दिल्ली में लू चलने से स्वास्थ्य पर विपरीत असर

 

दिल्ली में भले ही मई माह में गर्मी और लू से लोगों को राहत मिली हो पर, जून के आखिरी सप्ताह में लोगों को लू और गर्म हवा से दो-चार होना पड़ रहा है। आलम ये है कि इस साल जून में बरसात ना होने से तापमान में कोई गिरावट दर्ज नहीं की गई है। 29 जून को 43 दिल्ली में अधिकतम तापमान दर्ज किया गया है। जो दस साल में सबसे गर्म दिन 29 जून का रहा है। मौसम विभाग का अनुमान है कि जुलाई के पहले सप्ताह तक हल्की बरसात होने से राहत मिल सकती है।

दिल्ली में लू और गर्मी के कारण लोगों के स्वास्थ्य पर विपरीत गहरा असर पड़ रहा है। जिसके कारण इस कोरोना काल में लोगों को भय के साथ रहना पड़ रहा है। पहले कोरोना, ब्लैक फंगस और अब उस से संबंधित बीमारी होने के कारण जरा से पेट में दर्द होने पर लोगों में बैचैनी देखी जा रही है। सरकारी और निजी अस्पतालों में तो मरीजों का तांता लगा हुआ है। जाने माने आयुर्वेदाचार्य डाँ दिव्यांग देव गोस्वामी का कहना है कि गर्मी का मौसम, सर्दी का मौसम हो या फिर बरसात का मौसम हो स्वास्थ्य के प्रति जरा सी लापरवाही घातक हो सकती है।

क्योंकि अभी कोरोना जरूर कम हुआ है। लेकिन गया नहीं है। उस पर अब डेल्टा वायरस का कहर लोगों को डरा रहा है। डाँ दिव्यांग देव का कहना है कि इस मौसम में घर से तब ही निकलें, जरूरी हो और तरल पदार्थ का सेवन अधिक करें और पेट में दर्द और बुखार हो तो नदरअंदाज ना करें।क्योंकि मौजूदा माहौल और वातावरण में जरा सी लापरवाही घातक साबित हो सकती है।