मैं हर जगह था वैसा ही

मैं भागलपुर में था
मैं बड़ौदा में था
मैं नरोड़ा पाटिया में था
मैं फलस्तीन में था अब तक हूं वहीं अपनी कब्र में साँसें गिनता
मैं ग्वाटेमाला में हूं
मैं ईराक में हूं
पाकिस्तान पहुँचा तो हिन्दू हुआ

जगहें बदलती हैं
वजूहात बदल जाते हैं
और मज़हब भी, मैं वही का वही!

1 COMMENT

  1. ज़बरदस्त।
    में ऐसे क्यों नहीं सोच पाई?देख सकी इस सत्यता को?
    क्यों आँखें मूंद ली मैंने।
    बधाई अशोक जी।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here