नई दिल्ली: मौसम विभाग (आईएमडी) की तरफ से इस बार पूरे देश में साउथ वेस्ट मॉनसून पर एक बार फिर बड़ी जानकारी दी गई है। भारतीय मौसम विभाग ने बताया कि इसबार मानसून 2025 की अपने मुकर्रर वक्त से 8 दिन पहले यानी 24 मई को केरल में दस्तक दे चुका है। इसी के साथ इसबार मानसून ने पिछले 16 सालों के रिकॉर्ड को भी तोड़ दिया है। इससे पहले 2009 में 23 मई को मानसून अपने निर्धारित समय से पहले पहुंचा था। मौसम विभाग मानसून अपडेट के मुताबिक, मानसून देश के ज्यादातर हिस्सों में भी तेजी से बढ़ रहा है।
IMD का मानसून अपडेटेड पुर्वानुमान 2025 बताता है कि इस बार भारत में सामान्य से ज्यादा बारिश हो सकती है, जो खासतौर पर किसानों के काफी लिए राहत की बात है। दरअसल, भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने जून से सितंबर की अवधि के लिए अपने मानसून पूर्वानुमान को संशोधित किया है। इस पुर्वानुमान में काफी बदलाव देखने को मिल रहा है।
मौसम विभाग ने ताज़ा अनुमान में कहा है कि इस साल देश में औसतन 106 फिसदी बारिश हो सकती है। जबकि इसमें 4 फिसदी ऊपर या नीचे का फर्क भी हो सकता है। पहले 105 फीसदी बारिश का अनुमान था, यानि इस बार 1 फीसदी ज़्यादा बारिश होने की उम्मीद है। इसका मतलब है कि इस साल मानसून ‘सामान्य से ज्यादा’ कैटेगरी में आता है, क्योंकि जब बारिश 104 फीसदी से ज्यादा होती है, तो उसे सामान्य से ज्यादा माना जाता है। वहीं, पूरे देश में 87 CM रेनफॉल होने की संभावना, जिसका एरर परसेंट +-4 फीसदी है।
मौसम विभाग के मुताबिक, हर साल मानसून सबसे पहले दक्षिणी राज्य केरल में दस्तक देता है और धीरे-धीरे पूरे देश में फैलता चला जाता है। आमतौर पर 8 जुलाई तक यह भारत के ज्यादातर हिस्से को कवर कर लेता है। इसके बाद मानसून उत्तर-पश्चिम भारत से 17 सितंबर के आसपास पीछे हटना शुरू देता है और 15 अक्टूबर तक लोगों के बीच से पूरी तरह विदा हो जाता है। अगर पिछले कुछ सालों के आंकड़ों पर नजरल डालें तो मानसून 2024 में 30 मई, 2023 में 8 जून, 2022 में 29 मई और 2021 में 3 जून को केरल पहुंचा था। यानी हर साल शुरुआत की तारीख में थोड़ा बदलाव है।