नई दिल्ली : कई महीनों से अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) में फंसी भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स को घर लाने का मिशन सफलतापूर्वक पूरा हो गया है। स्पेसएक्स का ड्रैगन कैप्सूल आईएसएस से सफलतापूर्वक जुड़ गया है और सुनीता विलियम्स अब जल्द ही धरती पर वापस आ जाएंगी।
स्पेसएक्स ने शनिवार को यह रेस्क्यू मिशन लॉन्च किया था। कैप्सूल में सुनीता विलियम्स के साथ उनके साथी अंतरिक्ष यात्री बुच विलमोर भी सवार हैं। नासा ने इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो भी जारी किया है जिसमें सुनीता और अन्य अंतरिक्ष यात्री काफी खुश नजर आ रहे हैं। यहां सुनीता विलियम्स और बुच ने स्पेसएक्स के क्रू का स्वागत किया। नासा के निक हेग और रूस के अलेक्जेंडर गोरबुनोव को बुच विल्मोर और सुनीता विलियम्स को वापस लाने का काम सौंपा है।
सुनीता विलियम्स पांच जून, 2024 को यान स्टारलाइनर से आईएसएस पर गई थीं। लेकिन यान में तकनीकी खराबी आ जाने के कारण उन्हें जल्द ही वापस लौटना पड़ा था। कई महीनों तक मरम्मत के प्रयास किए गए लेकिन सफलता नहीं मिली। इसीलिए सुनीता विलियम्स को आईएसएस पर ही रहना पड़ा।
सुनीता विलियम्स का जन्म अमेरिका में हुआ था लेकिन उनके पूर्वज गुजरात के मेहसाना के झुलासन गांव के रहने वाले थे। वह एक अनुभवी अंतरिक्ष यात्री हैं और उन्होंने कई अंतरिक्ष मिशनों में हिस्सा लिया है। अब स्पेसएक्स का ड्रैगन कैप्सूल सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर को लेकर धरती की ओर रवाना होगा। अनुमान है कि वह फरवरी 2025 तक धरती पर वापस आ जाएंगी।