अंजलि भाटिया
नई दिल्ली,जून 14 – एयर इंडिया की अहमदाबाद से लंदन जा रही फ्लाइट AI-171 की दुर्घटना को लेकर केंद्र सरकार ने गंभीर रुख अपनाते हुए एक उच्चस्तरीय जांच समिति के गठन की घोषणा की है। इस समिति की अध्यक्षता केंद्रीय गृह सचिव करेंगे और यह समिति तीन महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी।
शनिवार को नागर विमानन मंत्री किंजरापु राम मोहन नायडू ने एक संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी। उन्होंने स्पष्ट किया कि कमेटी द्वारा सुझाए गए सभी सुधारात्मक उपायों को पूरी तरह लागू किया जाएगा, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं दोहराई न जाएं।
मंत्री नायडू ने कहा, “इस हादसे को लेकर जितने भी दृष्टिकोण सामने आए हैं, सभी की गहनता से जांच की जाएगी। यह केवल तकनीकी कारणों की जांच तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि सभी संभावित पहलुओं—तकनीक, मानवीय भूल, प्रोटोकॉल, और विमान रख-रखाव की प्रक्रियाएं—को ध्यान में रखते हुए समग्र जांच होगी।”
उन्होंने बताया कि इस जांच में नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA), विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB), विमान निर्माता बोइंग, और अन्य अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ एजेंसियां पहले ही जुट चुकी हैं।
हादसे के दौरान विमान का ब्लैक बॉक्स सुरक्षित बरामद कर लिया गया है। विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो इसकी डिकोडिंग कर रहा है, जिससे हादसे की वास्तविक वजहों का पता चल सकेगा। जांच टीम को ब्लैक बॉक्स से फ्लाइट डेटा और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डिंग मिलेंगी, जो घटना के समय विमान की स्थिति और क्रू की बातचीत को स्पष्ट करेंगी।
मंत्री नायडू ने बताया कि हादसे की सूचना मिलते ही पूरे नागर विमानन मंत्रालय के साथ गुजरात सरकार, डीजीसीए और अन्य एजेंसियां सक्रिय हो गई थीं। आग पर जल्द काबू पाया गया और मलबा हटाने का कार्य युद्धस्तर पर शुरू किया गया। सभी एजेंसियों ने आपसी समन्वय से त्वरित कार्रवाई करते हुए जनहानि को और बढ़ने से रोका।
मंत्री ने कहा कि मारे गए यात्रियों के परिजनों को सरकार हरसंभव नैतिक और प्रशासनिक सहयोग दे रही है। शवों की पहचान के लिए डीएनए टेस्ट कराए जा रहे हैं और पहचान होते ही उन्हें परिजनों को सौंप दिया जाएगा।
उन्होंने पीड़ित परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा, “पिछले दो दिन बेहद कठिन रहे हैं। यह हादसा केवल एक विमान दुर्घटना नहीं थी, बल्कि इसने पूरे देश को झकझोर दिया है।”
मंत्री नायडू ने मीडिया से जांच प्रक्रिया में सहयोग करने का आग्रह करते हुए कहा कि “जैसे ही जांच समिति अपनी रिपोर्ट सौंपेगी, हम उसके आधार पर मौजूदा सुरक्षा मानकों और प्रोटोकॉल को और अधिक मजबूत करेंगे। हमारा उद्देश्य स्पष्ट है—ऐसे हादसे दोबारा न हों।”
उन्होंने कहा कि सरकार केवल जवाबदेही तय नहीं करेगी, बल्कि प्रभावी ढांचे में बदलाव लाकर हर यात्री की सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में ठोस कदम उठाएगी।