राजनीतिक कलह की आग में जब भी शोले भड़कते हैं, तो शिकवा-शिकायतों की चिंगारियाँ उड़े बिना नहीं रहतीं। पिता राजेश पायलट की पुण्यतिथि पर भारी भीड़ जुटाकर चुपके से अपना दर्द साझा करते हुए सचिन पायलट ने अपना दावा फिर दोहरा दिया कि पार्टी के लिए अपना सब कुछ झोंकने के बावजूद मुझे क्या मिला? जब उन्होंने उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी, तभी अंदेशों के बादल उठने लगे थे कि मुख्यमंत्री न बन पाने की ख़लिश उन्हें बेचैन किये रहेगी। कुछ हफ़्तों बाद ही उनके और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच तनाव की ख़बरें रिसने लगीं।