इस बीत 13 दिन पुरानी वाजपेयी सरकार बहुमत न होने के चलते गिर गई और कांग्रेस ने संयुक्त मोर्चे को सरकार बनाने की सूरत में बाहर से समर्थन देने की हामी भर दी. लेकिन प्रधानमंत्री के तौर पर मोर्चे में वीपी सिंह के नाम पर आम राय के बावजूद उन्होंने इससे इनकार कर दिया. बताया जाता है कि तब उन्होंने ही प्रधानमंत्री के तौर पर ज्योति बसु का नाम मोर्चे को सुझाया. बसु प्रधानमंत्री बनने के लिए तैयार भी हो चुके थे लेकिन उनकी पार्टी की सेंट्रल कमेटी ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया और वे प्रधानमंत्री बनने से रह गए. बाद में बसु ने इस कदम को बड़ी राजनीतिक भूल भी कहा था.