अफगानिस्तान से आ रही ख़बरें बहुत चिंता पैदा करने वाली हैं। ब्रिटेन की एक पत्रिका में दावा किया गया है कि तालिबान और उसके सहयोगी समूहों में ही सत्ता में ज्यादा ताकत हासिल करने के लिए खूनी संघर्ष छिड़ गया है। रिपोर्ट पर भरोसा किया जाए तो इस जंग में तालिबान के सर्वोच्च नेता हिबतुल्लाह अखुंदजादा की मौत हो गई है। हाल में उप प्रधानमंत्री मुल्ला बरादर को लेकर भी मीडिया में आई ख़बरें बताती हैं कि वे घायल हैं और उन्हें बंधक बनाया हुआ है। हालांकि, आधिकारिक रूप से इनकी पुष्टि नहीं हुई है।
पाकिस्तान समर्थक हक्कानी धड़ा सत्ता में ज्यादा ताकत हासिल करना चाहता है। उसके तालिबान के नेताओं के साथ जबरदस्त मतभेद और जंग शुरू हो चुकी है। यह भी बता दें कि इस गुट का नेता खलील हक्कानी संयुक्त राष्ट्र की आतंकियों की सूची में शामिल है। फिलहाल वह अफ़ग़ानिस्तान में हाल में बनी तालिबान की सरकार में शरणार्थियों से जुड़े महकमे का वजीर बनाया गया है।
पत्रिका की रिपोर्ट से जाहिर होता है कि हक्कानी गुट बरादर से बहुत खफा है कि क्योंकि वह तालिबान सरकार में गैर-तालिबानी नेताओं और अल्पलसंख्यकों को प्रतिनिधित्व देने की वकालत कर रहे हैं। उनकी इस कोशिश का मकसद दुनिया में तालिबान का उदार चेहरा दिखाना है। बरादर चाहते हैं कि कुछ देश तो तालिबान सरकार को मान्यता दें।
ब्रिटेन की एक पत्रिका के दावे के मुताबिक सत्ता में ताकत की इस जंग में तालिबान के सर्वोच्च नेता हिबतुल्लाह अखुंदजादा की मौत हो चुकी है। यही नहीं उप प्रधानमंत्री मुल्ला बरादर बंधक बनाकर रखे गए हैं। कुछ अन्य मीडिया रिपोर्ट्स में तो यह भी दावा किया गया था कि बरादर अफगानिस्तान छोड़कर कहीं और चले गए हैं और वे घायल हैं। हाल में उनका एक वीडियो सामने आया था जिसमें वे संगीनों के साए में एक ब्यान पढ़ते हुए दिखाई दिए थे।