‘चक्कर का चक्कर’

पहला संदेशः चक्कर आने का मेडिकल तात्पर्य होता है घूमने की अनुभूति. आपके चारों तरफ की चीजें घूम रही हैं, जब तक यह न लगे तब तक डॉक्टर को यह न कहें कि चक्कर आ रहा है.

दूसरा संदेशः यदि घूमने की अनुभूति न लगे पर ‘चक्कर-सा’ लगता है तो सोचकर साफ बताएं कि वह क्या चीज है जिसे आप ‘चक्कर-सा’ कह रहे हैं.

तीसरा संदेशः चक्कर के साथ और क्या तकलीफें हो रही हैं, इस पर भी ध्यान दें. डॉक्टर को बताएं.

चौथा संदेशः प्रायः चक्कर स्वयं सीमित बीमारी है, परंतु कई बार यह ब्रेन आदि की किसी अत्यंत सीरियस बीमारी का द्योतक भी हो सकता है. यह ब्रेन ट्यूमर से लगाकर लकवे जैसी स्थिति का संकेत भी हो सकता है. इसलिए चक्कर हो, और सही में चक्कर ही हो तो डॉक्टर को अवश्य दिखा लें.

कुल लब्बोलुआब यह कि ‘चक्कर आ रहा है’ कहने से पहले सोच लें कि आप कह क्या रहे हैं और उसका मतलब भी समझा पा रहे हैं कि नहीं. बाद में डॉक्टर को गरियाते रहने से कुछ न होगा.

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