अंजलि भाटिया–
नई दिल्ली- जून कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने पहली बार पार्टी के साथ मतभेद होने की बात स्वीकार की. हालांकि उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वे इन मतभेदों को सार्वजनिक मंच पर नहीं, बल्कि पार्टी के अंदर उठाना पसंद करेंगे। थरूर ने कहा मैं 16 साल से कांग्रेस में हूं। कांग्रेस नेतृत्व में कुछ मुद्दों के साथ मेरे मतभेद हैं। उनमें से कुछ मुद्दे सार्वजनिक डोमेन में हैं। लेकिन मैं इन पर चर्चा पार्टी के मंच पर ही करूंगा। अभी बोलने का समय नहीं है, जब कोई नेता बात करेगा तो मैं भी बात करूंगा। थरूर ने संकेत दिया कि वह उपचुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद उन मुद्दों पर चर्चा कर सकते हैं। जब उनसे पूछा गया कि वह प्रचार अभियान से अनुपस्थित क्यों थे, तो थरूर ने कहा मैं वहां नहीं जाता, जहां मुझे आमंत्रित नहीं किया जाता है। उन्होंने कहा कि वायनाड सहित पिछले चुनावों के दौरान भी यही स्थिति थी।थरूर ने कहा हमारे कार्यकर्ताओं ने नीलांबुर में पूरी मेहनत और ईमानदारी से काम किया है। हमारे पास एक सशक्त उम्मीदवार है और मुझे उम्मीद है कि पार्टी के प्रयासों का बेहतर परिणाम सामने आएगा। थरूर की यह चुप्पी ऐसे समय टूटी है जब केरल की नीलांबुर सीट पर उपचुनाव हो रहे हैं और वे प्रचार से पूरी तरह दूर रहे। प्रियंका गांधी समेत कई बड़े नेता मैदान में डटे रहे, लेकिन थरूर की दूरी को लेकर अटकलें तेज हैं।थरूर ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने के अपने फैसले का बचाव करते हुए कहा कि विदेश मामलों की समिति के अध्यक्ष के रूप में उनका ध्यान भारत के राष्ट्रीय हित पर था। उन्होंने कहा केंद्र ने मेरी सेवाएं मांगी थीं। वास्तव में मेरी पार्टी ने नहीं मांगी। जब देशहित का मुद्दा होता है, तब हम सभी को एकजुट होकर खड़ा होना चाहिए।इसलिए मैंने एक भारतीय नागरिक के रूप में अपना कर्तव्य निभाया।बॉक्स नीलांबुर सीट कांग्रेस में शामिल हुए पूर्व विधायक पीवी अनवर के कारण खाली हुई थी। यहां से कांग्रेस ने आर्यादन शौकत को मैदान में उतारा है.