खालिद सलीम
2024 के लोकसभा चुनाव परिणाम आने के बाद उत्तर प्रदेश की चर्चा हर खास-ओ-आम कर रहा है। सबसे ज्यादा चर्चा रामपुर सीट पर पहली बार में ही लोकसभा सीट पर जीते मौलाना मोहिबुल्लाह नदवी की हो रही है। हालांकि इसमें कोई दोराय नहीं कि उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की शानदार जीत के पीछे भले ही कई कारण हों, लेकिन मुसलमानों का भरपूर साथ मिलना इस उपलब्धि के लिए एक बड़ी बात रही। आज समाजवादी पार्टी सीटों की संख्या के हिसाब से देश की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है। उत्तर प्रदेश की 80 संसदीय सीटों में से समाजवादी पार्टी के 37 सांसद चुनकर संसद पहुंचे हैं।
इन्हीं 37 सांसदों में से एक हैं- सांसद मौलाना मोहिबुल्लाह नदवी। सांसद मौलाना मोहिबुल्लाह नदवी दिल्ली के पार्लियामेंट मस्जिद के इमाम भी हैं। इससे भी बड़ी बात है कि आजाद हिंदुस्तान की तारीख में मौलाना मोहिबुल्लाह नदवी ऐसे पहले सांसद हैं, जो किसी मस्जिद के इमाम भी हैं। अलग बात यह है कि मौलाना मोहिबुल्लाह का राजनीतिक सफर उसी रामपुर से शुरू हुआ है, जो रामपुर आजम खान और उनके खानदान की सियासत का गढ़ रहा है। जानकार कह रहे हैं कि उत्तर प्रदेश में भाजपा की योगी सरकार से नाखुश रामपुर के ज्यादातर लोगों, खासतौर पर समाजवादी पार्टी के समर्थकों और मुसलमानों की एकतरफा वोटिंग का फायदा मौलाना मोहिबुल्लाह नदवी को मिला।
आजकल सांसद मौलाना मोहिबुल्लाह नदवी का एक इंटरव्यू बहुत ज्यादा चर्चा में है, जिसमें उन्होंने समाजवादी पार्टी नेता और पूर्व सांसद आजम खान को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार पर हमला बोला है। एक पत्रकार ने उनसे जब यह पूछा कि आजम खान के बारे में उनके क्या खयाल है? तो मौलाना मोहिबुल्लाह ने इस सवाल के जवाब में कहा कि वह सुधार गृह में हैं। हम सब जानते हैं कि आजम खान के खिलाफ पिछले 10 सालों में क्या कुछ नहीं हुआ है। उत्तर प्रदेश की हुकूमत ने उनके खिलाफ बकरी चोरी, भैंस चोरी, किताबों की चोरी और ऐसे ही बहुत से मुकदमे बनाकर उन्हें जेल में डाला है। और अब आखिर में उनके साथ-साथ उनकी पत्नी और उनके बेटे को एक जाली बर्थ सर्टिफिकेट के केस में जेल में डाल दिया गया है। अब उनकी पत्नी को तो जमानत मिल गई है, लेकिन वह और उनके बेटे जेल के अंदर ही हैं। हालाँकि लोग मौलाना मोहिबुल्लाह नदवी की बातों का मतलब यह भी निकाल रहे हैं कि उन्होंने पूर्व सांसद आजम खान के खिलाफ बयान दिया है, क्योंकि उन्होंने कहा कि वह (आजम खान) सुधार गृह में हैं। इससे ऐसा लगता है जैसे कि उनके पूर्ववर्ती सांसद किसी वास्तविक जुर्म में अंदर हैं और वह एक माफिया हैं, जिनका सुधार जेल के अंदर हो रहा है। सांसद मौलाना मोहिबुल्लाह नदवी के इस बयान से हिंदुस्तान के इंसाफ पसंद लोग नाखुश हैं, खास तौर से रामपुर और उत्तर प्रदेश के मुसलमानों में इसकी चर्चा है कि एक मौलवी, जो मस्जिद के इमाम भी हैं; उन्होंने एक ऐसे नेता के खिलाफ यह बयान दिया है, जिसने तालीम के मैदान में पिछड़े हुए मुसलमान के लिए अपनी जिंदगी में एक पूरी यूनिवर्सिटी बनाकर खड़ी कर दी। उनका यह बहुत बड़ा योगदान है। इसके अलावा आजम खान उत्तर प्रदेश में मंत्री रहे हैं, संसद के सदस्य के अलावा हिंदुस्तान के कद्दावर नेता हैं।
कुल मिलाकर नव निर्वाचित सांसद मौलाना मोहिबुल्लाह नदवी के बयान का क्या मतलब था और लोगों की उनके प्रति नाराजगी क्यों हैं, यह तो नहीं कहा जा सकता है। लेकिन इसमें कोई दो राय नहीं कि आजम खान के खिलाफ जो भी मुकदमे बनाए गए हैं, वो सच्चाई से ज्यादा सियासी दुश्मनी की बू आती है। क्योंकि उन्होंने भाजपा और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी को लेकर जो बयान दिए थे, उसे भाजपा और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री सह नहीं सके और उनके कुछ बयानों के बाद ही उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू हो गई थी। ठीक उसी तरह, जिस तरह दूसरे बहुत से हवालों से पिछले 10 साल में प्रदेश के मुसलमानों को टारगेट करके उनके नेताओं के उनके खिलाफ मुकदमे बनाकर उन्हें जेल में डाला गया है। ऐसे में आजम खान को लेकर अगर सांसद मौलाना मोहिबुल्लाह नदवी यह कहते हैं कि वह सुधार गृह में हैं, तो उनकी सियासी सूझबूझ पर सवालिया निशान लगेंगे ही। कहा जा रहा है कि मौलाना नदवी के बयान से सिर्फ मुसलमान ही नहीं, बल्कि हर इंसाफ पसंद हिंदुस्तानी उनसे सख्त नाराज है। अब लोग सवाल भी पूछ रहे हैं कि मौलाना मोहिबुल्लाह नदवी कभी मीडिया को ये भी बताएंगे कि उन्होंने कितनी शादियां की है? वह कितनी बीवियों को तलाक दे चुके हैं? और उनकी एक बीवी ने उनके खिलाफ मुकदमा क्यों दायर कर रखा है? चुनाव के दौरान एक पत्रकार ने जब उनसे यही सवाल पूछा कि उनकी एक बीवी ने उनके खिलाफ कोर्ट में मुकदमा कर रखा है, उसके बारे में उन्हें क्या कहना है? तो मौलाना ने कहा था कि यह मामला कोर्ट का है। तो फिर पूर्व सांसद आजम खान के ताल्लुक से भी उन्हें यही बयान देना चाहिए था कि कोर्ट ने उनको सजा दी है। अब वह अपनी सजा काट रहे हैं। मैं इसके बारे में क्या कह सकता हूं? हम आजम खान को इन परेशानियों से निकालने की कोशिश करेंगे और सांसद होने के नाते हम देखेंगे के उनके लिए हम क्या कर सकते हैं। इसके बजाय उन्होंने सीधा आजम खान को ऐसे मुजरिमों के साथ में खड़ा कर दिया, जो कि जुर्म के बाद जेल में हैं।
लेकिन मैं कहना चाहता हूं कि सांसद मौलाना मोहिबुल्लाह रामपुर और रामपुर से बाहर के लोगों के लिए, जरूरतमंदों के लिए कुछ ऐसे काम करें, जो हिंदुस्तान के मुसलमानों का सिर फख्र से ऊंचा करे और उनकी उम्मीदों पर आप खरे उतरें। आप एक मसजिद के इमाम हैं। मौलवी हैं और अब एक सांसद भी हैं। मौलवी बिरादरी समेत आम मुसलमान मौलाना मोहिबुल्लाह नदवी को यह ओहदा मिलने से खुश हैं कि एक आलिम उनके बीच से चुनकर संसद पहुंचे हैं। लेकिन उन्होंने अपने पहले ही इंटरव्यू में सबको निराश कर दिया है। नव निर्वाचित सांसद और मौलाना मोहिबुल्लाह नदवी को चाहिए कि वह अपने इस बयान से पल्ला झाड़ें और आइंदा इस तरह के बयानात से परहेज करें। लोगों की उम्मीद पर खरा उतरने की कोशिश करें।
(उपरोक्त विचार लेखक के अपने हैं और इसके लिए वह खुद जिम्मेदार होंगे।)