अंजलि भाटिया
नई दिल्ली, 1 जुलाई
तृणमूल कांग्रेस (AITC) ने मंगलवार को दिल्ली स्थित निर्वाचन सदन के बाहर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुनाव आयोग (ECI) के साथ हुई बैठक की जानकारी दी। पार्टी सांसद कल्याण बनर्जी और मंत्री फिरहाद हाकिम ने कई अहम मुद्दों पर अपनी आपत्ति दर्ज कराई।
कल्याण बनर्जी ने कहा कि आयोग का दावा है कि “कोई मतदाता पीछे न छूटे”, लेकिन हाल के सर्कुलर ‘पात्रता पहले, समावेश बाद में’ की नीति को दर्शाते हैं। उन्होंने मांग की कि 2024 तक जिनका नाम मतदाता सूची में था, उन्हें बिना शर्त बनाए रखा जाए। आयोग ने इसे गंभीरता से लेने की बात कही।
उन्होंने 1987 से 2003 तक के जन्म प्रमाणपत्र, फर्जी वोटरों की अचानक एंट्री, और चुनाव से पहले 50–60 वर्षीय नए मतदाताओं के बल्क में जोड़ने पर सवाल उठाया। पार्टी ने प्रस्ताव रखा कि नामांकन से 3–4 महीने पहले तक कोई नया नाम जोड़ा जाए तो राजनीतिक दलों को इसकी सूचना मिले और जांच का अधिकार भी दिया जाए।
आधार कार्ड अनिवार्यता के मुद्दे पर ECI ने स्पष्ट किया कि यह बाध्यकारी नहीं है और इसे लेकर पुनः समीक्षा की जाएगी। दक्षिण 24 परगना के चंपाहाटी में 4,500 फर्जी वोटरों की शिकायत पर भी जांच का आश्वासन मिला।
फिरहाद हाकिम ने कहा कि केंद्रीय बलों की भूमिका को सीमित किया जाए और राज्य पुलिस को भी बूथ के भीतर तैनात किया जाए। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्यपाल और केंद्रीय मंत्री चुनावों के दौरान पक्षपातपूर्ण तरीके से यात्रा करते हैं। आयोग ने आश्वासन दिया कि इस पर भी कार्रवाई होगी।
पार्टी ने मांग की कि 2024 को मतदाता सूची का आधार वर्ष बनाया जाए और सभी नए नाम जोड़ने की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया जाए। AITC ने आयोग और न्यायपालिका में आस्था जताई और निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया की उम्मीद जाहिर की।