गुजरात में 02 अक्टूबर, 1960 से शराबबंदी क़ानून लागू है; लेकिन शराबबंदी क़ानून को शराब माफ़ियाओं ने ठेंगे पर रखा हुआ है। हर साल गुजरात पुलिस कई टन शराब ज़ब्त करती है, फिर भी गुजरात के हर इलाक़े में अवैध रूप से शराब बिकती मिल जाती है। हालाँकि अवैध शराब विक्रेता आसानी से हर किसी को शराब नहीं बेचते; लेकिन शराब पीने वालों को फिर भी आसानी से अवैध रूप से शराब की बोतलें मिल जाती हैं। कुछ जानकारों का कहना है कि अवैध शराब की बिक्री में कुछ ऊपर तक पहुँच वाले लोग मिले हुए हैं, जिन तक अवैध शराब तस्करी से होने वाली काली कमायी के रुपयों में से हिस्सा पहुँचाया जाता है।
जानकारों का कहना है कि शराब कई परचून की दुकानों तक पर मिलती है; लेकिन वे पकड़ में नहीं आते, क्योंकि किसी अनजान व्यक्ति को वे शराब नहीं बेचते। कुछ शराब माफ़िया अपने गुप्त ठिकानों से भी अवैध तरीक़े से शराब की बिक्री करते हैं। इसके अलावा ड्रग्स का नशा करने वाले भी गुजरात में बहुत मिल जाते हैं, जिनमें स्कूली बच्चों की बड़ी संख्या है। हर साल करोड़ों रुपये की क़ीमत की ड्रग्स खेप पकड़े जाने से गुजरात में बड़ी मात्रा में ड्रग्स तस्करी का पता चलता है। अभी हाल ही में होली पर गुजरात में काफ़ी मात्रा में पुलिस और नारकोटिक्स विभाग ने शराब माफ़ियाओं पर कड़ी नज़र रखी, कई जगह अवैध शराब भी ज़ब्त की गयी; लेकिन फिर भी होली पर लोग शराब के नशे में नज़र आये।

हाल की अवैध शराब तस्करी की घटनाओं के आँकड़ों से पता चलता है कि गुजरात में पुलिस, नारकोटिक्स विभाग और गुजरात पुलिस की स्टेट मॉनिटरिंग सेल (एसएमसी) की चौकसी के बावजूद शराब माफ़िया यह अवैध कारोबार बेधड़क कर रहे हैं।
गुजरात के डूंगरपुर इलाक़े के धंबोला थाने की पुलिस ने हाल ही में एक शराब माफ़िया को गिरफ़्तार करके लाखों की अवैध शराब ज़ब्त की थी। यह माफ़िया राजस्थान के मांडली में सरकारी शराब के ठेके पर सेल्समैन का काम करता था। गुजरात में अवैध शराब की सबसे ज़्यादा तस्करी उसके पड़ोसी राज्यों महाराष्ट्र, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश से होती है। 23 मार्च, 2025 को राजस्थान के हनुमानगढ़ ज़िले के पीलीबंगा इलाक़े की पुलिस ने भारत माला रोड पर गुजरात ले जायी जा रही अवैध शराब की बड़ी खेप पकड़ी। यह अवैध शराब एक ट्रक और दो लग्जरी कारों के ज़रिये गुजरात ले जायी जा रही थी, जिनमें अंग्रेजी शराब की 591 पेटियाँ मिलीं, जिनमें अवैध शराब की कुल 7,092 बोतलें थीं। इस शराब की क़ीमत क़रीब 1.7 करोड़ रुपये बतायी गयी थी। इन तीन मामलों में राजस्थान पुलिस ने चार शराब माफ़ियाओं को गिरफ़्तार किया था। पकड़ी गयी इस शराब में ट्रक में कुल 545 पेटियाँ मिलीं, जिनमें 6,540 बोतलें थीं। दो कारों में कुल 46 पेटियाँ मिलीं, जिनमें 552 बोतलें थीं। इसके अलावा मार्च के पहले हफ़्ते में ही जयपुर के दूदू में राजस्थान पुलिस ने दो ट्रकों समेत अवैध शराब के 1,563 कार्टन ज़ब्त किये थे। यह शराब पंजाब से गुजरात जा रही थी। इसके बाद 06 मार्च को सिरसा डबवाली एंटी नारकोटिक सेल पुलिस ने गुजरात के गाँव अबूबशहर में रात में अवैध शराब की 800 पेटियों से लदा एक ट्रक ज़ब्त करते हुए राजस्थान निवासी ड्राइवर रमेश कुमार को गिरफ़्तार किया। पकड़ी गयी अवैध शराब के रूप में क़रीब 10 हज़ार बीयर की बोलते मिलीं, जिनकी बाज़ार में क़ीमत क़रीब 50 लाख रुपये बतायी गयी थी। इससे एक दिन पहले हरियाणा पुलिस ने फ़तेहाबाद में अवैध शराब से भरा एक टैंकर को पकड़ा। पुलिस के मुताबिक, अवैध अंग्रेजी शराब से भरा यह तेल टैंकर पंजाब से गुजरात जा रहा था, जिसमें अंग्रेजी शराब की 905 पेटियाँ मिलीं। पुलिस ने टैंकर चालक मनोज कुमार को गिरफ़्तार करके अवैध शराब को ज़ब्त कर लिया। इससे पहले हरियाणा पुलिस ने जयपुर में तीन शराब माफ़ियाओं को चार बैगों में भरी अवैध शराब समेत पकड़ा था, जो हरियाणा से गुजरात इस शराब की तस्करी करने जा रहे थे। 27 फरवरी, 2025 को भी महाराष्ट्र उत्पादन शुल्क विभाग की टीम ने ठाणे में एक वाहन समेत 34.39 लाख रुपये की क़ीमत की अवैध शराब ज़ब्त की थी। यह शराब भी गुजरात तस्करी के लिए ले जायी जा रही थी। इससे पहले जनवरी में राजस्थान के डूंगरपुर ज़िले के बिछीवाड़ा थाना इलाक़े में पुलिस ने गुजरात से लगी रतनपुर सीमा पर अवैध शराब के 250 कार्टूनों से भरे एक कंटेनर को ज़ब्त करके दो तस्करों को गिरफ़्तार किया था। अवैध शराब की बाज़ार में क़ीमत क़रीब 15 लाख रुपये से ज़्यादा आँकी गयी थी।
आँकड़ों के मुताबिक, गुजरात पुलिस हर साल हज़ारों टन शराब ज़ब्त करती है। सिर्फ़ साल 2024 में 01 जनवरी से 31 दिसंबर तक गुजरात पुलिस की स्टेट मॉनिटरिंग सेल (एसएमसी) ने 22.51 करोड़ रुपये से ज़्यादा की देशी-विदेशी अवैध शराब ज़ब्त की थी। इस दौरान अवैध शराब माफ़ियाओं के ख़िलाफ़ 455 केस दर्ज किये गये। साल 2024 में साल 2022 और साल 2023 से ज़्यादा अवैध शराब ज़ब्त की गयी और शराब माफ़ियाओं के ख़िलाफ़ मामले भी ज़्यादा दर्ज हुए। गुजरात पुलिस ने साल 2022 में 10.40 करोड़ रुपये की अवैध शराब ज़ब्त करते हुए कुल 440 केस दर्ज किये थे, जबकि साल 2023 में 20 करोड़ रुपये से ज़्यादा की अवैध शराब ज़ब्त करते हुए शराब माफ़ियाओं के ख़िलाफ़ कुल 466 केस दर्ज किये थे। साल 2024 की अगर बात करें, तो एसएमसी ने अवैध शराब तस्करी के सबसे ज़्यादा 52 केस अहमदाबाद शहर में दर्ज किये। इसके अलावा सूरत और वडोदरा शहरों में सबसे ज़्यादा 45 मामले अवैध शराब तस्करी के दर्ज किये गये। इन सभी चार शहरों से पूरे साल में कुल 2,59,50,000 हज़ार रुपये से ज़्यादा क़ीमत की अवैध शराब ज़ब्त की गयी, जबकि 6.87 करोड़ से ज़्यादा नक़दी ज़ब्त की गयी। अवैध शराब की तस्करी के सबसे बड़े 62 मामलों में से भी 31 बड़े मामले अहमदाबाद शहर में दर्ज हुए। इसके अलावा सूरत शहर में अवैध शराब तस्करी के 20 बड़े मामले और आठ अन्य मामले दर्ज किये गये। सभी मामलों में 51 लाख रुपये से ज़्यादा क़ीमत की अवैध शराब समेत 1.29 करोड़ रुपये की नक़दी ज़ब्त की गयी। वडोदरा शहर में 10 बड़े मामले और पाँच अन्य मामले दर्ज हुए। इन मामलों में एसएमसी ने 2.91 करोड़ रुपये की नक़दी ज़ब्त की, जबकि लाखों रुपये की शराब ज़ब्त की।
जानकारों के मुताबिक, गुजरात में अवैध शराब की बिक्री शहरों से लेकर गाँवों तक में होती है, जिसमें से एक 10वाँ हिस्सा अवैध शराब भी ज़ब्त नहीं हो पाती है। जानकारों के मुताबिक, बड़े-बड़े रसूख़दारों और नेताओं की पार्टियों में गोपनीय तरीक़े से शराब की पार्टियाँ तो होती ही हैं, ड्रग्स का चलन भी बहुत है। हालाँकि इसके कोई प्रमाण अभी तक सामने नहीं आये हैं; लेकिन गुजरात में ड्रग्स की तस्करी से भी इनकार नहीं किया जा सकता। बड़े पैमाने पर ड्रग्स के शिकार बच्चों की संख्या से इसका अंदाज़ा लगाया जा सकता है। पिछले साल कई ऐसे बच्चे पकड़े गये थे, जो ड्रग्स की लत के शिकार थे। गुजरात में ड्रग्स तस्करी और ड्रग्स बनाने वाली फैक्ट्रियों के पकड़े जाने के कई मामले सामने आ चुके हैं। 20 मार्च, 2025 को ही गुजरात पुलिस की स्टेट मॉनिटरिंग सेल (एसएमसी) ने क़रीब 1.26 करोड़ रुपये की क़ीमत की ड्रग्स के साथ केली चीकु फ्रांसिस और अकीमवान मी डेविड नाम के दो नाइजीरियाई नागरिकों को गिरफ़्तार करके जेल भेजा था। दोनों तस्कर गुजरात के वलसाड इलाक़े के वापी में ड्रग्स की डिलीवरी करने जा रहे थे, जो कि मुंबई से गुजरात पहुँचे थे। शराब माफ़ियाओं की बात करें, तो पिछले साल गुजरात पुलिस ने मध्य प्रदेश के रहने वाले रमेश चंद्र राय नाम के एक बड़े तस्कर को गिरफ़्तार किया था, जो गुजरात समेत कई राज्यों में शराब तस्करी करता था। गुजरात के कई ज़िलों में अवैध शराब की तस्करी के अलावा ये माफ़िया मध्य प्रदेश के भी कई ज़िलों में अवैध शराब की तस्करी करता था।
गुजरात में अवैध शराब की तस्करी के अलावा ड्रग्स तस्करी भी बड़े पैमाने पर होती है। साल 2024 में गुजरात में 6,450 करोड़ रुपये की नशीली दवाओं समेत ड्रग्स ज़ब्त की गयी थी। कई बार समुद्री पोर्ट के ज़रिये विदेशों से लायी गयी ड्रग्स की बड़ी खेपें बरामद हुई हैं, जिनमें सबसे बड़ी खेप 33 टन ड्रग्स अडानी के मुंद्रा पोर्ट पर पिछले साल ही बरामद हुई थी। गुजरात में अवैध शराब और ड्रग्स की तस्करी से हर साल हज़ारों लोगों की जान चली जाती है।
लेकिन गुजरात की गिफ्ट सिटी यानी गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी में शराबबंदी अब लागू नहीं है। पिछले साल गुजरात सरकार ने गिफ्ट सिटी में शराब पीने और बिक्री पर से रोक हटा ली थी, जिसके बाद से गिफ्ट सिटी में शराब धड़ल्ले से बिक रही है। गिफ्ट सिटी में पूरी दुनिया से पर्यटक आते हैं, जिनके चलते यहाँ कई साल से शराब पीने और बेचने की छूट की माँग की जा रही थी। लेकिन जैसे ही गुजरात सरकार ने गिफ्ट सिटी शराब बेचने, पीने और परोसने के लाइसेंस दिये, यहाँ शराब पीने वालों की संख्या बढ़ गयी है। गुजरात सरकार में तक़रीबन 24 हज़ार से ज़्यादा लोग पर्यटकों की सेवा के लिए कार्यरत हैं। अनुमानित आँकड़ों के मुताबिक, गिफ्ट सिटी में पिछले एक साल में 01 मार्च से लेकर 31 दिसंबर तक 20,000 लीटर से ज़्यादा शराब की खपत हुई थी। हालाँकि ये सरकारी आँकड़े नहीं हैं। लेकिन कहा जा रहा है कि इस साल गिफ्ट सिटी में शराब की खपत और ज़्यादा बढ़ गयी है।