शेयर मार्किट से हुई कमाई पर देना होगा ज्यादा टैक्स

नई दिल्ली :  वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में शेयर मार्किट से पैसा कमाने वालों को लेकर भी बड़ा ऐलान किया है। जिसके बाद मार्किट में गिरावट दर्ज की गई। सेंसेक्स पिछली क्लोजिंग से 1270 अंक नीचे जा लुढ़का तो निफ्टी में भी 480 अंकों की गिरावट देखने को मिली।

वित्त मंत्री ने कुछ एसेट्स पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन को बढ़ाकर 20 फीसदी कर दिया है जबकि फाइनेंशियल और नॉन-फाइनेंशियल एसेट्स पर इनकम टैक्स रेट के हिसाब से शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगेगा। वित्त मंत्री ने कुछ खास एसेट्स पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स को भी 10 फीसदी से बढ़ाकर 12.5 फीसदी कर दिया है। जबकि लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन के तहत मिलने वाली छूट की लिमिट को 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 1.25 लाख रुपये कर दिया गया है।

फाइनेंस बिल 2024 के मुताबिक कैपिटल गेन के टैक्स नियमों का सरलीकरण करने के साथ उसे तर्कसंगत बनाया गया है। इस सरलीकरण के तीन कॉम्पोनेंट है। शार्ट टर्म कैपिटल गेन और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन निर्धारित करने के लिए केवल 12 महीने और 24 महीने का केवल दो होल्डिंग पीरियड होगा। स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टेड सिक्योरिटीज के लिए 12 महीने का होल्डिंग पीरियड और दूसरे एसेट्स के लिए 24 महीना होगा। बॉन्ड, डिबेंचर और सोने के लिए होल्डिंग पीरियड को 36 महीने से घटाकर 24 महीने कर दिया गया है, जबकि अनलिस्टेड शेयर्स और इमोवेबल प्रॉपर्टी के लिए 24 महीने की ही अवधि बनी रहेगी।

इक्विटी शेयर्स, इक्विटी म्यूचुअल फंड पर पहले 15 फीसदी शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगा करता था उसे बढ़ाकर 20 फीसदी कर दिया गया है। फाइनेंस बिन के मुताबिक शॉर्ट टर्म कैपिचल गेन टैक्स बेहद कम है और इसका फायदा केवल हाई नेटवर्थ इंडीविजुअल को ही मिलता है।

फाइनेंस बिल के मेमोरंडम के मुताबिक लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन को सभी कैटगरी के एसेट्स के लिए 12.50 फीसदी किया गया है जो इक्विटी शेयर्स, इक्विटी म्यूचुअल फंड के मामले में 10 फीसदी था। जबकि प्रॉपर्टी के मामले में 20 फीसदी के इंडेक्सेशन के साथ 20 फीसदी एलटीसीजी लगता था। नए प्रस्ताव के मुताबिक 1.25 लाख रुपये तक लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर छूट मिलेगी। बॉन्ड डिबेंचर के मामले में लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन 20 फीसदी के दर से लगा करता था। अब लिस्टेड बॉन्ड डिबेंचर के लिए इसे घटाकर 12.50 फीसदी कर दिया गया है। जबकि लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन के कैलकुलेशन के लिए इंडेक्सेशन की बेनेफिट को खत्म कर दिया गया है।