क्या फिलिस्तीन में अमन हो जाएगा ?

peace in Palestine

खालिद सलीम
12 अक्टूबर 2025

7 अक्टूबर 2024 को हमास ने इजरायल के अंदर घुसकर एक ऐसा भीषण हमला किया था जिसकी हिस्ट्री में कोई मिसाल नहीं मिलती है जिसमें इजरायल के बहुत सारे बेकसूर लोग मारे गए थे और उनमें से ही बहुत सारे लोगों को हमास ने अगवा करके गजा में ले आए थे उसके बाद इजरायल की तरफ से लगातार 2 साल तक गजा को जहन्नम बनाया गया जिसमें तकरीबन एक लाख के करीब गजा के वह मासूम शायरी हिलॉक हुए जिनका कोई कसूर नहीं था एक तरह से इजरायल ने हमास के हमले की सजा गजा के मासूम शहरियों को दी दोनों तरफ से यह सिलसिला जारी रहा अगर ।

हमास को खत्म करने और उसे सजा देने के इजरायल के हमलो को देखें तो बेशक गजा में बहुत सारे लोग मारे गए हैं लेकिन इसराइल का नुकसान भी कुछ कम नहीं हुआ है अब इन 2 सालों के बाद अमेरिका के प्रेसिडेंट डॉनल्ड ट्रंप की 20 निकाति फार्मूले कि बिना पर यह 2 साल की खतरनाक जंग खत्म होने की कगार पर है अब देखना यह है की अमेरिकी प्रेजिडेंट के इन 20 निकाति प्रोग्राम से फलस्तीन में अमन कायम होता है या नहीं ,बताया जाता है कि हमास ने भी अमेरिकी प्रेजिडेंट के इस फार्मूले पर अमल करने की हामी भरली है और दिलचस्प बात यह है कि इजरायल हमास के जिन टॉप लीडरों को खत्म करने के दर पर था अब उन्हीं के साथ टेबल पर बैठकर बातचीत करने पर मजबूर हो गया है, इजरायली प्राइम मिनिस्टर नितिन याहू के लिए भी हालात ठीक नहीं है इजराइल के अंदर उनकी बहुत सारी मुखालफत है और उन लोगों के परिजन जिनको हमास ने किडनैप किया था वह लगातार नितिन याहू की नीतियों के खिलाफ सड़कों पर हैं एक बहुत ही और आहम बात यह भी है कि हममास जो के एक हतयार बद संगठन है और जिसका कहना यह है कि इजरायल के साथ अमन इसी वक्त कायम हो सकता है जब उसके साथ मुसल्ला हथियारों के साथ मुकाबला किया जाए ,इसी के साथ हमास ने कभी भी इसराइल को तस्लीम नहीं किया अब यह जो 20 निकाती फार्मूला सामने आया है इसमें इस बात को साफ नहीं किया गया है कि आया हमास इसराइल को तस्लीम करेगा या नहीं हमास ने एक बात यह कही है कि हम गजा में बाहर के मुल्कों की किसी भी तरह की दखलंदाजी बर्दाश्त नहीं करेंगे गाजा फलस्तानियों का हैऔरफलस्तीननी ही गाजा पर हुकूमत करेंगे जबकि इस फार्मूले के तहत बरतानिया के फॉर्मर चीफ मिनिस्टर टोनी बिलियर् की निगरानी में एक टीम गाजा का शासन सभालेगी, हमास इसका सख्त मुखालिफ है इस पूरे समीकरण में एक और बात में साफ तौर से कहना चाहता हूं की सऊदी अरब, वह अरब कंट्रीज में किसी भी हथियारबंद संगठन के सखत खिलाफ है सऊदी अरब यह नहीं चाहता की फलस्तीन हो लेबनान हो या अरब का कोई और भी इलाका हो उसमें कोई भी हथियारबंद संगठन मौजूद रहे यह जो 2 साल तक गाजा पर इजरायली बमबारी हुई है और हममास को खत्म करने की योजना बनाई गई थी इसमें सऊदी अरब यू ए इ इन सब का हाथ था और यहां के हुकुमारान चाहते हैं कि हममास को बिल्कुल खत्म कर दिया जाए इन दो सालों में इजरायल ने लेबनान में हिस्बुल्ला के हसन नसरुल्लाह को खत्म किया और दूसरे बड़े-बड़े हमास के लीडरों को कत्ल किया उस सब के पीछे एक तरह से अरब बादशाहो की भी मनशा थी ,अब यह देखना बड़ा दिलचस्प होगा कि डोनाल्ड ट्रंप के बीस निकाती फार्मूले पर हममास कितना अमल करता है यह बात तो हम सभी जानते हैं कि हमास के पास जो पहले वाली ताकत थी वह मौजूद नहीं है लेकिन दिलचस्प बात यह भी है कि हममस अभी भी अपनी ताकत का मजाहरा करता रहता है और उसके हौसलों में कोई कमी नहीं आई है इसी के साथ-साथ हम यह भी देखते हैं की एशिया अफ्रीका और ऐसे ही दूसरे मुल्कों के मुकाबले में यूरोप के लोग गाजा के लोगों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हुई है ।

पिछले डेढ़ साल से यूरोप के आवाम यूरोप की सड़कों पर गाजा के लिए प्रोटेस्ट कर रही है उसी को देखते हुए फ्रांस स्पेन और दूसरे यूरोपककी कंट्रीज में पफलसतीन को मान्यता देने की हामी भरली है और तो और इंग्लैंड के प्राइम मिनिस्टर ने भी फलस्तीन को तस्लीम करने का प्रस्ताव पास कर दिया है,बहुत से लोग यह कहते हैं की अगर 7 अक्टूबर 2024 को
हममास इसराइल पर हमला ना करता तो आज फलस्तीन को दुनिया भर से जो हिमायत मिल रही है वह नहीं मिल सकती थी इन लोगों का यह भी कहना है कि अब इसराइल और फलस्तीन दो अलग-अलग स्टेट बनने की तरफ खमजन है और सऊदी अरब के शहजादे बिन सलमान के एक फार्मूले के तहत जिसकोइब्राहिमि फार्मूला कहा गया है अगर उस पर अमल किया जाता है तो अब यह बात बहुत दूर नहीं है कि इजराइल फिलिस्तीन की स्टेट को तस्लीम करने पर मजबूर हो जाएगा इसके अलावा इसराइल या हममास के पास कोई भी ऑप्शन नहीं है अब बहुत ज्यादा हो चुका है इन दो सालों में दोनों तरफ से लाखों मासूम लोग मारे जा चुके हैं दुनिया के अमन पसंद लोग इस खून खराबी से बहुत ज्यादा परेशान है अमन सकूं और शांति इस इलाके में काइम हो दुनिया के लोगों की यही राय है अमेरिकी सदर डोनाल्ड ट्रंप भी कई मुल्कों के बीच जंग को रुकवा चुके हैं उसमें तफसील में जाने की जरूरत नहीं है अब उन्होंने बहुत ज्यादा मजबूरी में इसराइल के प्राइम मिनिस्टर नितिन याहू को इस जंग को रोकने के लिए तैयार किया और उधर हममास के साथ बातचीत करने पर मजबूर किया जिसकी वजह से उम्मीद बंधी है कि यह इलाका भी जंग से पाक हो जाए इसराइल के और फलस्तीन के लोग आपस में अमन और सुकून से रहें यही अमन पसंद लोगों की इच्छा है और ख्वाहिश है हम भी चाहते हैं की इस इलाके में हमास औरदूसरै हथियार बंद संगठन हथियारों को छोड़कर अमन के रास्ते पर आए इसराइल को तस्लीम करें और फलस्तीन के मासूम लोगों की तरफ देख जिनके अपने इस दुनिया से चले गए हैं और मासूम बच्चे जो अभी भी भूख से निढाल है उनको दाव की जरूरत है खुराक की जरूरत है, तो हमास ने अगर अभी भी अपनी जिद नहीं छोड़ी और इसराइल के साथ अमन को कबूल नहीं किया तो तबाही फिर गाजा और फलस्तीन का मुकद्दर बन जाएगी ।