जिला परिषद् अध्यक्ष चुनाव नहीं लड़ेगी बसपा; मीडिया हमें कभी कमजोर न आंके, मायावती बोलीं  

हाल के महीनों में ज़मीन से लगभग लापता सी हो गईं बसपा सुप्रीमो मायावती ने सोमवार को जहाँ भाजपा पर हमला किया वहीं यह भी ऐलान किया कि बसपा जिला परिषद अध्यक्ष के चुनाव में हिस्सा नहीं लेगी और इसमें ‘वक्त बर्बाद करने’ की जगह अगले विधानसभा चुनाव की तैयारी करेंगी।
मायावती, जिनकी पार्टी बसपा को हाल के महीनों में ‘भाजपा की बी टीम’ होने का तमगा मिल चुका है, ने भाजपा पर हमला इसी वजह से किया है। मायावती ने राज्य भाजपा सरकार पर हमला बोलते हुए कहा – ‘भाजपा उसी तौर-तरीके से काम कर रही है, जैसा समाजवादी पार्टी करती थी। ऐसी शैली की वजह से ही उन्होंने 1995 में सपा से अलग होने का फैसला किया था, लेकिन अब भाजपा भी वही सब कर रही है।’
इस मौके पर मायावती ने पार्टी के इस निर्णय के बारे में बताया कि बसपा जिला परिषद अध्यक्ष के चुनाव में हिस्सा लेकर अपना ‘वक्त बर्बाद नहीं करेगी’। उन्होंने कार्यकर्ताओं से अभी से विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुट जाने को कहा। मायावती ने कहा – ‘पार्टी के लोगों को निर्देश है कि वे इस चुनाव में अपना समय और ताकत लगाने की बजाय पार्टी के संगठन को मजबूत बनाने और सर्व समाज में पार्टी के जनाधार को बढ़ाने में लगाएं। इस बार उत्तर प्रदेश में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी की सरकार बन सकेगी। जब यहां बसपा की सरकार बन जाएगी तो ज़िला पंचायत अध्यक्ष खुद ही बसपा में शामिल हो जाएंगे’।
बसपा सुप्रीमो ने अपनी और अपनी पार्टी को लेकर विपक्ष पर साजिश रचने का आरोप लगाया। मायावती ने कहा कि विपक्षी जानबूझकर बसपा के कम सक्रिय होने की अफवाह फैला रहे हैं। जबकि वह खुद फरवरी से लखनऊ में हैं और लगातार बैठकें कर रही हैं। उन्‍होंने यह भी कहा कि ‘भले ही वह मीडिया में कम दिखती हों, लेकिन उन्हें कम न आंका जाए’।
प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने 2022 के चुनाव के लिए पार्टी के नारे की जानकारी भी दी – ‘यूपी और सर्वजन को बचाना है, बसपा को सत्ता में लाना है’। मायावती ने साथ ही अपने समर्थकों को विपक्ष के हथकंडों के प्रति आगाह किया। उन्‍होंने कहा – ‘विरोधी साम, दाम, दंड, भेद हर तरह की रणनीति अपना रहे हैं। इसके तहत मीडिया के जरिए जानबूझकर अफवाह फैलाई जा रही है कि बसपा आगामी यूपी विधानसभा चुनावों को लेकर सक्रिय नहीं है। जबकि ऐसा नहीं है। यह सब कार्यकर्ताओं का मनोबल और उत्‍साह कम करने की साजिश है’।
उन्‍होंने कहा कि सभी को मालूम होना चाहिए कि कोरोना की पहली लहर के मद्धिम पड़ते ही फरवरी 2021 से वह लखनऊ में ही हैं। यही नहीं कोरोना नियमों का पालन करते हुए संगठन को मजबूत बनाने के लिए लगातार छोटी-बड़ी बैठकें करती रहती हैं। उन्‍होंने मीडिया को भी बसपा को कम करके नहीं आकंने की हिदायत दी। कहा कि बसपा की राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष होने के नाते अन्‍य राज्‍यों की भी बैठकें वह करती रहती हैं। लेकिन इन बैठकों को प्रचारित करने के लिए अन्‍य दलों की तरह मीडिया को नहीं बुलातीं। उन्होंने कहा कि हम अपनी हर बात को मीडिया में नहीं रखते तो इसका मतलब यह नहीं है कि हम प्रदेश में सक्रिय नहीं है।