अंजलि भाटिया
नई दिल्ली ,23 जुलाई
टोल टैक्स चोरी पर शिकंजा कसने के लिए केंद्र सरकार अब बड़ा कदम उठाने जा रही है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने प्रस्तावित व्यवस्था के तहत टोल बकाया रहने पर वाहन मालिकों को इलेक्ट्रॉनिक चालान भेजने और भुगतान न करने की स्थिति में आरसी नवीनीकरण, बीमा और वाहन ट्रांसफर जैसी सेवाओं पर रोक लगाने की तैयारी कर ली है।
मंत्रालय ने 11 जुलाई को इस संबंध में अधिसूचना जारी करते हुए 30 दिन के भीतर हितधारकों से सुझाव और आपत्तियाँ मांगी हैं। इसके बाद यह व्यवस्था लागू कर दी जाएगी।
मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि नई प्रणाली के तहत टोल प्लाजा पर वैध और कार्यशील फास्टैग न होने पर वाहन की यात्रा का संपूर्ण विवरण जैसे तिथि, समय और स्थान के साथ वाहन मालिक को भेजा जाएगा। इसके बाद बकाया टोल का भुगतान करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक नोटिस जारी किया जाएगा।
भुगतान न करने पर वाहन मालिक आरसी नवीनीकरण, वार्षिक कर जमा, बीमा नवीनीकरण, स्वामित्व हस्तांतरण या एनओसी जैसी सेवाओं से वंचित रहेंगे।
अधिकारी ने बताया कि बड़ी संख्या में वाहन चालक अब भी फास्टैग को वाहन की विंडस्क्रीन पर नहीं लगाते या उसे सक्रिय नहीं करते, जिससे टोल का स्वतः भुगतान नहीं हो पाता। एनएचएआई की इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन (ETC) प्रणाली के माध्यम से अब ऐसे वाहनों की पहचान की जा रही है।
अब बीमा कंपनियों के लिए भी एक नई जिम्मेदारी तय की जाएगी। मोटर वाहन अधिनियम की धारा 137 के तहत, बीमा जारी करने से पहले यह सुनिश्चित करना होगा कि वाहन पर कोई टोल बकाया न हो। यह पुष्टि राष्ट्रीय मोटर वाहन रजिस्टर के माध्यम से ऑनलाइन की जाएगी।
नई व्यवस्था के लागू होने के बाद वाहन मालिकों को अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता होगी। उन्हें नियमित रूप से अपने फास्टैग को सक्रिय और रिचार्ज रखना होगा। बकाया टोल शुल्क की समय-समय पर जांच करनी होगी।