दिल्ली और उत्तर प्रदेश में लाँकडाउन के असर से और प्रशासन की चौकसी से कोरोना के मामलों में गत दो दिनों से गिरावट आ रही है। कोरोना के मामलों में गिरावट के चलते लोगों में जश्न- खुशी है। कि कोरोना जैसी घातक बीमारी से आजादी जल्द मिल सकती है। लेकिन वहीं जागरूकता के अभाव में और खुशी के चलते लोगों ने फिर से लापरवाही बरतना शुरू कर दी है। जिसका नतीजा ये है, कि लोगों ने अब बिना मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किये बगैर, ही फिर से शादी –समारोहों में और बाजारों में आने-जाने लगे है। जो चिन्ता की बात है।
एक ओर तो लाँकडाउन लगा है, कोरोना गया नहीं, मामलें ही कम हो रहे है। ऐसे में जरा सी लापरवाही और चूक फिर से भयानक और खतरनाक कोरोना के मामलों में तबदील हो सकती है। एम्स के डाँ आलोक कुमार का कहना है कि कोरोना के मामले जब पिछली साल कम हुये थे। तब लोगों ने लापरवाही कर बिना मास्क पहने घरों से निकला शुरू कर दिया था। जो फरवरी से कोरोना बढ़ते मामलों का कारण बना है। ऐसे ही अब बिना मास्क के लोगों ने निकलना शुरू किया तो घातक परिणाम सामने आ सकते है।
सामाजिक कार्यकर्ता अनूप सहगल का कहना है कि जानकारी के अभाव में या अपनी अहम की वजह से दिखावे के चक्कर में कुछ लोग अपने –बेटा और बेटियों की शादियां धूम- धाम से कर रहे है। जिसमें लोग आ जा रहे है। अगर कोई ऐसे आयोजनों का विरोध करता है। उसके विरोध में ही मामला बढ़ता है। उन्होंने शासन –प्रशासन से अपील की है। कुछ ऐसा रास्ता निकाला जाये ताकि शादी –विवाह के अवसरों में भीड़ से बचा जा सकें। तहलका संवाददाता को लोगों ने बताया कि कोरोना का कहर शहरों के साथ गांवों में तेजी से बढ़ रहा है। और गांवों में हो रही शादियों में महिला और पुरूष बिना मास्क के आ जा रहे है। बताया जाता है कि गांव में पुलिस के ना आने के डर से लोगों में भय नहीं है।