ममता कुलकर्णी : कभी दर्शकों को थी, अब पुलिस को है तलाश

फोटो साभारः बॉलीवन डॉट कॉम/शांतनु शौरी
Mamta-KulkarniWEB2
फोटो साभारः बॉलीवन डॉट कॉम/शांतनु शौरी

इस साल अप्रैल के महीने में ठाणे पुलिस ने सोलापुर में एक फार्मा कंपनी एवॉन लाइफसाइंसेज लिमिटेड की एक इकाई से तकरीबन 20 टन ‘एफिड्रिन’ बरामद की थी जिसकी अनुमानित कीमत 2000 करोड़ रुपये बताई गई. एफिड्रिन एक प्रतिबंधित ड्रग है जिसका इस्तेमाल दमा और खांसी की दवाइयां तैयार करने में किया जाता है. महत्वपूर्ण बात ये है कि इसका प्रयोग नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की निगरानी में ही होता है. हालांकि तस्कर अवैध रूप से इसका इस्तेमाल ‘क्रिस्टल मेथ’ नाम की एक पार्टी ड्रग तैयार करने में करते हैं. बहरहाल इस मामले में पुलिस ने 23 जून को दूसरी चार्जशीट दाखिल की है, जिसमें गुजरे जमाने की अभिनेत्री ममता कुलकर्णी और उनके कथित पति अंतरराष्ट्रीय ड्रग तस्कर विकी गोस्वामी का नाम आरोपी के तौर पर शामिल किया है. अब पुलिस को उनकी तलाश है.

पुलिस के अनुसार, इस रैकेट का सरगना मनोज जैन है, जो कि एवॉन लाइफसाइंसेज लिमिटेड कंपनी में निदेशक था. ठाणे जिला एवं सत्र न्यायालय में दाखिल चार्जशीट में पुलिस ने मनोज जैन, पुनीत श्रृंगी और केमिस्ट बाबा साहब धोत्रे समेत पांच लोगों के नाम शामिल किए हैं. इसके अलावा पुलिस को ममता कुलकर्णी, विकी गोस्वामी, डॉ. अब्दुल्ला और उनके दो सहयोगियों समेत कुल सात लोगों की इस मामले में तलाश है. पुलिस ने अदालत को बताया है कि केन्या में हुई एक मीटिंग में मनोज जैन, गुजरात के एक पूर्व कांग्रेस विधायक के बेटे किशोर राठौड़ और मामले के दूसरे आरोपियों ने ममता कुलकर्णी, विकी गोस्वामी और डॉ. अब्दुल्ला से मुलाकात की थी. ठाणे पुलिस के अनुसार, गुजरात से 30 टन एफिड्रिन केन्या भेजी जानी थी.

इस मामले के बाद से ही ममता कुलकर्णी लगातार चर्चा में बनी हुई हैं. 1992 में राजकुमार और नाना पाटेकर की फिल्म ‘तिरंगा’ से बॉलीवुड में पदार्पण करने वाली ममता का जन्म मुंबई के एक मध्यमवर्गीय मराठी परिवार में हुआ था. उनके पिता आरटीओ में थे. उनकी दो बहनें मिथिला और मोलीना हैं. बॉलीवुड में वह आशिक आवारा, वक्त हमारा है, क्रांतिवीर, करन अर्जुन, सबसे बड़ा खिलाड़ी, बाजी, बेकाबू और छुपा रुस्तम : अ म्यूजिकल थ्रिलर जैसी हिट फिल्में देने के लिए जानी जाती हैं. ‘आशिक आवारा’ के लिए उन्हें ‘फिल्मफेयर न्यू फेस अवॉर्ड’ मिला. हालांकि एक पक्ष यह भी है कि ममता की फिल्मों से ज्यादा चर्चा उन पर फिल्माए गए गानों की होती थी. फिल्मों में बोल्ड गाने और डांस उनकी पहचान थे. कभी समकालीन अभिनेताओं और निर्देशकों से संबंधों की वजह से तो कभी फिल्मों में अपने बोल्ड अभिनय की वजह से ममता कुलकर्णी लगातार चर्चा में बनी रहती थीं.

ममता कुलकर्णी की फिल्मों से ज्यादा चर्चा उन पर फिल्माए गए गानों की होती थी. फिल्मों में बोल्ड गाने और डांस उनकी पहचान थे

बोल्डनेस उनकी पहचान थी. उस दौर में आम तौर पर मुख्यधारा की अभिनेत्रियां जब बोल्ड दृश्यों से परहेज करती थीं तब ममता ने बेहिचक ऐसी कई फिल्में कीं. इसके अलावा वह तमिल, तेलुगु, मलयालम, कन्नड़ और बंगाली भाषाओं में भी फिल्में कर चुकी थीं. बॉलीवुड में आने से पहले वे तेलुगु भाषा की फिल्म ‘डोंगा पुलिस’ (1991) और ‘प्रेमशिखरम’ (1992) में नजर आ चुकी थीं. बंगाली भाषा में उन्होंने ‘भाग्य देबता’ (1995) और ‘बंशधर’ (2001) नाम की फिल्में दीं.

[symple_box color=”red” text_align=”left” width=”100%” float=”none”]

ड्रग तस्करी और ममता कुलकर्णी-विकी गोस्वामी का विवादित संबंध

VickyWEB

वर्ष 2002 में अपनी आखिरी फिल्म करने के बाद ममता कुलकर्णी पूरी तरह से गायब हो गईं. इसके तकरीबन 12 साल बाद वर्ष 2014 में केन्या से एक खबर आई कि ममता कुलकर्णी को वहां की पुलिस ने ड्रग तस्करी के आरोप में ड्रग तस्कर विकी गोस्वामी के साथ हिरासत में लिया है. केन्या के मोम्बासा में दोनों से पूछताछ के बाद पुलिस ने यह कार्रवाई की थी. इस ऑपरेशन को यूनाइटेड स्टेट ड्रग इनफोर्समेंट एजेंसी (डीईए) और मोम्बासा पुलिस विभाग की ओर से अंजाम दिया गया था. इस ऑपरेशन में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया. मामले में गिरफ्तार सबसे बड़ा नाम बकताश अकाशा का है, जो केन्या का सबसे बदनाम ड्रग माफिया है. इसके अलावा मारे जा चुके ड्रग तस्कर इब्राहिम अकाशा का बेटा भी गिरफ्तार किया गया है. कोर्ट ने विकी गोस्वामी को बकताश अकाशा का अहम सहयोगी करार दिया है.

विकी गोस्वामी और ममता कुलकर्णी के विवादित संबंधों की पड़ताल से पहले विकी गोस्वामी के अंतरराष्ट्रीय ड्रग तस्कर बनने की कहानी जानना जरूरी है. अंग्रेजी दैनिक ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, विकी गोस्वामी का जन्म गुजरात पुलिस में कार्यरत आनंदगिरी गोस्वामी के यहां उत्तर गुजरात के साबरकांठा जिले में हुआ था. पिता के डीएसपी पद से रिटायर होने के बाद पूरा परिवार अहमदाबाद के पाल्दी स्थित कृष्णा कुंज सोसाइटी में शिफ्ट कर गया. गोस्वामी के 14 भाई-बहन हैं.

Mamta-KulkarniWEB1

ड्रग तस्करी मामले में ममता कुलकर्णी का नाम सामने आने के बाद मीडिया से बातचीत में विकी गोस्वामी ने इस अभिनेत्री को सिर्फ अपना शुभचिंतक बताया है

विकी गोस्वामी ने तस्करी की शुरुआत शराब से की थी. इस तरह की खबरें भी हैं कि बेटे के शराब की तस्करी में संलिप्त होने की वजह से आनंदगिरि को निलंबित कर दिया गया था. शराब तस्करी की वजह से विकी पर अक्सर केस दर्ज होता रहता था और अहमदाबाद में मारपीट की घटनाओं में उसका नाम आने से वह कुख्यात हो चुका था. पाल्दी में ही विकी की मुलाकात बिपिन पांचाल से होती है, जो उसका परिचय मेथाक्वालोन यानी मैनड्रेक्स नाम की नशीली दवा से कराता है. इसके बाद से विकी मैनड्रेक्स की तस्करी शुरू कर देता है. 90 के दशक आते-आते उसका तस्करी का साम्राज्य अफ्रीकी देशों तक फैल चुका था क्योंकि मैनड्रेक्स नशा करने की वजह से इन देशों में काफी चर्चित थी. 1993 में पांचाल की गिरफ्तारी के बाद विकी मुंबई चला गया और यहां ड्रग सप्लाई करने लगा.
विकी बॉलीवुड का बड़ा फैन था और फिल्में देखने की वजह से अक्सर अपने पिता से मार खाता था. पुलिस के अनुसार, मुंबई पहुंचने के बाद उसने मैनड्रेक्स की सप्लाई हाई प्रोफाइल पार्टियों में करनी शुरू कर दी और उसकी पहुंच बॉलीवुड के साथ अंडरवर्ल्ड तक हो गई. यहां उसके दाउद इब्राहिम और छोटा राजन से अच्छे संबंध बन गए. ऐसा कहा जाता है कि बॉलीवुड की कुछ नामचीन हस्तियों के फोन के स्पीड डायल में विकी गोस्वामी का नंबर दर्ज रहता था. इसी दौरान विकी की मुलाकात ममता कुलकर्णी से हुई. उस वक्त ममता का करिअर ढलान पर आ चुका था और राजकुमार संतोषी और उनके बीच विवाद के बाद अंडरवर्ल्ड से उनके रिश्ते की बात भी सबके सामने आ चुकी थी.

बताया जाता है कि 90 के दशक के आखिर तक ममता और विकी गोस्वामी रिलेशनशिप में थे. हालांकि दोनों की शादी को लेकर निश्चित तौर पर अब भी कुछ नहीं कहा जा सकता है. उनकी शादी को लेकर अलग-अलग तरह की कहानियां अक्सर चर्चा में रहती हैं. शादी की खबरों को लेकर विकी जहां इनकार करता है वहीं ममता इसे जाहिर तौर पर कई बार स्वीकार कर चुकी हैं. बहरहाल, ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ की रिपोर्ट कहती है कि 90 के दशक में मैनड्रेक्स सबसे चर्चित पार्टी ड्रग हुआ करती थी. यह एक तरह की अवसादरोधी औषधि है जिसकी एक बूंद खून में मिलने के बाद उसे लेने वाला तनाव मुक्त (गहरी नींद यानी नशे में) हो जाता है. अफ्रीकी देशों में यह बहुत प्रचलित थी. वहां के स्कूल-कॉलेजों के छात्र इसके सबसे बड़े उपभोक्ता थे. यही वजह थी कि विकी मुंबई से जांबिया शिफ्ट हो गया. यहां कुछ प्रभावशाली लोगों की मदद से उसने एक कंपनी बनाई ताकि मैनड्रेक्स बनाई जा सके. हालांकि विकी यहां ज्यादा दिन नहीं रह सका. ड्रग निर्माण और तस्करी की भनक जांबिया के अधिकारियों को लगते ही विकी दक्षिण अफ्रीका भाग निकला. दक्षिण अफ्रीका के एक साप्ताहिक अखबार ‘द मेल एंड गार्जियन’ के अनुसार विकी ने यहां ड्रग का बड़ा नेटवर्क स्थापित किया.

webstatement

उसने इससे करोड़ों रुपये की संपत्ति बनाई जिसमें महंगी गाड़ियां और प्राइवेट जेट भी शामिल थे. यहां भी वह ज्यादा दिनों तक नहीं रह सका. जांबिया की तरह दक्षिण अफ्रीका में भी पुलिस का शिकंजा कसते ही वर्ष 1996 के आखिरी महीनों में विकी दुबई भाग आया, जो उस समय तक मुंबई अंडरवर्ल्ड का नया ठिकाना बन चुका था. दुबई में विकी पुलिस की गिरफ्त में आ सका. 1997 में ड्रग तस्करी के आरोप में उसे गिरफ्तार किया गया और उसे 25 साल की सजा सुनाई गई. इसके बाद विकी के संबंध में एक-दो अपुष्ट खबरें चर्चा में आईं. जैसे- दुबई की जेल में रहने के दौरान उसने इस्लाम कुबूल कर लिया और जेल में रहते हुए ही उसने ममता कुलकर्णी से इस्लामी रीति-रिवाज से शादी कर ली. हालांकि विकी इन दोनों ही बातों का खंडन करता है. ठाणे के ड्रग तस्करी मामले में ममता कुलकर्णी का नाम सामने आने के बाद मीडिया से बातचीत में उसने इस अभिनेत्री को सिर्फ अपना शुभचिंतक बताया है. नवंबर 2012 में उसे रिहा कर दिया गया और वह दुबई से केन्या शिफ्ट हो गया. इसके बाद अक्टूबर 2014 में केन्या से ड्रग तस्कर बकताश अकाशा के साथ उसे गिरफ्तार किया गया. बाद में उसे जमानत मिल गई. अब ठाणे में 2000 करोड़ रुपये की ड्रग तस्करी के एक मामले में विकी गोस्वामी और ममता कुलकर्णी दोनों के नाम सामने आए हैं[/symple_box]

तकरीबन एक दशक लंबे करिअर में ममता कुलकर्णी की चर्चा फिल्मों से ज्यादा विवादों के कारण हुई. 1992 में बॉलीवुड में कदम रखने के अगले साल ही उन्होंने फिल्म मैगजीन ‘स्टारडस्ट’ के लिए टॉपलेस फोटोशूट देकर सबको चौंका दिया. यह वर्ष 1993 का सितंबर महीना था. यह उस समय की बात है जब भारत में इंटरनेट प्रचलन में नहीं था. इसी वजह से कहा जाता है कि मैगजीन का वह विवादित अंक ब्लैक में बेचा जाता था! बाजार में इस मैगजीन के आते ही हंगामा मच गया था. कॉलेज और हॉस्टलों में स्टूडेंट इस मैगजीन को छिप-छिपाकर देखा करते थे. यह टॉपलेस तस्वीर बॉलीवुड के प्रख्यात फोटोग्राफर जयेश सेठ ने खींची थी. ‘द क्विंट’ वेबसाइट के साथ बातचीत में जयेश बताते हैं, ‘उस समय संपादकीय मीटिंग में तय हुआ था कि मैगजीन की कवर फोटो के लिए कुछ ऐसा किया जाएगा जो सुंदर होने के साथ सेक्सी भी हो. उस दौर के हिसाब से यह एक साहसिक कदम था. हमें एक अभिनेत्री की तलाश थी जो सेक्सी होने के साथ मासूम दिखती हो. इसके लिए हमने माधुरी, जूही जैसी कुछ शीर्ष अभिनेत्रियों से संपर्क किया लेकिन इंडस्ट्री का स्थापित चेहरा होने की वजह से इन अभिनेत्रियों ने मना कर दिया. इसके बाद हमने किसी नई लड़की की तलाश शुरू की. तब हमारी नजर ममता पर गई. हमने उनसे संपर्क किया तो एकबारगी वे भी चौंक गईं.’ जयेश आगे बताते हैं, ‘ममता काफी नर्वस थीं. उन्होंने कहा- मैं नहीं जानती कि इसमें कितना जोखिम है. अगर ये रिस्क काम करता है तब तो ठीक है, लेकिन अगर इसका उल्टा असर हुआ तो मुझे फिल्म इंडस्ट्री के साथ ही घर से भी बाहर निकाल दिया जाएगा.’ जयेश के अनुसार, ‘इस फोटोशूट से मैगजीन को बहुत अच्छा रिस्पॉन्स मिला. मैगजीन 20 रुपये की थी, लेकिन इसे ब्लैक में 100 रुपये तक में बेचा जाता था. इंडस्ट्री में आमिर खान से लेकर अनिल कपूर तक ने इसकी तारीफ की कि यह फोटोशूट बोल्ड होने के साथ ब्यूटीफुल भी है.’ फिलहाल जयेश ममता कुलकर्णी पर एक फिल्म बनाने की योजना बना रहे हैं.

mamta-kulkerni-aamirWEB

इस सबके इतर इस फोटोशूट से जमकर हंगामा भी मचा. ममता कुलकर्णी के घर के बाहर कुछ संगठनों की ओर से विरोध-प्रदर्शन किए गए. उनके खिलाफ केस दर्ज किया गया. मामला वर्ष 2000 तक चलता रहा और इसी साल उन्हें दोषी ठहराया गया. उन पर 15 हजार रुपये का जुर्माना भी लगा था. ऐसी भी खबरें हैं कि उन्हें इसके लिए जेल भी जाना पड़ा था. इस मामले को लेकर विवाद तब और बढ़ गया जब सुनवाई के दौरान वे कोर्ट में बुर्का पहनकर पहुंच गईं. इससे इस्लामी रूढ़िवादियों की त्योरियां चढ़ गईं. उनके खिलाफ फतवा जारी किया गया. उन्हें जान से मारने की धमकी भी दी गई. बाद में उन्होंने इसकी सफाई देते हुए कहा था कि उन्होंने ऐसा इसलिए किया ताकि मीडिया और फोटोग्राफरों की नजरों से बचकर कोर्ट पहुंच सकें.

टॉपलेेस फोटोशूट की वजह से फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े तमाम लोगों ने उनसे सार्वजनिक माफी मांगने की बात कही थी. फैशन और फिल्म आधारित वेबसाइट ‘पिंकविला’ की रिपोर्ट के अनुसार, ‘इतने विरोध के बाद उन्होंने घर से निकलना बंद कर दिया था और सार्वजनिक तौर पर माफी मांगने की बात भी स्वीकार कर ली थी. इससे पहले ही एक सार्वजनिक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए माधुरी दीक्षित के सेक्रेटरी रिक्कू राकेशनाथ का उनके पास फोन आया. ममता ने सार्वजनिक कार्यक्रमों में जाना भी बंद कर दिया था लेकिन इस आमंत्रण को वे अस्वीकार नहीं कर सकीं. ममता उस कार्यक्रम में गईं. इस दौरान राकेश ने उन्हें स्टेज पर बुलाया. उनके स्टेज पर पहुंचते ही युवाओं ने उन पर फूलों की बौछार शुरू कर दी और चिल्लाने लगे- ममता! वी लव यू (ममता! हम तुम्हें चाहते हैं.)’

ममता को इस तरह की प्रतिक्रिया की उम्मीद नहीं थी. उनके करिअर ने करवट बदल ली थी और इससे उनकी जिंदगी पूरी तरह से बदल गई. वे इंडस्ट्री की नई सेक्स सिंबल के तौर पर उभर चुकी थीं. एक प्यारी और घरेलू लड़की अब बॉलीवुड की नई सनसनी थी. वे लोगों की नकारात्मक प्रतिक्रियाओं पर ध्यान नहीं देती थीं. उनके इंटरव्यू बोल्ड और चौंका देने वाले होते थे. उनका नया मंत्र था- जोखिम भरा अभिनय, जोखिम भरी बातें और सबसे बड़ी बात हमेशा सेक्सी दिखते रहना. उनके पास फिल्मों की लाइन लग गई. अपने छोटे-से करिअर में वे बॉलीवुड के तीनों मशहूर ‘खान’ अभिनेताओं के साथ काम कर चुकी थीं. इस लिहाज से वर्ष 1995 उनका सबसे सफल वर्ष कह सकते हैं. इस साल उनकी सबसे ज्यादा सात फिल्में रिलीज हुईं. इसी वर्ष वे फिल्म ‘बाजी’ में आमिर खान के साथ और फिल्म ‘करन अर्जुन’ में सलमान खान और शाहरुख खान के साथ नजर आईं. इसके अलावा अक्षय कुमार के साथ उन्होंने फिल्म ‘सबसे बड़ा खिलाड़ी’ में अभिनय किया. यह उनकी बोल्ड फिल्मों में से एक है. इसके बाद उनका नाम बॉलीवुड की सफल अभिनेत्रियों में शुमार हो चुका था.

राजकुमार संतोषी, ममता को फिल्म से हटाना चाहते थे लेकिन अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन का फोन संतोषी के पास आया और उनको कदम पीछे खींचने पड़े

हालांकि उनकी यह सफलता बहुत दिनों तक टिक नहीं सकी. वर्ष 1998 आते-आते ममता का करिअर ढलान पर आ चुका था. इसी समय राजकुमार संतोषी ने उन्हें अपनी फिल्म ‘चाइना गेट’ के लिए साइन किया था और तब उनके नाम के साथ एक और विवाद जुड़ गया. यह एक ऐसा विवाद था जिसके बारे में लोगों ने कल्पना भी नहीं की थी. इस बार ममता कुलकर्णी के अंडरवर्ल्ड से संबंध की बात सामने आई. बताया जाता है कि फिल्म शुरू होने के बाद संतोषी उन्हें फिल्म से हटाना चाहते थे, जिसके बाद अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन का फोन संतोषी के पास आया और संतोषी को अपने कदम पीछे खींचने पड़े. बॉक्स ऑफिस पर यह फिल्म फ्लॉप हुई जिसके बाद ममता ने संतोषी पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था, जिसका संतोषी ने खंडन किया था. फिल्म रिलीज होने के बाद भी यह विवाद नहीं थमा. ममता ने संतोषी पर आरोप लगाया कि फिल्म में उनके रोल के साथ बुरी तरह से काट-छांट की गई है और फिल्म का एकमात्र आइटम सांग ‘छम्मा-छम्मा’ उर्मिला मातोंडकर को दे दिया गया. इस विवाद के बाद ममता का करिअर फिर वैसा नहीं रह सका. अंडरवर्ल्ड से उनके कथित संबंधों के चलते निर्देशकों और अभिनेताओं ने उनसे किनारा करना शुरू कर दिया था. इसके बाद वर्ष 2002 में फिल्म ‘कभी तुम कभी हम’ करने के बाद वे बॉलीवुड से गायब ही हो गईं.

फिल्म ‘चाइना गेट’ से जुड़ा एक और विवाद ममता के नाम दर्ज है. यह फिल्म के एक्शन डायरेक्टर टीनू वर्मा और ममता के बीच संबंधों से जुड़ा मामला है. एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, टीनू वर्मा की पत्नी वीना ने दोनों को आपत्तिजनक हालत में ममता के मेकअप मैन के कमरे से पकड़ा था. तब मीडिया से बातचीत में ममता ने इसे एक साधारण मुलाकात बताया था. हालांकि बाद में इस बात का खुलासा हुआ कि टीनू और ममता के बीच न सिर्फ संबंध थे बल्कि दोनों ने गुपचुप तरीके से शादी भी कर ली थी. बाद में उनके संबंधों में कड़वाहट आ गई और दोनों के बीच सार्वजनिक तौर पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी चला. ममता से जुड़ा एक विवाद यह भी रहा है कि बिहार में एक विधायक के कार्यक्रम में उन्होंने भारी-भरकम रकम के एवज में परफॉर्म किया था. बाद में यह विधायक चारा घोटाले में गिरफ्तार किया गया था. इसके अलावा बीच में उनके साध्वी बनने की खबर भी उछली थी. उन्होंने मीडिया से बातचीत में स्वीकार भी किया था कि वे साध्वी बन चुकी हैं. इस दौरान उन्होंने एक किताब भी लिखी है, जिसका नाम ‘ऑटोबायोग्राफी ऑफ एन योगिनी’ है. बहरहाल, ममता कुलकर्णी और विकी गोस्वामी फिलहाल केन्या में ही हैं. दोनों ने ड्रग तस्करी के आरोप का सिरे से खंडन किया है. उधर, ठाणे पुलिस ममता कुलकर्णी और विकी गोस्वामी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने की योजना बना रही है.