खुला देह व्यापार!: कोलकाता हवाई अड्डे पर खड़े अवैध टैक्सी चालक चला रहे जिस्म-.फरोशी का धंधा

अधिकतर बड़े शहरों में कुछ ऑटो, टैक्सी चालक ऐसे लोगों पर नज़र रखते हैं, जो अपनी रात रंगीन करने के लिए शराब और शबाब की तलाश में रहते हैं। इसी के मद्देनज़र ये अवैध ऑटो, टैक्सी चालक बस अड्डों, रेलवे स्टेशनों और हवाई अड्डों के उन स्टैण्ड्स पर खड़े रहते हैं, जहाँ से वे लोगों को जिस्म-फ़रोशी के ठिकानों पर ले जा सकें। कोलकाता अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर ऐसे ही अवैध टैक्सी चालक यात्रियों को लुभाने के लिए सैक्स रैकेट चलाते हैं। जब भी कोई फ्लाइट आती है, ये अवैध टैक्सी चालक दलालों के रूप में दोगुने हो जाते हैं और यात्रियों को घेरने में लग जाते हैं। यात्रियों में से अगर कोई शराब और शबाब की तलाश वाला होता है, तो इनमें से कुछ उसे शिकार की तरह झपट लेते हैं और उसके गंतव्य तक पहुँचाकर अपना कमीशन वसूलकर फिर नये ग्राहक की तलाश में अपने अड्डे पर जम जाते हैं। इसी अवैध और अनैतिक धंधे को लेकर तहलका एसआईटी की रिपोर्ट :-

भारत में कोरोना-काल था। देश में कोरोना वायरस के मामलों में काफ़ी गिरावट देखी जा रही थी। देश से तालाबंदी धीरे-धीरे हट रहा था। हम पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के आधिकारिक दौरे पर थे। हमें मिली जानकारी के मुताबिक, संवेदनशील जगह होने के बावजूद कोलकाता हवाई अड्डे की कुछ कहानियाँ थीं। दुर्भाग्य से ये कहानियाँ सकारात्मक नहीं, अपितु नकारात्मक कहानियाँ हैं; जिन्हें देश और आम जनता के हित में बताया जाना ज़रूरी है।
एक अच्छी सुबह नाश्ते के बाद हम कहानी की सच्चाई खोजने के लिए होटल से कोलकाता हवाई अड्डे के लिए निकल पड़े। महामारी से भरे साल के बाद देश में हवाई सेवाएँ फिर शुरू होने की तैयारी में थीं और दलाल सक्रिय हो चुके थे। कोलकाता हवाई अड्डा गतिविधियों से गुलजार दिख रहा था। यात्री टैक्सी की तलाश में इधर-उधर भाग रहे थे। कोलकाता हवाई अड्डे पर अवैध टैक्सी संचालकों के गिरोह ने भी वापसी कर ली थी। उन्हें यात्रियों के पीछे दौड़ते और वेश्याओं के लिए लुभाने की कोशिश करते देखा गया। उसी समय अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए आगमन द्वार संख्या-5 पर ‘तहलका’ रिपोर्टर ने एक व्यक्ति संजीव से मुलाक़ात की, जो पेशे से दलाल और टैक्सी चालक था। रिपोर्टर ने ख़ुद को संजीव के सामने एक व्यवसायी के रूप में पेश किया।
यह जानने के तुरन्त बाद कि हम दिल्ली से हैं और किसी व्यावसायिक कार्य के लिए कोलकाता आये हैं; संजीव ने हमें 14 और 15 वर्ष आयु की नाबालिग़ लड़कियों को शारीरिक सम्बन्धों और मसाज के लिए उपलब्ध कराने की पेशकश की। संजीव ने कहा- ‘मैं आपको 16 और 18 साल की उम्र की नाबालिग़ लड़कियों को शारीरिक सम्बन्धों और मसाज के लिए उपलब्ध कराऊँगा। अगर आपको और भी छोटी उम्र की लड़कियों की ज़रूरत है, तो मैं आपके लिए शारीरिक सम्बन्धों और मसाज के लिए 14 और 15 साल की लड़कियाँ भी ला सकता हूँ।’
इसके बाद संजीव ने ‘तहलका’ रिपोर्टर से विस्तृत चर्चा की। उसने नाबालिग़ लड़कियों के साथ शारीरिक सम्बन्धों और मसाज के तरह-तरह के ऑफर दिये।


रिपोर्टर : कितनी बड़ी?
संजीव : वो ही 18-16..।
रिपोर्टर : उससे कम ?
संजीव : 15, 14..।
रिपोर्टर : 15 साल की लड़की मिल जाएगी?
संजीव : आराम से।
रिपोर्टर : मसाज के लिए या ले जा भी सकते हैं?
संजीव : सभी के लिए।
रिपोर्टर : ऐसा बोलते हैं, होता नहीं है?
संजीव : नहीं होगा, तो पैसे नहीं लेगा। मेरा गाड़ी वाला नहीं लेगा।

संजीव ने कहा कि वह अपने कई यात्रियों को सम्बन्धित मसाज सेंटर ले गया है। उसके मुताबिक, मसाज सेंटर की नाबालिग़ लड़की हमें बॉडी (शारीरिक) मसाज देगी और उसके बाद हम उसी सेंटर पर उसके साथ सेक्स कर सकते हैं। मसाज सेंटर के मालिक को इसके बारे में कभी पता ही नहीं चलेगा।
रिपोर्टर : ये जो आप 15 साल की लड़की बता रहे हो…,14-15 साल की?
संजीव : वो मसाज कर देगी आपका।
रिपोर्टर : वो हमारी बॉडी मसाज कर देगी, और उसके अलावा?
संजीव : उसको ले जाएगा। उसको बोलेगा पैसा देगा। …काम कर देगा।
रिपोर्टर : लड़की का काम कर देगा वहीं?
संजीव : वो वहीं होगा।
रिपोर्टर : मसाज सेंटर में? वह अलाउ नहीं करेगा न?
संजीव : वो जानेगा कैसे? वो जानेगा ही नहीं।
रिपोर्टर : उसको पता ही नहीं चलेगा मसाज सेंटर वाले को? लड़की मना करे फिर?
संजीव : बोल रहा हूँ, होगा। हम लेकर गया है, कितना गेस्ट वहाँ पर।
रिपोर्टर : उसी मसाज सेंटर में वहाँ पर?
संजीव : हाँ।

अब संजीव ने हमें मसाज का रेट बताया।
संजीव : मसाज का 2000-2500 रुपये लगेगा।
रिपोर्टर : हैं जी?
संजीव : 2000 रुपये में मसाज करेगा।
रिपोर्टर : 2000 रुपये में मसाज करेगा?
संजीव : भीतर मैं आप बात करोगे कितना लगेगा काम, वो बोलेगा इतना लगेगा। आपको पसन्द करेगा…, नहीं तो नहीं करेगा।
रिपोर्टर : उसने मना कर दिया फिर?
संजीव : करेगा।

मसाज सेंटर के अलावा संजीव ने हमें बताया कि वह हमारे लिए एक होटल की व्यवस्था कर सकता है, जहाँ हम उसके द्वारा प्रदान की गयी महिलाओं के साथ सेक्स कर सकें।
संजीव : लड़की चाहिए? सब मिल जाएगा आपको।
रिपोर्टर : दिलवाओगे?
संजीव : हाँ।
रिपोर्टर : बताओ कहाँ ले चलोगे?
संजीव : होटल मैं कर देंगे।
रिपोर्टर : कौन-सा होटल?
संजीव : होटल।
रिपोर्टर : कौन-सा होटल ?
संजीव : चलिए न मेरे साथ। कितना चाहिए आपको, 2 (दो) चाहिए या 3 (तीन)?
रिपोर्टर : दो हैं; दो अलग-अलग रूम्स होंगे।

संजीव ने अब हमें बताया कि वह होटल के कमरे में लड़कियों को उपलब्ध कराने के लिए कितना पैसा लेगा।
रिपोर्टर : पूरे दिन का कितना लोगे?
संजीव : 2000 रुपये दे दीजिएगा।
रिपोर्टर : पूरे दिन का 2000 रुपये?
संजीव : मसाज करना है, मसाज करवा देंगे।
रिपोर्टर : मसाज करवा दोगे, कहाँ ?
संजीव : चलिये, मॉल में। अच्छा लड़की। बच्चा लड़की।

लेकिन संजीव के पास कुछ और सरप्राइज (आश्चर्य) थे। फिर उसने कहा कि उसके पास कई तरह की महिलाएँ हैं, जिनमें विवाहित महिलाएँ भी शामिल हैं। हमें उसे अपनी पसन्द बतानी चाहिए, वह हमें वह मुहैया कराएगा।
संजीव : मैं अपने दोस्त को फोन करूँगा, वह लड़की लेकर आएगा।
रिपोर्टर : वो लड़की कितने साल की होगी?
संजीव : बड़ी चाहिए, लड़की चाहिए, आपको मिल जाएगी। शादी वाली, शादी वाला…।
रिपोर्टर : शादीशुदा औरत भी मिल जाएगी?
संजीव : हाँ, हर तरह का मिल जाएगा।

यह आपके लिए संजीव था। कोलकाता हवाई अड्डे के अंतरराष्ट्रीय गेट नंबर-5 के ठीक सामने खड़ा एक टैक्सी चालक, जो हमें चुनने के लिए कई तरह की महिलाओं की पेशकश करता है- नाबालिग़, युवती या विवाहित; सेक्स और मसाज के लिए। उसने दावा किया कि उसने अपने अधिकांश यात्रियों, जो उसकी टैक्सी में सवार हुए; यह पेशकश की है।
हालाँकि कहानी यहीं ख़त्म नहीं होती है। हम कोलकाता हवाई अड्डे पर एक अन्य टैक्सी चालक रविदास से मिले- गेट नंबर-1बी पर। उसने हमें सोनागाछी तक ले जाने का वादा किया, जिसे मध्य कोलकाता में स्थित एशिया का सबसे बड़ा रेड-लाइट एरिया (वेश्यावृत्ति क्षेत्र) कहा जाता है। रविदास ने कहा कि सोनागाछी में हम एक घंटे तक एक महिला का नग्न नृत्य देख सकते हैं और उसके बाद उसके साथ सेक्स भी कर सकते हैं। सब पैसे के बदले।
रविदास : सोनागाछी में एक घंटे नृत्य और नेक्ड डांस (नंगा नाच)। एक आदमी को शॉट करने देगा।
रिपोर्टर : लड़की कपड़े उतारकर डांस (नृत्य) करेगी?
रविदास : हाँ, एक घंटा। 4-5 आदमी देख सकता है।
रिपोर्टर : ख़र्चा कितना?
रविदास : 4000, 4500, 6000…, जैसा लड़की लीजिएगा।
रिपोर्टर : आप हमें लेकर चलेंगे?
रविदास : अभी?
रिपोर्टर : शाम को, जब भी, कल-वल।
रविदास : जब बोलिएगा।
रिपोर्टर : आपकी सेटिंग है वहाँ?
रविदास : एकदम।

रविदास ने हमें आश्वासन दिया कि अगर हम सोनागाछी जाते हैं, तो हमें पुलिस की छापेमारी से डरने की ज़रूरत नहीं, क्योंकि वह पुलिस को पैसे देता है। उसने यह भी कहा कि उसे एक दलाल को पकडऩा है और सोनागाछी में उसे पैसे देने हैं। उसके बिना हमें कुछ नहीं मिलेगा। रविदास ने कहा कि यह सब उनका नियमित काम है।
रिपोर्टर : पुलिस का कोई रेड?
रविदास : कोई रेड नहीं। पुलिस का हमें मालूम है। नाइट (रात) में जाने से पुलिस को 100 रुपये देने का। देखिए, दलाल पकडऩा पड़ेगा। उसके बिना कुछ नहीं मिलेगा।
रिपोर्टर : दलाल आपके पास है?
रविदास : हाँ, हम लोगों का तो काम ही यह सब है। वो लोग (दलाल) 200-500 रुपये का खाएगा।

यह पूछे जाने पर कि क्या हम महिलाओं को अपने होटल के कमरे में ला सकते हैं? रविदास ने हमें बताया कि वास्तव में हमें अपने होटल के कमरे में महिला मिल सकती है। लेकिन इनकी दरें अलग होंगी- 10,000-12,000 रुपये और 15,000 रुपये प्रति रात। रविदास ने कहा कि हम अन्त में कितना भुगतान करेंगे? यह इस बात पर निर्भर करेगा कि हम किस प्रकार की महिला को चुनते हैं। उसने कहा कि वह हमें उनकी तस्वीरें हमारे फोन पर भेजेगा और फिर हम उसे अपनी पसन्द बता सकते हैं। रविदास ने कहा कि जैसे ही हम तस्वीरों में से एक महिला का चयन करते हैं, वह उन सभी को अपने फोन से डिलीट कर देगा।
रिपोर्टर : अगर हमें होटल में लड़की बुलानी हो तो?
रविदास : होटल में आएगी लड़की, 10,000-12,000-15,000…।
रिपोर्टर : एक रात का?
रविदास : एक रात का।
रिपोर्टर : उस लेवल की लड़की होगी?
रविदास : उस लेवल की; मॉडल।
रिपोर्टर : आप फोटो भेजो?
रविदास : 10-15 मिनट लगेगा। फोटो मँगाना पड़ता है। घर में फोन में नहीं रखते। काम ख़त्म, सब डिलीट।

रविदास के बाद अब ‘तहलका’ की मुलाक़ात कोलकाता हवाई अड्डे पर एक अन्य टैक्सी चालक दिग्विजय बाबू से हुई, जो सेना के एक कर्नल के हरियाणा से कोलकाता आने का इंतज़ार कर रहा था…; उसे दो बंगाली महिलाओं के साथ मस्ती करने के लिए कोलकाता के किसी होटल में लेने और छोडऩे के लिए। जब दिग्विजय कोलकाता हवाई अड्डे पर फ्लाइट के उतरने का इंतज़ार कर रहा था, उसने हमसे खुलकर बातचीत की।
रिपोर्टर : यहाँ पब व$गैरह नहीं है क्या?
दिग्विजय : बहुत कुछ है सर! अभी देखो सर, जो साहेब आ रहे हैं, कर्नल साहब आ रहे हैं।
रिपोर्टर : अच्छा, आप कर्नल साहब के इंतज़ार मैं खड़े हैं?
कहाँ से?
दिग्विजय : आ रहे हैं; हरियाणा से आ रहे हैं। तो उनको लेकर जाएँगे। दो आइटम (सुन्दर लड़कियाँ) आएँगी।
रिपोर्टर : कर्नल साहब के साथ?
दिग्विजय : नहीं, बंगाल से। होटल ले जाएँगे। रहेंगे अपना ऐश से।

दिग्विजय ने आगे कोलकाता में स्थित एक होटल के नाम का ख़ुलासा किया, जो अपने उन ग्राहकों को महिलाओं की आपूर्ति करता है, जो उसमें (होटल में) ठहरते हैं। दिग्विजय के मुताबिक, होटल में महिलाओं की सूची है। ग्राहक द्वारा कैटलॉग से चुनी गयी महिलाओं को उसके कमरे में उपलब्ध कराया जाता है। दिग्विजय के अनुसार, चूँकि होटल एक पुलिस वाले का है, इसलिए पुलिस की कोई छापेमारी नहीं होगी।
दिग्विजय : एक होटल है पास में… उसमें क्या आपको नाईट सेवा मिलेगा। वो कैटलॉग दिखा देगा। जैसा आइटम आपको चाहिए, मिल जाएगा। वो होटल प्रशासन के आदमी का है। पुलिस वाले का होटल है।
रिपोर्टर : पुलिस की छापेमारी?
दिग्विजय : पुलिस की रेड-वेड नहीं होती है सर!

‘तहलका’ रिपोर्टर कोलकाता हवाई अड्डे पर सेक्स रैकेट का पर्दा$फास करने गये थे। लेकिन इस पड़ताल के दौरान पता चला कि जो लोग कोलकाता हवाई अड्डे पर सेक्स रैकेट चला रहे हैं और घरेलू व अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को रेड लाइट डिस्ट्रिक्ट्स (वेश्यावृत्ति वाले ज़िलों) में कम उम्र की मसाज करने वाली और कुलीन यौनकर्मियों को उपलब्ध कराने के लिए लुभाते हैं, वे हवाई अड्डे से अवैध टैक्सी चला भी रहे हैं। कुछ समय पहले कोलकाता के होटल में महिलाओं को सेक्स के लिए खुलकर बात करने वाले दिग्विजय बाबू ने अब ख़ुलासा किया कि कैसे अवैध टैक्सी संचालकों के गिरोह कोलकाता हवाई अड्डे से अवैध रूप से टैक्सी चला रहे हैं।
रिपोर्टर : क्या ये टैक्सी यहाँ से चलना एयरपोर्ट (हवाई अड्डे) से ऐसे चलना अलॉउड (अनुमति) नहीं है क्या?
दिग्विजय : नहीं।
रिपोर्टर : क्यों?
दिग्विजय : प्री-पेड की अनुमति है। हम लोग प्रीपेड में नहीं चलते हैं।
रिपोर्टर : ओला-उबर में भी नहीं चलते?
दिग्विजय : ओला-उबर में भी नहीं चलते।
रिपोर्टर : ऐसे अलाउड नहीं है?
दिग्विजय : ऐसे अलाउड नहीं है। लेकिन हमारी यूनियन है। हम लोकल हैं। हम अपने बलबूते पे चलते हैं।
रिपोर्टर : मतलब आपकी दबंगई?
दिग्विजय : दबंगई समझो।

‘तहलका’ सूत्रों के मुताबिक, कोलकाता हवाई अड्डे से सिर्फ़ प्रीपेड टैक्सी और ओला-उबर (की टैक्सी) ही यात्रियों को ले जा सकती हैं। दूसरों को हवाई अड्डा परिसर में प्रवेश करने की भी अनुमति नहीं है। लेकिन कोलकाता में कई अवैध संचालक हैं, जो हवाई अड्डे से टैक्सी चला रहे हैं और पुलिस को कथित रूप से पैसे देकर यात्रियों को उठा रहे हैं। यही बात दिग्विजय ने भी हमें बतायी, जब हमने उससे एक पखवाड़े के भीतर दिल्ली से कोलकाता आने वाले अपने यात्री को पिक करने के लिए कहा।
रिपोर्टर : 15 दिन में आपको क्लाइंट (ग्राहक) दूँगा। कोलकाता के, दिल्ली से एयरपोर्ट से। लेकिन आप ये देख लेना कभी कोलकाता पुलिस आपको एयरपोर्ट पर एंट्री न दे, कोलकाता में?
दिग्विजय : नहीं, प्रशासन से लेकर सब मेरा अंडरस्टैंडिंग (साँठगाँठ) है। मैं समझ लूँगा।
रिपोर्टर : ऐसा न हो क्लाइंट यहाँ पर आये और गाड़ी न मिले?
दिग्विजय : हमारी गाड़ी, जिस गेट पर बोलिएगा, उस गेट पर लगवा देंगे। एक भी गाड़ी ऐसी नहीं है, मैं डिसीजन (निर्णय) लेता हूँ। सारा थाना-पाना हम देखता हूँ। टेंशन मत लीजिए।
रिपोर्टर : अच्छी सेटिंग है पुलिस-वुलिस में?

दिग्विजय ने अब ख़ुलासा किया कि कोलकाता हवाई अड्डे पर सभी यूनियनों के अपने-अपने निश्चित द्वार हैं, जहाँ से वे अपनी-अपनी अवैध टैक्सी चलाते हैं। पार्टी एक ही है।
रिपोर्टर : यहाँ आउटलाइन में कितना गाडिय़ाँ है, एयरपोर्ट पर; टोटल में?
दिग्विजय : हर यूनियन का फिक्स अलग-अलग है। हर गेट की यूनियन अलग-अलग है। पार्टी एक ही है।

रविदास, जिसने हमें सोनागाछी में सेक्स के लिए महिलाएँ उपलब्ध कराने का वादा किया था, उसने ख़ुलासा किया कि वह कोलकाता हवाई अड्डे से एक अवैध टैक्सी भी चला रहा है। व्यापारी बनकर हमने रविदास से पूछा कि क्या वह कोलकाता हवाई अड्डे से टैक्सी चलाने में हमारी मदद कर सकता है? इस पर रविदास ने हाँ में जवाब दिया और हमें यह अर्थशास्त्र समझाया कि कितना पैसा हम रोज़ाना अवैध टैक्सी कारोबार से कमाएँगे।
रिपोर्टर : जो गाड़ी लगेगी हमारी, उसका क्या रेट होगा?
रविदास : क्या रेट होगा बोले तो?
रिपोर्टर : आप हमें कितना दोगे?
रविदास : प्राइवेट गाड़ी 500, कमर्शियल गाड़ी 700 रुपये।
रिपोर्टर : प्राइवेट गाड़ी अगर हम लगाते हैं, तो 500 रुपये डेली (रोज़)?
रविदास : 500 रुपये डेली।
रिपोर्टर : और कमर्शियल लगाते हैं, तो?
रविदास : 700 रुपये।
रिपोर्टर : 700 रुपये डेली…। यार प्राइवेट में कम दे रहे हो आप?
रविदास : प्राइवेट में जो गाड़ी रास्ते में पुलिस पकड़े, वो हम
देखेंगे न!
अब रविदास ने ख़ुलासा किया कि कैसे वह पुलिस की मदद से कोलकाता हवाई अड्डे से अवैध टैक्सी चला रहा है।
रिपोर्टर : ऐसा न हो कोलकाता एयरपोर्ट पर हमारी गाड़ी की एंट्री न हो?
रविदास : क्यों एंट्री नहीं होगा?
रिपोर्टर : कहीं पुलिस वाले मना कर दे?
रविदास : हम लोग हैं न।
रिपोर्टर : पुलिस में सेटिंग है?
रविदास : हम लोगों का पुलिस से सेटिंग है। पार्किंग की सेटिंग है। लेकिन आपको (उनको) थोड़ी पता चलेगा आपकी गाड़ी है। हम गाड़ी चलाएगा, तो हमारी गाड़ी है।

अब रविदास ने समझाया कि वह कोलकाता हवाई अड्डे से अपनी टैक्सियों को अवैध रूप से चलाने के लिए पुलिस को कितना पैसा दे रहा है।
रिपोर्टर : अच्छा, जो पुलिस को पैसा देना होगा, वो हमें तो नहीं देना होगा?
रविदास : पुलिस को काट के एक गाड़ी पर 100 रुपये करके।
रिपोर्टर : एक ही तो पुलिस है, ट्रैफिक पुलिस?
रविदास : जो जितना गाड़ी चलता है। एक गाड़ी का 100 रुपये देता है।
रिपोर्टर : डेली?
रविदास : डेली।
रिपोर्टर : पुलिस को?
रविदास : ट्रैफिक अलग है; एयरपोर्ट का पुलिस अलग है।
रिपोर्टर : तो डेली कितना लगता है तुम्हारा?
रविदास : डेली 200 रुपये।

रविदास ने ख़ुलासा किया कि वे (सभी टैक्सी चालक) कोलकाता हवाई अड्डे से शिफ्ट में अवैध टैक्सी चला रहे हैं। साथ ही सभी ठेकेदारों ने हवाई अड्डे के गेट आपस में बाँट लिये हैं। और वे एक-दूसरे की सीमा का अतिक्रमण नहीं करते हैं।
रिपोर्टर : तो, 120 गाडिय़ों का तो बहुत हो गया डेली का? कितना होगा 120 गाडिय़ों का?
रविदास : तीन शिफ्ट चलता है। जैसे सोचिए, हम चलता है, सुबह 2:00 बजे से 3:00 बजे तक चलता है। ऐसे शिफ्टिंग चलती है। एक साथ नहीं चलता है। 120 गाड़ी में नहीं चलता है। नाईट (रात) में चलता है। दिन में चलता है। मॉर्निंग (सुबह) में चलता है।
रिपोर्टर : अच्छा, गेट का भी अलग-अलग होगा? ये गेट मेरा?
रविदास : हाँ, हम लोगों का यह गेट है।
रिपोर्टर : 1बी?
रविदास : हाँ, वो लड़का इधर नहीं आएगा, हम उधर नहीं जाएगा।

कोलकाता हवाई अड्डे के अंतरराष्ट्रीय गेट नंबर-5 पर हम हवाई अड्डे से अवैध टैक्सी चलाने वाले एक अन्य ठेकेदार मनोज सिंह से मिले। मनोज ने हमें बताया कि वह हवाई अड्डे पर अवैध रूप से अपनी टैक्सी पार्क करता है। हालाँकि जब कोई वीआईपी (अति विशिष्ट व्यक्ति) हवाई अड्डे पर आता है, जिसके लिए उसे पहले से अलर्ट किया जाता है, तो वह अपनी अवैध रूप से पार्क की गयी टैक्सी को हटाकर पार्किंग में डंप कर (लगा) देता है।
मनोज : देखिए, हमारे यहाँ कोई वीआईपी आता है न। साफ़ बोल रहे हैं; हमारे कोई वीआईपी आता है न, तो हमको बोल देता है गाड़ी हटाने को। हम लोग गाड़ी को पार्किंग में लगा देते हैं। ये पार्किंग है हम लोग ये करते हैं। देखिए, इस गाड़ी से लेकर उस गाड़ी तक हमारा है, यहाँ से लेकर उतनी दूर तक हमारी है। 40 गाड़ी हमारी है।
रिपोर्टर : आपकी यूनियन की 40 गाड़ी?
मनोज : यूनियन की 40 गाड़ी है।
रिपोर्टर : वैसे आपकी गाडिय़ाँ लगी रहती हैं?
मनोज : हाँ।
रिपोर्टर : पुलिस का कोई लफड़ा नहीं है?
मनोज : पुलिस का कोई लफड़ा नहीं है। आगर कोई वीवीआईपी (अत्यधिक महत्त्वपूर्ण व्यक्ति) आएगा, तो पुलिस हमको बोल
देती है।
जब हम मनोज से बात कर रहे थे, तब हमारी मुलाक़ात कोलकाता हवाई अड्डे से टैक्सी चलाने वाले एक अन्य ठेकेदार विकास धर से हुई। विकास ने कहा कि वह हवाई अड्डे से अवैध टैक्सी चलाने के लिए हर महीने पुलिस को पैसे दे रहा है।
रिपोर्टर : कोई पुलिस-वुलिस का लफड़ा तो नहीं है, एयरपोर्ट पर?
विकास : कुछ नहीं, कुछ नहीं। हम सब लोग मंथली (रिश्वत यानी महीने का बँधा हुआ पैसा) देता है न। पार्किंग देता। मंथली देता।
रिपोर्टर : पुलिस को?
विकास : हाँ।

वो दिन गये, जब दुनिया का सबसे पुराना पेशा वेश्यावृत्ति देश के विभिन्न हिस्सों में वेश्यालयों तक सीमित था। पिछले कुछ वर्षों के दौरान तरीक़ा बदल गया है। अब यह सब बस एक कॉल पर उपलब्ध है। हवाई अड्डे पर पिक करने से लेकर होटल में अपने ठहरने की व्यवस्था करना, महिलाओं के साथ बैठक (मीटिंग) तय करने और पुलिस को दूर रखने के लिए अब अवैध टैक्सी वाले उपलब्ध हैं, जो कोलकाता हवाई अड्डे पर दलालों के रूप में दोहरी भूमिका निभा रहे हैं।
‘तहलका’ के खोजी रिपोर्टर ने कोलकाता हवाई अड्डे पर दो बातों का ख़ुलासा किया। सबसे पहला यह कि अवैध टैक्सी संचालकों के गिरोह कोलकाता के हवाई अड्डे पर नियमों की जमकर धज्जियाँ उड़ा रहे हैं। दूसरा, कोलकाता के एक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के बाहर सेक्स (लड़कियों, औरतों का जिस्म) बेचने वाले अवैध टैक्सी चालकों के गिरोह। शहर के रेड-लाइट एरिया (वेश्यावृत्ति क्षेत्र) में आने वाले घरेलू और अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को नाबालिगों और कुलीन यौनकर्मियों के साथ मसाज और शारीरिक सम्बन्धों के लिए उपलब्ध करने के लिए।