पनियों के साथ हमारी विशेष जाँच टीम (एसआईटी) की बातचीत भी दे रहे हैं।
जो इंटरनेट पर सर्च इंजन रोबोट का उपयोग करते हैं, वेब पेजों को क्रॉल करते हैं, ताकि यह निर्धारित किया जा सके कि उनमें कौन-सी सामग्री है। अधिक जानकारी इकट्ठी करने के लिए बोट कोड को लिखित मैटर, फोटो, वीडियो और जो वेब पेजों पर दिखायी देता है, उससे स्कैन करते हैं। एक बार जब प्रत्येक पृष्ठ पर जानकारी उपलब्ध करा दी जाती है और यह निर्धारित कर लिया जाता है कि यह सामग्री उनके खोजकर्ताओं के लिए उपयोगी होगी, तो वे सम्भावित खोजकर्ताओं के लिए इन पृष्ठों को अपनी अनुक्रमणिका में जोड़ देते हैं। जब कोई सर्च करता है, तो उनका एल्गोरिदम उपयोगकर्ता की खोज क्वेरी से उनके अनुक्रमणिका में प्रासंगिक जानकारी से मेल खाता है। इस प्रक्रिया में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म प्रत्येक खोजकर्ता के लिए सामग्री प्रदर्शित होने के क्रम को प्रबंधित करने के लिए संकेतों का उपयोग करते हैं। साइट्स पर ट्रैफिक लाने के लिए ऑन-पेज और ऑफ-पेज एसईओ दोनों का उपयोग किया जाता है।