उत्तर प्रदेश में हारे कई दिग्गज!

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के परिणामों ने हर किसी को चौंका दिया है। कुछ लोग इसे ईवीएम में गड़बड़ी का खेल बता रहे हैं, तो कुछ योगी-मोदी का जलवा। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) इस चुनाव में अपने 300 पार के लक्ष्य को तो हासिल नहीं कर सकी, मगर अपने सहयोगियों के मामूली सहयोग से 273 सीटों के प्रचंड बहुमत से सरकार बनाने में कामयाब रही।

योगी की जीत ने गोरखपुर के उन आँकड़ों को पलट दिया है, जो उनके ख़िलाफ़ जा रहे थे। वहीं उनके कई ऐसे मंत्री, विधायक धरासायी हो गये हैं, जिन्हें अपनी हार की उम्मीद भी नहीं थी। दूसरे दलों में भी यही स्थिति सामने आयी है। कई दिग्गज जो यह मानकर चलते थे कि उन्हें तो कोई हरा ही नहीं सकता, बुरी तरह हारे हैं। अगर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पूर्व मंत्रियों और विधायकों के हारने की बात करें, तो सबसे बड़ी बात यह रही कि उप मुख्यमंत्री रहे मज़बूत नेता केशव प्रसाद मौर्य को सिराथू विधानसभा सीट पर समाजवादी पार्टी की पल्लवी पटेल ने 7,000 से अधिक वोटों से हरा दिया। इस सीट पर पहले केशव प्रसाद मौर्य जीतने लगे थे, मगर ईवीएम में गड़बड़ी की शिकायत को लेकर वहाँ ख़ूब हंगामा हुआ, जिसके बाद पल्लवी पटेल मौक़े पर पहुँच गयीं और वोटों की दोबारा गिनती कराने की माँग की। काफ़ी देर तक यहाँ गिनती रोक दी गयी और जब दोबारा गिनती हुई, तो यहाँ बाज़ी पलट गयी और पल्लवी पटेल जीत गयीं। यहाँ बताना ज़रूरी है कि पल्लवी पटेल केंद्रीय मंत्री और अपना दल की प्रमुख अनुप्रिया पटेल की बहन है। अनुप्रिया पटेल भाजपा की समर्थित पार्टी अपना दल (सोनेलाल) की अध्यक्ष हैं। सिद्धार्थनगर ज़िले की इटावा सीट से विधायक रहे योगी आदित्यनाथ सरकार-एक में बेसिक शिक्षा मंत्री रहे डॉ. सतीश चंद द्विवेदी सपा प्रत्याशी व पूर्व विधान सभा अध्यक्ष माताप्रसाद पांडेय के हाथों इस बार लगभग 3,000 वोटों से हार गये। इस विधानसभा सीट से माताप्रसाद पांडेय छ: बार विधायक रह चुके हैं, मगर 2017 में हार गये थे।

इसी तरह प्रतापगढ़ ज़िले की पट्टी विधानसभा से भाजपा विधायक रहे पूर्व ग्राम्य विकास मंत्री राजेंद्र प्रताप उर्फ़ मोती सिंह को सपा प्रत्याशी राम सिंह पटेल ने हरा दिया। यह मंत्री महोदय भी लगभग 3,000 वोटों से ही हारे हैं। राम सिंह दस्यु ददुआ के भतीजे हैं और 2017 में केवल 1400 वोटों से हार गये थे। इसी तरह बलिया ज़िले की फेफना विधानसभा सीट से योगी आदित्यनाथ सरकार-एक में विधायक रहे पूर्व युवा व खेल मंत्री उपेंद्र तिवारी को सपा नेता संग्राम सिंह यादव ने बहुत ही बुरी तरह 19,000 वोटों से अधिक से हराया है। इसी तरह शामली ज़िले की थानाभवन सीट से भाजपा सरकार-एक में विधायक रहे पूर्व गन्ना मंत्री सुरेश राणा की भी सपा नेता अशरफ़ अली ख़ान के हाथों 10,000 से ज़्यादा वोटों से बुरी तरह हार हुई है।