नई दिल्ली : उत्तराखंड सोमवार को इतिहास रचने जा रहा है। यहां समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू किया जाएगा। इस तरह ऐसा करने वाला उत्तराखंड भारत का पहला राज्य बन जाएगा। समान नागरिक संहिता न केवल पूरे राज्य में लागू होगी, बल्कि यह राज्य से बाहर रहने वाले उत्तराखंड के लोगों पर भी लागू होगी। यह ऐतिहासिक विधेयक दोपहर करीब 12:30 बजे लागू किया जाएगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राज्य दौरे से ठीक पहले यूसीसी पोर्टल का अनावरण करेंगे।
यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) का मतलब ये है कि देश में जो भी नागरिक रह रहे हैं, फिर चाहे वो किसी भी धर्म, जाति या लिंग के हों, उनके लिए एक ही कानून होगा। इसके लागू होते ही शादी, तलाक, लिव इन रिलेशनशिप, बच्चा गोद लेने का अधिकार समेत तमाम अधिकारों में एकरूपता नजर आती है। फिर धर्म के आधार पर नियम अलग नहीं हो सकते।
यूसीसी में बेटों और बेटियों दोनों के लिए संपत्ति में समान अधिकार सुनिश्चित करता है। यूसीसी के तहत बहुविवाह पर प्रतिबंध होगा, तथा इस ऐतिहासिक कानून के तहत एकविवाह को आदर्श माना जाएगा। यूसीसी के अनुसार विवाह के लिए न्यूनतम लड़कों की उम्र 21 वर्ष और लड़कियों की उम्र 18 वर्ष निर्धारित की गई है।
विवाह दंपती के धार्मिक रीति-रिवाजों के अनुसार संपन्न होगा और विवाह का पंजीकरण अनिवार्य होगा। यूसीसी लागू होने के बाद, वैध और नाजायज बच्चों के बीच कोई अंतर नहीं होगा क्योंकि कानून का उद्देश्य संपत्ति के अधिकारों पर इस अंतर को खत्म करना है। एक बार जब यूसीसी लागू हो जाएगी तो सभी बच्चों को जैविक संतान के रूप में मान्यता दी जाएगी।