कांग्रेस में 2024 के चुनाव से पहले संगठन में बड़े फेरबदल की तैयारी, सिद्धू होंगे पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष !

कांग्रेस ने 2024 के लोकसभा चुनाव और उससे पहले होने वाले विधानसभाओं के चुनावों के लिए राष्ट्रीय स्तर पर खुद को फिर मजबूती से खड़ा करने की कवायद शुरू कर दी है। राज्यों में नए अध्यक्षों की तैनाती से लेकर कांग्रेस संगठन में बड़े फेरबदल की सुगबुगाहट दिख रही है। पार्टी अध्यक्ष से लेकर लोकसभा और राज्यसभा में ज्यादा असरदार और प्रभावी दिखने के लिए कुछ नई तैनातियों की तैयारी भी हो सकती हैं। शुरुआत पंजाब से हो रही है जहाँ नवजोत सिंह सिद्धू को अध्यक्ष पद देने के अलावा संगठन में उच्च स्तर पर कुछ और नियुक्तियां करने और सरकार में विभिन्न वर्गों का प्रतिनिधित्व संतुलित करने की तैयारी है।

रफाल लड़ाकू विमान खरीद में अनियमितताओं की फ्रांस में जांच शुरू होने, हाल की  दूसरे कोरोना लहर के कहर में मोदी सरकार के प्रति जनता का भरोसा डगमगाने, विकराल बेरोजगारी, महंगाई से आम जनता पर असर होने, देश की आर्थिक सेहत बिगड़ने जैसे बड़े मुद्दों के अब खुलकर सामने आने और जनता में इनसे उपजी नाराजगी को देखते हुए कांग्रेस ने कमर कसने की तैयारी की है। उसे लगता है कि अब उसके फिर से खड़े होने के लिए सही समय है। पार्टी ने जहाँ अपने मुख्यमंत्रियों को जनता से किये वादे पूरे करने और सरकार की छवि पर विशेष ध्यान देने के सख्त निर्देश देने का फैसला कर लिया है वहीं राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी  नेताओं के रोल तय करने की भी तैयारी कर ली गयी है।

‘तहलका’ की जानकारी के मुताबिक कांग्रेस नेतृत्व और हाल तक बागी रुख अपनाने वाले जी-23 के गुलाम नबी आज़ाद, मनीष तिवारी, आनंद शर्मा, कपिल सिब्बल जैसे नेताओं को मना लिया गया है। खबर है कि कांग्रेस अनुभवी गुलाम नबी आज़ाद को तमिलनाड से राज्य सभा में वापस ला सकती ला सकती है, जहाँ उसकी डीएमके के साथ सरकार है। मनीष तिवारी को लोकसभा में जिम्मेवारी दी जा सकती है जबकि आनंद शर्मा को उनके गृह राज्य हिमाचल प्रदेश भेजा जा सकता है, जहाँ पार्टी ने हाल में अपने सबसे बड़े नेता वीरभद्र सिंह को खो दिया है। हिमाचल में अगले साल चुनाव भी हैं।

कांग्रेस जल्दी ही पंजाब, राजस्थान, छत्तीसगढ़, हरियाणा आदि को लेकर फैसला करने की तैयारी में है। शुरुआत पंजाब से हो सकती है जहाँ नाराज चल रहे नवजोत सिंह सिद्धू को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद देने की बात इसलिए सिरे चढ़ गयी है क्योंकि मुख्यमंत्री और अनुभवी कांग्रेस नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह इसके लिए तैयार हो गए हैं। अमरिंदर अगले साल के विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस का मुख्य चेहरा रहेंगे। वहां हिन्दू वर्ग को बेहतर प्रतिनिधित्व देने की तैयारी है साथ ही विपक्षी अकाली दल-बसपा गठबंधन बनने से उपजे माहौल की हवा निकालने के लिए दलित उपमुख्यमंत्री बनाने की बात भी पार्टी के भीतर है। पार्टी में एक वर्ग सिद्धू के साथ दो कार्यकारी अध्यक्ष भी बनाना चाहता है जिसमें हिन्दू-दलित प्रतिनिधित्व हो।

राजस्थान में पार्टी के युवा चेहरे सचिन पॉयलट को भी संगठन में बड़ी जिम्मेदारी  देने की बात चल रही है। वे पहले प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं। उनके समर्थकों को सरकार में ज्यादा प्रतिनिधित्व भी दिया जाएगा। पार्टी के भीतर के मसलों पर गहरी नजर और जानकारी रखने वाले एक वरिष्ठ नेता ने इस संवाददाता को बताया कि सोनिया गांधी से लेकर प्रियंका गांधी और राहुल गांधी किसी भी नेता को अब पार्टी से बाहर जाने नहीं देना चाहते। गांधी संगठन को अब धार देने और भाजपा के खिलाफ मजबूती से खड़ा करने की तैयारी में जुट गए हैं। यह भी लगता है कि वरिष्ठ और युवा नेताओं में बेहतर समन्वय बनाने की गंभीर कोशिश भी शुरू की जा रही है।