ख़बर का असर… मदद मिलते ही हडिय़ा दारू बेचना छोड़ रहीं महिलाएँ

हडिय़ा दारू के धन्धे से जुड़ी झारखण्ड की महिलाओं को दूसरा काम करने के लिए प्रेरित कर रही सरकार

सम्मान से जीने और सम्मानजनक कार्य करने की इच्छा हर किसी की होती है। अगर सही रास्ता मिल जाये और प्रोत्साहित किया जाए, तो सम्मान से जीने का रास्ता अपनाया जा सकता है। समाज से बुराई को दूर किया जा सकता है। इसे झारखण्ड सरकार की एक छोटे से अभियान ने साबित कर दिया है। सरकार की ‘फूलो झानो आशीर्वाद अभियान’ ने महिलाओं को सम्मान दिलाया। महिलाओं के हाथों को काम मिला, तो हडिय़ा दारू का धन्धा पीछे छूट गया। कुछ ही महीनों में आज राज्य की 13,000 से अधिक महिलाएँ हडिय़ा दारू बेचना छोड़ आय वृद्धि के सम्मानजनक काम में लग गयी हैं।

कहते हैं बूँद-बूँद से घड़ा भरता है। इसी तरह एक-एक करके हडिय़ा दारू बेचने वाली महिलाएँ फूलो-झानो आशीर्वाद योजना से जुड़ती जा रही हैं। इससे स्वरोज़गार व अन्य काम करने वाली महिलाओं का एक कारवाँ बनता जा रहा है। अभी तक राज्य में 25,000 से अधिक हडिय़ा दारू बेचने वाली महिलाओं को चिह्नित किया जा चुका है। ग्रामीण विकास विभाग के अधीन झारखण्ड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसायटी ने राज्य में हडिय़ा दारू बेचने वाली महिलाओं का सर्वे कराया। चिह्नित महिलाओं में से 15,546 महिलाओं का सर्वे काम पूरा हो चुका है। अगस्त तक 13,356 महिलाओं को इस योजना के तहत हडिय़ा दारू बेचने का काम छोडक़र अन्य काम से जुड़ चुकी हैं।

बदलने लगी ज़िन्दगी

राज्य में हडिय़ा दारू निर्माण एवं बिक्री से जुड़ी महिलाओं को सम्मानजनक आजीविका उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने पहल की। सबसे पहले हडिय़ा दारू बेचने वाली चिह्नित महिलाओं की काउंसलिंग की गयी। उन्हें सखी मण्डल से जोड़ा गया। उन्हें 10,000 रुपये का ब्याज मुक्त लोन उपलब्ध कराया गया। इसके अतिरिक्त राशि सामान्य दर पर उपलब्ध करायी जा रही है। दुकान खोलने या कोई छोटा कारोबार करने, वनोपज संग्रहण, पशु पालन, मछली पालन, बकरी पालन आदि काम इच्छानुसार चुनने की छूट दी गयी। महिलाओं ने जो भी कार्य को चुना, उन्हें तकनीकी सहायता दी गयी और रोज़गार शुरू करवाया गया। इस तरह राज्य की महिलाओं को आत्मनिर्भर और सम्मानजनक रोज़गार करने का अवसर मिला। 10,000 रुपये की छोटी-सी रक़म ने उनका जीवन बदल दिया।

मुख्यमंत्री ने दिखायी दिलचस्पी

फूलो-झानो योजना से जुड़ी महिलाएँ ख़ुश हैं। पिछले दिनों फूलो-झानो योजनाओं को लेकर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने महिलाओं से संवाद किया। योजना से जुड़ी नयी महिलाओं को 10,000 का चेक भी दिया गया। मुख्यमंत्री ने योजना के धीरे-धीरे हो रही कामयाबी पर ख़ुशी ज़ाहिर की। उन्होंने महिलाओं का हौसला बढ़ाया। सरकार ने दीदी हेल्पलाइन कॉल सेंटर की भी शुरुआत की। इसके तहत झारखण्ड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसायटी से जुड़ी योजनाओं के बारे में जानकारी सिर्फ़ एक कॉल पर उपलब्ध होगी। राज्य में जिन 13,356 हडिय़ा दारू बेचने वाली महिलाओं को अब तक सहायता मिली है, उनमें दुमका ज़िला अव्वल है। यहाँ पर 2,475 हडिय़ा दारू बेचने वाली महिलाओं को चिह्नित किया गया है। इनमें से 1,342 महिलाओं को सहायता मिल चुकी है; शेष के लिए प्रक्रिया जारी है। इसी तरह लोहरदगा की 1351 महिलाओं और गुमला की 1329 महिलाओं को लाभ मिला है। राज्य के हर ज़िले में अभियान चलाया जा रहा है।

महिलाएँ हुईं ख़ुश