ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम हमले जैसे मुद्दे, सरकार पर दोहरे रवैये का आरोप
अंजलि भाटिया,
नई दिल्ली : मॉनसून सत्र के दूसरे दिन विपक्ष के हंगामे के कारण दोनों सदन नहीं चल पाए और आखिर में दिन भर के लिए स्थगित कर दिए गए।राज्यसभा में विपक्षी दलों के सांसदों ने ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा की मांग की और नियम 267 के तहत 12 नोटिस उप सभापति को दिए गए थे। इनमें से एक नोटिस केरल से माकपा सांसद पी संतोष ने उपराष्ट्रपति के अचानक इस्तीफे पर चर्चा कराए जाने पर दिया था। उपसभापति हरिवंश नारायण ने सभी नोटिस अस्वीकार कर दिए। शून्यकाल में हरिवंश नारायण ने समुद्री मार्ग से माल परिवहन विधेयक 2025 पर विचार के लिए प्रस्ताव पेश करने के लिए जहाजरानी मंत्री सर्बानंद सोनोवाल को बुलाया लेकिन कांग्रेसी सांसदों ने मांग की कि नेता प्रतिपक्ष को बोलने का मौका दिया जाए बाकी विपक्षी दलों के सांसदों ने भी बहुत हंगामा किया जिसके चलते 10 मिनट के भीतर ही सदन की कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित कर दी गयी। बाद में जैसे ही 12 बजे प्रश्नकाल शुरू हुआ घनश्याम तिवारी ने कर घोषणा की कि उपराष्ट्रपति का इस्तीफा तुरंत प्रभाव से राष्ट्रपति ने स्वीकार कर लिया है। विपक्षी सांसदों के जोरदार हंगामे के चलते पांच मिनट के भीतर सदन 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। दो बजे भी मुश्किल से तीन मिनट भी सदन नहीं चल पाया और बुधवार 11 बजे तक के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गयी। जबकि सोमवार को राज्यसभा में केवल 15 मिनट का व्यवधान हुआ था और शाम साढ़े चार बजे तक सदन सुचारू रूप से चला था ।
लोकसभा
संसद के मानसून सत्र का दूसरा दिन लोकसभा में भारी हंगामे के बीच गया। विपक्ष के विरोध और नारेबाजी के चलते लोकसभा की कार्यवाही तीन बार स्थगित करनी पड़ी।
विपक्ष के हंगामे और विरोध-प्रदर्शन के कारण हर बार कुछ मिनटों में ही कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा। सत्र के दौरान जैसे ही लोकसभा की कार्यवाही शुरू हुई, विपक्षी सांसद तख्तियां लेकर वेल में पहुंच गए और नारेबाजी शुरू कर दी। स्थिति को देखते हुए कार्यवाही पहले दोपहर 12 बजे तक, फिर 2 बजे तक, और अंततः पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई। अब लोकसभा की कार्यवाही बुधवार सुबह 11 बजे से शुरू होगी।
दूसरे दिन विपक्षी सांसदों ने बिहार में मतदाता सूची के स्पेशल इंटेंसिव रिविजन (SIR) के खिलाफ संसद के अंदर और बाहर जोरदार विरोध दर्ज कराया। इसके साथ ही उन्होंने पहलगाम आतंकी हमला, ऑपरेशन सिंदूर और अन्य राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर प्रधानमंत्री से जवाब और संसद में विस्तृत चर्चा की मांग की।
सदन स्थगित होने से पहले केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने विपक्ष पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा, बीएसी (बिजनेस एडवाइजरी कमेटी) में तय हुआ था कि सबसे पहले ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा होगी। चर्चा के लिए सरकार तैयार है, लेकिन विपक्ष हंगामे पर आमादा है। रिजिजू ने कहा कि चर्चा किस नियम के तहत होगी, यह तय होना बाकी है। सभी मुद्दों को एकसाथ उठाना संभव नहीं। बीएसी में यह भी सहमति बनी थी कि कोई सांसद प्लेकार्ड लेकर नहीं आएगा, फिर भी नियमों का उल्लंघन किया गया। उन्होंने आगे कहा कि संसद की कार्यवाही बाधित कर विपक्ष करोड़ों रुपये के टैक्सपेयर्स के पैसे की बर्बादी कर रहा है और इसे जनता को जवाब देना होगा। हम चर्चा के लिए तैयार हैं. फिर भी ये सदन चलने नहीं देते हैं. यह दोहरा चरित्र ठीक नहीं है।
बॉक्स
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव समेत कई विपक्षी सांसदों ने संसद भवन के मकर द्वार पर सीढ़ियों पर खड़े होकर विरोध प्रदर्शन किया। सांसदों ने तख्तियां लेकर SIR वापस लेने की मांग की और सरकार पर लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कमजोर करने का आरोप लगाया।