झारखंड के गुमला जिले में बुधवार सुबह सुरक्षा बलों और पुलिस के साथ मुठभेड़ में तीन नक्सली मारे गए हैं। इनमें पांच-पांच लाख के इनामी लालू लोहरा और छोटू उरांव के अलावा सुजीत उरांव शामिल हैं। तीनों प्रतिबंधित नक्सली संगठन झारखंड जनमुक्ति परिषद (जेजेएमपी) से जुड़े थे। यह मुठभेड़ बिशुनपुर थाना क्षेत्र के केचकी जंगल में हुई।
गुमला पुलिस ने तीन नक्सलियों के मारे जाने की पुष्टि की है। मारे गए नक्सलियों में लोहरदगा निवासी लालू लोहरा जेजेएमपी का सब-जोनल कमांडर था। उसके पास से एके-47 राइफल बरामद हुई है। दूसरा नक्सली छोटू उरांव लातेहार का रहने वाला था और वह भी नक्सली संगठन में सब-जोनल कमांडर था। इन दोनों पर पांच-पांच लाख रुपए के इनाम थे।
वहीं, तीसरा नक्सली सुजीत उरांव, लोहरदगा का रहने वाला था और संगठन में कैडर के रूप में सक्रिय था। मारे गए नक्सलियों के पास से एके 47 सहित कई हथियारों की बरामदगी हुई है। मुठभेड़ के बाद इलाके में सर्च ऑपरेशन जारी है। सितंबर महीने में सुरक्षा बलों और पुलिस के साथ नक्सलियों की मुठभेड़ की यह चौथी घटना है, जिसमें आठ नक्सली मारे गए हैं।
15 सितंबर को हजारीबाग जिले के गोरहर थाना क्षेत्र में एक करोड़ के इनामी माओवादी नक्सली सहदेव सोरन उर्फ प्रवेश, 25 लाख के इनामी और भाकपा माओवादी संगठन की झारखंड स्पेशल एरिया कमेटी का सदस्य रघुनाथ हेंब्रम और 10 लाख के इनामी वीर सेन गंझू मारे गए थे।
14 सितंबर को पलामू के मनातू जंगल में सुरक्षाबलों और प्रतिबंधित संगठन टीएसपीसी (तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमेटी) के बीच मुठभेड़ में 5 लाख का इनामी नक्सली मुखदेव यादव मारा गया था। 7 सितंबर को पश्चिमी सिंहभूम जिले के गोइलकेरा थाना क्षेत्र के बुर्जुवा पहाड़ी पर पुलिस ने 10 लाख के इनामी नक्सली अमित हांसदा उर्फ अपटन को ढेर किया था। इस वर्ष अब तक कुल 32 नक्सली मारे गए हैं।
झारखंड पुलिस के आंकड़ों के अनुसार, राज्य में औसतन हर महीने तीन नक्सली मुठभेड़ों में मारे जा रहे हैं। फिलहाल राज्य में 100 से 150 माओवादी सक्रिय हैं। पुलिस की मोस्ट वांटेड सूची में भाकपा माओवादी के 13 बड़े नक्सली शामिल हैं। इनमें मिसिर बेसरा, पतिराम मांझी और असीम मंडल पर एक-एक करोड़ का इनाम है।
इनके अलावा, अनमोल, मोछु, अजय महतो, अगेन अंगरिया, अश्विन, पिंटू लोहरा, चंदन लोहरा, जयकांत और रापा मुंडा भी सूची में हैं। इस वर्ष नक्सलियों के खिलाफ सबसे बड़ी मुठभेड़ 21 अप्रैल को बोकारो जिले के लुगु पहाड़ पर हुई थी, जब एक करोड़ के इनामी प्रयाग मांझी उर्फ विवेक सहित आठ माओवादी मारे गए थे। झारखंड पुलिस और केंद्रीय बल मार्च 2026 तक राज्य को ‘नक्सल मुक्त’ बनाने के लक्ष्य के तहत अभियान चला रहे हैं।