पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने शनिवार को दो दिन पुराना अपना अनशन तब ख़त्म कर दिया जब लखीमपुर खीरी हिंसा मामल के मुख्य आरोपी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा आज सुबह लखीमपुर में क्राइम ब्रांच के अधिकारियों के सामने पूछताछ के लिए हाजिर हो गए।
बता दें आशीष मिश्रा की गिरफ्तारी की मांग को लेकर सिद्धू ने 3 अक्टूबर की हिंसा में मारे गए पत्रकार रमन कश्यप के लखीमपुर आवास पर शुक्रवार को मौन धारण कर लिया था। सिद्धू ने घटना के मुख्य आरोपी गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा की गिरफ्तारी तक मौन धारण कर अनशन की घोषणा कर दी थी।
सिद्धू के साथ पंजाब कांग्रेस के अलावा दूसरे राज्यों के पार्टी नेता और कार्यकर्ता भी उपस्थित हैं। सिद्धू कल टिन शेड के नीचे तख्त पर लेते रहे। सिद्धू को मनाने की अफसरों की कोशिश भी नाकाम रही। इससे पहले सिद्धू, पंजाब के लोक निर्माण मंत्री विजय इंदर सिंगला, विधायकों राजकुमार चब्बेवाल, कुलजीत सिंह नागरा, रविंदर सिंह और मदनलाल जलालपुर के अलावा कांग्रेस नेताओं गुरदीप सिंह, गौरव संधू और ओएसडी सुमित सिंह के साथ रमन कश्यप के घर पहुंचे।
पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष सिद्धू ने करीब आधा घंटा रमन की पत्नी, माता-पिता और भाइयों से बात की और घटना और तमाम हालात की जानकारी ली। उन्होंने परिजनों को सांत्वना दी और मदद का भरोसा भी दिलाया। इसके तुरंत बाद जैसे ही सिद्धू दिवंगत पत्रकार के घर से बाहर निकले वो वहीं एक वहीं टिनशेड के नीचे पड़े फट्टे (तख्ते) पर धरना देकर बैठ गए और बाद में मूंदकर लेट गए।
इससे पहले उन्होंने घोषणा की कि जब तक तिकुनिया मामले में गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी के इस्तीफे और उनके बेटे आशीष मिश्र की गिरफ्तारी होने तक वे मौन अनशन कर बैठे रहेंगे। उनके इस ऐलान से अफसरों के हाथ-पैर फूल गए और वहां उपस्थित लखनऊ के आईपीएस अफसर सुनील कुमार सिंह, गोला एसडीएम अखिलेश यादव और निघासन एसडीएम ओमप्रकाश गुप्ता सिद्धू को मनाने की पूरी कोशिश के लेकिन वो नहीं माने। सिद्धू तख्त पर लेट गए जिसके बाद दिवंगत पत्रकार के परिजनों ने वहां एक चद्दर बिछा दी और पंखा लगा दिया।