ग्रामीण राजमिस्त्री प्रशिक्षण को मिला नया लक्ष्य, 2025-26 में 3 लाख से अधिक कारीगरों को सिखाई जाएगी हुनर की बारीकियाँ

अंजलि भाटिया
नई दिल्ली,2 सितम्बर
प्रधानमंत्री आवास योजना–ग्रामीण (PMAY-G) के तहत घरों के निर्माण को गति देने और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार ने ग्रामीण राजमिस्त्री प्रशिक्षण (Rural Mason Training–RMT) कार्यक्रम के लक्ष्य तय कर दिए हैं। वित्त वर्ष 2025-26 के लिए राज्यों से मिली मांग और सक्षम प्राधिकारी की स्वीकृति के बाद अब कुल 3 लाख से अधिक ग्रामीण राजमिस्त्रियों को प्रशिक्षण देने का फैसला लिया गया है।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में कुशल राजमिस्त्रियों की उपलब्धता बढ़ाना है, ताकि प्रत्येक आवास का निर्माण समयबद्ध और तकनीकी मानकों के अनुरूप हो सके। सरकार का मानना है कि इस पहल से न केवल योजना के लाभार्थियों को मजबूत और टिकाऊ आवास मिलेंगे, बल्कि ग्रामीण युवाओं को रोजगार और आजीविका के अवसर भी प्राप्त होंगे। हर राज्य को कहा गया की जमीनी स्तर पर रोड मैप तैयार किये जाए। राज्यों के लिए आवंटित लक्ष्य अरुणाचल प्रदेश 2,000, असम 20,000, बिहार 25,000, छत्तीसगढ़ 50,000,गुजरात 15,000,हरियाणा 1,000 ,हिमाचल प्रदेश 5,000,जम्मू-कश्मीर 5,000 ,झारखंड 20,000,केरल 5,000,मध्य प्रदेश – 35,000 ,महाराष्ट्र 50,000,मणिपुर 1,000,मेघालय 5,000, मिजोरम 2,000 ,नागालैंड 1,000 ,ओडिशा 30,000 ,पंजाब 1,000 ,राजस्थान 15,000,तमिलनाडु 15,000 ,त्रिपुरा 5,000 और उत्तराखंड में 1,000 ग्रामीण राजमिस्त्रियों को प्रशिक्षण दिया जयेगा।
अधिकारी का कहना है कि प्रशिक्षण प्राप्त राजमिस्त्री तकनीकी रूप से सक्षम होंगे और पर्यावरण के अनुकूल तथा आपदा-रोधी आवासों के निर्माण में अहम योगदान देंगे। इससे न केवल आवास योजना की रफ्तार तेज होगी, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में कौशल विकास और स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।
केंद्र सरकार का लक्ष्य है कि आने वाले वर्षों में सभी पात्र परिवारों को पक्के मकान उपलब्ध कराए जाएं और देश में “सबके लिए आवास” का सपना साकार हो