प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को राज्यसभा में कहा कि परिवारवादी राजनीति में सबसे पहली कैजुअल्टी टैलेंट की होती है। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर अपने जवाब में उन्होंने कहा कि यदि कांग्रेस न होती तो लोकतंत्र परिवारवाद से मुक्त होता। उधर मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने पीएम के जवाब का यह कहकर बहिष्कार किया कि हम प्रधानमंत्री से अपेक्षा कर रहे थे कि वे महंगाई, बेरोजगारी, किसानों के संकट और चीनी घुसपैठ पर उनके सवालों का जवाब देंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव में मोदी ने कांग्रेस को निशाने पर लिया। उन्होंने कहा – ‘परिवारवादी राजनीति में सबसे पहली कैजुअल्टी टैलेंट की होती है. यदि कांग्रेस न होती तो लोकतंत्र परिवारवाद से मुक्त होता और भारत विदेशी चस्पे के बजाय स्वदेशी संकल्पों के रास्ते पर चलता।’
कांग्रेस पर अपना हमला जारी रखते हुए पीएम ने कहा – ‘कांग्रेस न होती तो सिखों का नरसंहार न होता और पंडितों को कश्मीर न छोड़ना पड़ता, बेटियों के तंदूर में जलने की घटनाएं न होतीं, पंजाब नहीं जलता और आम आदमी को मूल सुविधाओं के लिए इतने साल इंतजार न करना पड़ता। कांग्रेस न होती तो देश पर इमरजेंसी का कलंक न होता. आज वो लोग लोकतंत्र की बात कर रहे हैं, जिन्होंने इमरजेंसी लगाई। उनके टाइम में तो छोटी-छोटी बात पर राष्ट्रपति शासन लगा दिया जाता था।’
पीएम मोदी ने कहा कि ‘हमारी सोच कांग्रेस की तरह संकीर्ण नहीं। राजनीति में परिवाद से लोकतंत्र को खतरा है। दशकों तक शासन करने वालों ने राज्यों का शोषण किया, दमन किया। कांग्रेस ने जातिवाद को बढ़ाया। सामाजिक न्याय के साथ क्षेत्रीय न्याय भी जरूरी है। कई बार कहा जाता है हम इतिहास बदलने की कोशिश कर रहे हैं। मैं देख रहा हूं कि अर्बन नक्सलियों ने कांग्रेस को अपनी सोच में फंसा लिया और उसकी दुर्दशा का फायदा उठाकर उनकी सोच पर कब्जा कर लिया।’