एक साल से शंभू और खनौरी सीमाओं पर जमे किसानों को पंजाब पुलिस ने हटा दिया है। पंजाब पुलिस ने बुधवार को शंभू और खनौरी सीमाओं पर विरोध स्थलों को खाली करा दिया और बैरिकेड्स, वाहनों और अस्थायी ढांचों को हटा दिया। इसके साथ ही माना जा रहा है आज से एनएच-44 भी खुल जाएगा।
अब किसानों की आगे की रणनीति क्या होगा यह देखना होगा। क्योंकि किसान नेता गुरमनीत सिंह मंगत ने मीडिया को बताया कि सरवण सिंह पंधेर और जगजीत सिंह दल्लेवाल सहित कई किसान नेताओं को मोहाली में उस समय हिरासत में लिया गया है और किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को बुधवार देर रात डेढ़ बजे जालंधर के पिम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
पंजाब सरकार ने बड़े सुनियोजित ढंग से हटाते हुए दोनों मोर्चों पर बुलडोजर चलवा दिया। बुधवार को दिन में केंद्रीय मंत्रियों के साथ संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) की चंडीगढ़ में सातवें दौर की बैठक बेनतीजा रहने के बाद पुलिस ने पिछले चार महीनों से अनशन कर रहे जगजीत सिंह डल्लेवाल और किसान नेता सरवण सिंह पंधेर को हिरासत में लिया। जब पुलिस ने डल्लेवाल व पंधेर को हिरासत में लिया तो किसानों में आक्रोश फैल गया। किसानों ने बैरिकेड हटाने की कोशिश की जिससे पुलिस व किसानों में धक्का-मुक्की हुई।
जानकारी के मुताबिक पंजाब सरकार के प्रतिनिधियों ने किसानों से यह कहते हुए नेशनल हाइवे खोलने की अपील की कि इससे लोगों को भारी परेशानी हो रही है और कारोबार बुरी तरह प्रभावित हो रहा है पर किसानों ने बात मानने से इनकार कर दिया। इसके बाद उनसे केवल एक ओर का रास्ता खोलने की अपील की गई, परंतु किसान नहीं माने। बैठक के बाद चंडीगढ़ से शंभू व खनौरी लौट रहे किसानों को पुलिस ने रास्ते में ही पकड़ना शुरू कर दिया।
बता दें किसानों ने 13 फरवरी, 2024 को शंभू व खनौरी बार्डर पर एक साथ धरना शुरू किया था। किसानों के धरने के कारण हरियाणा पुलिस की ओर से बैरिकेडिंग करके इस रास्ते को बंद कर दिया गया है जिससे लोगों को भारी परेशानी हो रही थी तथा उद्योग-धंधे प्रभावित हो रहे थे। जिस तरह से कार्रवाई हुई है, उससे स्पष्ट कि यह रणनीति केंद्र व पंजाब सरकार के अधिकारियों ने मिलकर तय की है।