कांग्रेस के संगठन चुनाव की तैयारी, आज हो सकती है सीडब्ल्यूसी में घोषणा

आखिर कांग्रेस ने संगठन और अध्यक्ष का चुनाव करवाने की तैयारी कर ली है। दिल्ली में चल रही कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इसका ऐलान किया है। चुनाव की रूपरेखा तैयार कर ली गयी है और इसका काम इसी पहली नवंबर से शुरू हो जाएगा जो करीब एक साल तक चल सकता है।  संभावना है कि पार्टी का नया अध्यक्ष जब चुना जाएगा तब तक अगले साल देश में होने वाले कुछ विधानसभाओं के चुनावों के नतीजे आ चुके होंगे।

आज की बैठक में सोनिया गांधी ने सख्त लफ्जों का इस्तेमाल करते हुए असंतुष्टों को मीडिया के बजाए अपनी बात पार्टी मंचों पर रखने की हिदायत दी है। सोनिया गांधी ने कहा कि युवा निचले स्तर पर पार्टी का जिम्मा संभाल रहे हैं। आज की बैठक में सोनिया गांधी ने बिना किसी का नाम लिए ‘ड्राइंग रूम’ की राजनीति करने वाले नेताओं को साफ़ कर दिया है कि ऐसा नहीं चलेगा और उन्हें सही तरीके से चलना पड़ेगा।

सोनिया गांधी के जी-23 के नेताओं की हाल की मांग कि पार्टी में पूर्णकालिक अध्यक्ष बनाया जाए, का जिक्र किये बिना साफ़ तौर पर कहा कि वे पूर्णकालिक अध्यक्ष ही हैं। आज की बैठक में सोनिया गांधी के भाषण से साफ़ जाहिर हो गया है कि अनुशासन से बाहर जाकर सार्वजनिक मंचों से पार्टी और नेतृत्व को कोसने वालों को अब सीमा में रहना होगा, अन्यथा उनके खिलाफ कार्रवाई भी हो सकती है। हाल के दिनों में कपिल सिब्बल, मनीष तिवारी, गुलाम नबी आज़ाद आदि नेताओं ने विरोध के स्वर उठाए थे। आज बाद में संगठन चुनाव की विधिवत जानकारी (तारीख आदि) पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल देंगे।

पार्टी के चुनाव की भी तैयारी कर ली गयी है। ‘तहलका’ की जानकारी के मुताबिक पहली नवंबर से संगठन चुनाव का काम शुरू हो जाएगा और लगभग एक साल तक चलेगा। ऐसे में पार्टी को अगले साल अक्टूबर के आखिर या नवंबर के शुरू में नया अध्यक्ष मिल जाएगा। यह देखना दिलचस्प होगा कि उस चुनाव में क्या पार्टी के बीच आम सहमति से अध्यक्ष चुना जाएगा या गांधी परिवार को चुनौती दी जाएगी। वैसे पार्टी के 95 फीसदी कार्यकर्ता और नेता राहुल गांधी या उनके इंकार करने की स्थिति में प्रियंका गांधी को अध्यक्ष बनाने के पक्ष में हैं।

सोनिया गांधी ने आज की बैठक में मोदी सरकार और भाजपा पर भी जमकर हमला किया। महंगाई पर सोनिया ने कहा कि जनता का जीना दूभर हो गया है। उन्होंने लखीमपुर-खीरी की घटना को चौंकाने वाली घटना बताया और कहा कि यह घटना भाजपा की मानसिकता को दिखाती है कि वह किस तरह किसान आंदोलन को देखती है। उन्होंने कहा – ‘ये दिखाती है कि भाजपा किसानों के अपने जीवन और आजीविका की रक्षा के लिए इस मजबूत संघर्ष से कैसे निपट रही है।’