क्या कप्तानी के बोझ से मुक्त होकर फॉर्म में लौटेगा यह दिग्गज बल्लेबाज़?
सात साल की कप्तानी में ढेरों उपलब्धियाँ हासिल करने वाले विराट कोहली अब भारतीय टीम में किसी भी फॉर्मेट (प्रारूप) के कप्तान नहीं। कप्तानी छोडऩे के उनके फ़ैसले पर कुछ विवाद रहे। लेकिन इस तथ्य में कोई विवाद नहीं कि हाल के ढाई साल छोड़ दिये जाएँ, तो विराट कोहली ने भारतीय टीम के लिए कई उम्दा पारियाँ खेलीं; जिनमें शतकों की भी कमी नहीं रही। विराट ने बेहतरीन कप्तानी भी की, अभिलेख (रिकॉर्ड) इसके गवाह हैं। लेकिन विराट के कप्तानी छोड़ते (ऑफ फॉर्म होते) ही आलोचकों ने उनके ख़िलाफ़ मुहिम छेड़ दी। देश की क्रिकेट में यह एक परम्परा-सी बन गयी है। वर्षों उच्च कोटि का प्रदर्शन करने वाला खिलाड़ी कुछ समय के लिए फॉर्म से बाहर क्या हो जाए, उसकी आलोचना करने वालों की भीड़ जुट जाती है। अब जबकि विराट कोहली ने ख़ुद को कप्तानी के सभी बोझों से दूर कर लिया है। उम्मीद की जानी चाहिए कि क्रिकेट प्रेमी फिर पुराने विराट कोहली के दर्शन कर पाएँगे।
चार महीने पहले तक विराट कोहली भारतीय क्रिकेट के सभी फार्मेट के कप्तान थे। लेकिन 15 जनवरी को दक्षिण अफ्रीका से टेस्ट सीरीज में हार के बाद विराट ने टेस्ट की कप्तानी भी छोड़ दी। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इतने महान् खिलाड़ी को अपनी कप्तानी एक तरह से विवादास्पद परिस्थितियों में छोडऩी पड़ी, जबकि सच यह है कि विराट कोहली ने भारतीय टीम को हर क्षेत्र में अपना 100 फ़ीसदी दिया। देश भर में क्रिकेट के प्रशंसक कोहली के साथ ऐसे व्यवहार से ख़ुश नहीं और उन्हें पक्का भरोसा है कि अब कप्तानी के दायित्व से मुक्त होकर कोहली बतौर बल्लेबाज़ नये रिकॉर्ड बनाएँगे।
विराट ने अपनी शानदार कप्तानी के बल पर भारत को दुनिया की नंबर एक टेस्ट टीम बनाया। पिछले पाँच साल से भारतीय टीम रैंकिंग में पहले पायदान के इर्दगिर्द घूम रही है और हर साल आईसीसी की टेस्ट मेज हासिल कर रही है। कोहली ने पहले टी-20, फिर वनडे तीन से कप्तान के रूप में इस्तीफ़ा दिया और अब अब टेस्ट की कप्तानी भी उन्होंने छोड़ दी है। सन् 2015 में कोहली ने सबसे पहले टेस्ट की ही कप्तानी सँभाली थी और इन वर्षों में कई नये कीर्तिमान (रिकॉर्ड) बनाते हुए टीम को भी शिखर पर पहुँचाया।
अब टेस्ट से कप्तानी छोडक़र कोहली ने पूरी तरह कप्तानी का ज़िम्मा छोड़ दिया है और टीम में वे एक खिलाड़ी की हैसियत से खेलेंगे। भारतीय क्रिकेट में कई साल तक बहुत ताक़तवर रहे कोहली पिछले दो-तीन महीने से अलग-थलग से दिख रहे थे। $खासकर रवि शास्त्री के बतौर कोच-मैनेजर टीम से विदाई लेने के बाद नये कोच राहुल द्रविड़ के आने के बाद यही चर्चा थी कि शायद कोहली अब टेस्ट की कप्तानी भी ज़्यादा देर तक नहीं करेंगे। परदे के पीछे यह भी चर्चा थी कि टीम में कुछ खिलाड़ी जानबूझकर कोहली को सहयोग नहीं कर रहे। दक्षिण अफ्रीका के दौरे पर तीन टेस्ट की सीरीज के पहले ही मैच में भारत ने मेजवान टीम को हरा दिया था; लेकिन अगले दो मैच भारत हार गया। इसके बाद कोहली ने कप्तानी छोडऩे का ऐलान कर दिया।
यह सब अचानक हुआ और सचिन तेंदुलकर जैसे खिलाड़ी ने भी इस पर आश्चर्य जताया। हालाँकि उन्होंने कहा कि कोहली ने हमेशा टीम को 100 फ़ीसदी दिया और उम्मीद जतायी कि भविष्य में भी टीम को ऐसे ही योगदान देते रहेंगे। कोहली ने सबसे पहले पिछले साल सितंबर में टी20 टीम की कप्तानी छोडऩे का ऐलान किया था। तब कोहली ने कहा था कि वह टी20 विश्व कप के बाद टी-20 की कप्तानी तो छोड़ देंगे; लेकिन एक दिवसीय और टेस्ट की कप्तानी करते रहेंगे। हालाँकि बीसीसीआई ने दिसंबर में कोहली को अचानक वनडे की कप्तानी से हटाकर रोहित शर्मा को कप्तानी सौंप दी।
माना जाता है कि कोहली इस तरीक़े से उन्हें हटाने से काफ़ी आहत हुए। बतौर कप्तानी कोहली बहुत ज़्यादा सफल रहे। टेस्ट में तो उन्होंने भारत को शीर्ष पर पहुँचाया। कोहली से जब वनडे की कप्तानी ली गयी थी, तब मीडिया में बहुत आया कि कोहली और बीसीसीआई के बीच मतभेद हैं। बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने वैसे तो दावा किया कि उन्होंने कोहली से टी20 कप्तानी नहीं छोडऩे को कहा था। लेकिन इसके बाद एक पत्रकार वार्ता (प्रेस कॉन्फ्रेंस) में कोहली ने साफ़तौर पर इसे ग़लत बताया।
उस समय कोहली ने कहा था- ‘मैंने बीसीसीआई को बताया कि मैं टी-20 की कप्तानी छोडऩा चाहता हूँ। जब मैंने ऐसा किया तो बोर्ड ने मेरी इस बात को बहुत अच्छे ढंग से स्वीकार किया। उनके भीतर कोई झिझक नहीं थी। बोर्ड ने मुझसे बोला कि यह एक अच्छा क़दम है। मैंने बोर्ड से उसी वक़्त कहा था कि मैं वनडे और टेस्ट में टीम का नेतृत्व करना चाहता हूँ। मेरी तरफ़ से यह सन्देश स्पष्ट था; लेकिन मैंने अधिकारियों से यह भी कह दिया था कि अगर उन्हें ऐसा नहीं लगता है, तो भी कोई परेशानी नहीं। मैं टेस्ट और वनडे की कप्तानी जारी रखना चाहता था। लेकिन टेस्ट टीम के सिलेक्शन के दौरान मुख्य चयनकर्ता ने उन्हें बताया कि वन-डे की कप्तानी वापस ली जा रही है।’