अक्टूबर के अधिवेशन में चीनी राष्ट्रपति को और ताक़त देने की तैयारी
चीन में राष्ट्रपति शी जिनपिंग के तख़्तापलट और नज़रबन्दी की ख़बरों के बीच बड़ी ख़बर यह है कि सत्तारूढ़ चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) ने अक्टूबर में होने वाली पार्टी की 20वीं राष्ट्रीय कांग्रेस के आयोजन की तैयारियाँ तेज़ कर दी हैं। यह माना जाता है कि जिनपिंग अगले पाँच साल के लिए एक और पारी खेलने की पूरी तैयारी कर चुके हैं। यह पहली बार नहीं है, जब जिनपिंग के ख़िलाफ़ विद्रोह की ख़बरें (अफ़वाहें) सामने आयी हैं। सच यह है कि अक्टूबर के अधिवेशन में चीनी राष्ट्रपति को और ताक़त देने की तैयारी कर ली गयी है, जो उनसे पहले सिर्फ़ माओ त्से तुंग को हासिल थी।
वैसे इस तरह की तख़्तापलट की ख़बरें पाँच साल पहले भी उड़ी थीं, जब सीसीपी में चुनाव था। शी जिनपिंग लगातार तीसरी बार पार्टी के महासचिव और चीनी सैन्य आयोग के चेयरमैन अर्थात् राष्ट्रपति बनने की ज़मीन तैयार करते रहे हैं। हालाँकि हाल में सोशल मीडिया पर उनके तख़्तापलट की ख़बरें ख़ूब चली हैं। अब जबकि 16 अक्टूबर शुरू होने वाली सीसीपी की राष्ट्रीय कांग्रेस को महीने से भी कम समय रह गया है, जिनपिंग को लेकर अफ़वाहों का दौर जारी है। सवाल यह है कि क्या सचमुच शी जिनपिंग की गद्दी ख़तरे में है? अभी तक जिनपिंग मज़बूती से सत्ता में बने हुए हैं। उनको चुनौती दिख रही है; लेकिन उनकी गद्दी कोई छीन लेगा, इसकी सम्भावना तो नहीं ही दिख रही है। ऐसे में उनको लेकर आ रही ख़बरें कोरी अफ़वाहें भी हो सकती हैं।
वैसे देखा जाए, तो जिनपिंग नवंबर, 2021 में ही और मज़बूत हो गये थे, जब चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की केंद्रीय समिति ने सुनहरे युग के लिए चीनी विशेषताओं वाले समाजवाद पर शी जिनपिंग के विचार को अंगीकार कर लिया था। तब उसकी तरफ़ से यह दावा किया गया था- ‘यह वर्तमान काल में चीनी संस्कृति और लोकाचार का सबसे बेहतर प्रतीक है और चीनी सन्दर्भ में माक्र्सवाद को अपनाने में एक नयी सफलता का प्रतिनिधित्व करता है।’
तैयारियाँ बताती हैं कि सीसीपी के हफ़्ता भर चलने वाली राष्ट्रीय कांग्रेस में जिनपिंग की महानता को महिमामंडित किया जाने वाला है, और उन्हें अगले पाँच साल के लिए फिर चेयरमैन चुन लिया जाएगा। याद रहे, सन् 2018 में जिनपिंग के अनिश्चित-काल तक सत्ता में बने रहने का रास्ता तब खुल गया था, जब चीन के राज्य संविधान में संशोधन किया गया था। जानकारों के मुताबिक, तमाम अफ़वाहों के बावजूद जिनपिंग निश्चित तौर पर फिर से सीसीपी के महासचिव और केंद्रीय सैन्य आयोग (सीएमसी) के चेयरमैन बनने जा रहे हैं। अफ़वाहें यह थीं कि समरकंद में आयोजित एससीओ की बैठक के बाद शी जिनपिंग को नज़रबन्द कर लिया गया और उन्हें सत्ता से हटा दिया गया। यहाँ तक कि भारत के बड़े राजनीतिक नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने भी इसे लेकर एक ट्वीट साझा किया। सोशल मीडिया में बीजिंग के पास हुआनलेई काउंटी में सडक़ों पर सेना की असामान्य मूवमेंट का दावा किया गया। लेकिन इसकी कभी भी पुष्टि नहीं हुई। वैसे भी चीन से इस तरह की सूचना बाहर आना लगभग असम्भव है। लिहाज़ा अफ़वाहें पाँव पसारती गयीं।