नई दिल्ली:लोकसभा चुनाव के बीच सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला आया है।इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (EVM) में डाले गए वोटों के साथ वीवीपैट (VVPAT) के 100 फीसदी सत्यापन की मांग वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) अपना फैसला सुनाते हुए वीवीपैट से जुड़ी सभी याचिकाएं खारिज कर दीं। 24 अप्रैल की सुनवाई के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस मामले में याचिकाकर्ताओं की तरफ से एडवोकेट प्रशांत भूषण, गोपाल शंकरनारायण और संजय हेगड़े पैरवी कर रहे हैं।वहीं, चुनाव आयोग की ओर से अब तक एडवोकेट मनिंदर सिंह, अफसरों और केंद्र सरकार की ओर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने मोर्चा संभाला था।
इससे पहले जब फैसला आना था तब सुप्रीम कोर्ट में करीब 40 मिनट तक चली सुनवाई में जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा था- ‘मेरिट पर दोबारा सुनवाई नहीं कर रहे।हम कुछ निश्चित स्पष्टीकरण चाहते हैं।हमारे कुछ सवाल थे जिनके जवाब मिल गए। हम फैसला सुरक्षित रख रहे हैं।’
सुप्रीम कोर्ट की डबल बेंच में ये मामला आगे बढ़ा।कोर्ट ने स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए अपनाए गए कदमों के बारे में चुनाव आयोग के वकील से EVM और VVPAT की पूरी प्रक्रिया समझी थी। जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने विभिन्न याचिकाओं पर फैसला सुरक्षित रखते हुए कहा था कि हर चीज पर संदेह करना एक समस्या है। सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा था कि हर चीज पर संदेह नहीं किया जा सकता और चुनाव प्रकिया की अपनी गरिमा होती है।