राज्यसभा में तीसरा सप्ताह भी चढा हंगामें और स्थगन की भेंट

नयी दिल्ली : संसद के शीतकालीन सत्र के तीसरे सप्ताह में भी राज्यसभा में कोई काम नहीं हो पाया। जबकि लोकसभा पिछले दो दिन से ठीक से चल रही है और विधेयक भी पारित किए जा रहे हैं । नौ दिसंबर तक अडानी – सोरोस को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष में जो घमासान चल रहा था दस दिसंबर से उसको एक नया मोड़ मिल गया । विपक्ष के 60 सांसदों ने राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव नोटिस राज्यसभा के महासचिव को दे दिया । उसके बाद से तो दोनों पक्षों के बीच बिल्कुल तलवारें खिंच गयी है । दोनों पक्ष वैल के पास आ कर एक दूसरे के खिलाफ नारेबाजी और गैर संवैधानिक भाषा का प्रयोग करते हैं। बारह बजे से पहले ही सदन सोमवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया ।

तीसरे सप्ताह के अंतिम दिन शुक्रवार को भी सभापति और नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के बीच काफी कहा सुनी हुई ।सभापति ने कहा कि वे किसी से नहीं डरते किसान के बेटे हैं देश के लिए मर मिट जायेंगे। धनखड़ ने खरगे को बातचीत के लिए अपने चैंबर में आमंत्रित करते हुए कहा कि वे सदन में पैदा हुए गतिरोध को तोड़ना चाहते हैं । दोनों के बीच बातचीत से ही समाधान का रास्ता निकलेगा। इस पर खरगे ने कहा कि जो सभापति मेरा सम्मान नहीं करता मैं उसका सम्मान नहीं कर सकता ।सदन का माहौल शुक्रवार को भी बहुत तनावपूर्ण रहा । दरअसल  सत्ता पक्ष के चार सांसदों राधा मोहन अग्रवाल , सुरेंद्र नागर , नीरज शेखर और किरण चौधरी ने प्वाइंट ऑफ ऑर्डर की अनुमति लेकर सभापति के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव की बात मीडिया में ले जाने अराजक और अभद्र भाषा का प्रयोग सोशल मीडिया में करने पर आपत्ति जतायी । राधा मोहन ने कहा कि राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति का सम्मान न करना कांग्रेस की पुरानी परंपरा है । पंडित नेहरू भी देश के प्रथम राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद का सम्मान नहीं करते थे । सोशल मीडिया में नेता प्रतिपक्ष द्वारा सभापति पर लगाए गए  10 आरोपी को राधा मोहन अग्रवाल ने 10 जनपथ की चाटुकारिता बताया । उन्होंने कहा 82 साल की उम्र में खरगे चाटुकारिता की सभी हदें पार कर रहे हैं । दरअसल पूरी कांग्रेस पार्टी को संविधान पर ही विश्वास नहीं है । राधा मोहन अग्रवाल ने अविश्वास प्रस्ताव पर हस्ताक्षर करने वाले 60 सांसदों के खिलाफ विशेषाधिकार हनन नोटिस दिया ।  भाजपा सांसद सुरेंद्र नागर ने कहा कि सभापति एक गरीब किसान के घर पैदा हुए उनका उपराष्ट्रपति पद पर पहुंचना कांग्रेस की किसान , दलित और ओबीसी विरोधी मानसिकता को पसंद नहीं  रहा है । भूतपूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के बेटे नीरज शेखर ने कहा इनको किसान के बेटे के आगे बढ़ने पर तकलीफ है ये चाहते हैं बस एक परिवार ही आगे बढ़े । किरण चौधरी ने भी जगदीप धनखड़ का बचाव करते हुए कहा कि विपक्ष ने केवल उपराष्ट्रपति का अपमान नहीं किया बल्कि पूरी किसान बिरादरी का अपमान किया है । पूरा देश देख रहा है कि ये क्या नौटंकी कर रहे हैं ।

भाजपा सांसदों का प्वाइंट ऑफ ऑर्डर की अनुमति और बोलने का समय दिए जाने पर खरगे ने कड़ी आपत्ति जतायी । उन्होंने सभापति से कहा कि भाजपा सांसद बार बार मेरा नाम लेकर अपमान कर रहे हैं और आप चुपचाप सुन रहे हैं । आप केवल सत्ता पक्ष के सांसदों को समय देकर संविधान के खिलाफ जा रहे हैं । टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन खरगे के समर्थन में उनकी सीट तक पहुंच गए ।डीएमके सांसद त्रिची शिवा और आम आदमी पार्टी ,सांसद संजय सिंह ने केवल सत्ता पक्ष के सांसदों को बोलने का मौका देने के लिए सभापति की आलोचना की ।