कलकत्ता उच्च न्यायालय की पाँच जजों की पीठ ने केंद्रीय जाँच ब्यूरो (सीबीआई) से सवाल किया है कि स्टिंग ऑपरेशन मामले में आरोपी चार नेताओं को पिछले सात साल में गिरफ़्तार नहीं किया, तो अब उन्हें चार्जशीट दाख़िल होने के बाद क्यों गिरफ़्तार किया जा रहा है? इस बीच सीबीआई ने कलकत्ता हाईकोर्ट की सुनवाई को स्थगित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख़ किया था, लेकिन फिर स्वयं ही अपनी याचिका वापस ले ली। केंद्र-राज्य के बीच जारी गतिरोध कोई अच्छा संकेत नहीं है और दोनों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इस घटनाक्रम के पीछे सियासी मक़सद हावी न हो। क्योंकि सियासी या सत्ता का मक़सद पूरा करने के लिए चले गये दाँव-पेच में आख़िरकार जनता पिसती है, जो किसी भी राज्य के लिए बेहतर नहीं हो सकता।
चरणजीत आहुजा