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भीषण सड़क हादसा, कार सवार 6 लोगों की मौत

यूपी : बीती रात भीषण सड़क हादसा हुआ उत्तर प्रदेश के हापुड़ में, जिसमें कार सवार 6 लोगों की मौत हो गई है। एक शख्स गंभीर रूप से घायल हुआ है, जिसे मेरठ रेफर कर दिया गया है। मिली जानकारी के अनुसार, हादसा दिल्ली-लखनऊ नेशनल हाईवे-9 पर अल्लाहबख्शपुर टोल प्लाजा के पास हुआ।एक कार डिवाइडर तोड़कर सड़क के दूसरी तरफ चली गई और ट्रक से भिड़ गई। हादसा तेज रफ्तार के कारण कार के बेकाबू होने से हुआ। टक्कर इतनी जोरदार थी कि कार के परखच्चे उड़ गए। कार बुरी तरह पिचक गई और कार खून से सनी थी। उसमें सवार 6 लोग मारे गए। कार की हालत इतनी खराब थी कि काटकर शवों को निकालना पड़ा। एक शख्स कार से निकलकर सड़क पर गिरकर चोटिल हो गया।पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, हादसा रात करीब साढ़े 12 बजे हुआ। कार गाजियाबाद से मुरादाबाद जा रही थी, लेकिन तेज स्पीड के कारण टोल के पास बैलेंस बिगड़ने से हादसा हो गया। टोल कर्मियों ने हादसे की सूचना पुलिस को दी। जानकारी मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंची और जांच की। राहगीरों ने एक घायल को संभाला हुआ था, जिसे एंबुलेंस बुलाकर अस्पताल पहुंचाया गया।
लाशों को लोगों की मदद से कार काटकर निकाला गया। पंचनामा कराकर पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेज दिया गया। दस्तावेजों के अनुसार, मृतकों के नाम अनुपम, अंकित, जीतू, शंकर, संदीप हैं। एक शख्स का नाम पता नहीं चला। वहीं घायल शख्स का नाम सचिन है, जो डालूहेड़ा मेरठ का रहने वाला है। प्राथमिक उपचार देकर उसे डॉक्टरों ने मेरठ रेफर कर दिया।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, हादसे में मारे गए लोग गाजियाबाद के लोनी एरिया निवासी बताए जा रहे हैं। वहीं मृतकों की उम्र 30 साल के आस-पास बताई जा रही है। पुलिस ने हादसे का केस दर्ज करके जांच शुरू कर दी है। ट्रक ड्राइवर को भी चोटें आई हैं। मृतकों की पूरी शिनाख्त के प्रयास जारी हैं।

माओवादियों ने सारंडा में वोटरों को रोकने के लिए पेड़ गिराया, वोट बहिष्कार का बैनर भी लगाया

झारखंड: पश्चिम सिंहभूम जिला के सारंडा में माओवादियों ने वोटरों को वोटिंग से रोकने के सारंडा जंगल के छोटानागरा थाना व दीघा पंचायत के बीच मुख्य ग्रामीण सड़क पर पड़े काट कर गिरा दिया है। नक्सलियों ने सड़क पर पेड़ गिराकर रास्ते को अवरुद्ध कर दिया, जिससे ग्रामीणों को मतदान केंद्र तक पहुंचने में कठिनाई हो रही है।

इसके अलावा, नक्सलियों ने चुनाव बहिष्कार से संबंधित बैनर भी लगाया है। पेड़ गिरने से उक्त मार्ग पर आवागमन ठप हो गया है और ग्रामीणों में भय का माहौल है।

नक्सलियों ने जहां पेड़ काटा है, वहां सड़क के एक तरफ ऊंची पहाड़ी है और दूसरी तरफ गहरी खाई और नदी है, जिससे उस रास्ते से बाइक भी पार नहीं हो पा रही है। यह सड़क मार्ग कई सोनापी स्थित मतदान केंद्रों से गुजरती है, जहां ग्रामीण वोट देने जाते हैं। इसके बिना वाहन के बूथ तक जाना मुश्किल है।

मतदान केंद्रों में मतदान 13 मई को हो रहा है, लेकिन रास्ते पर गिरा पेड़ हटने तक बाइक या चारपहिया वाहन से बूथ पर पहुंचना मुश्किल है। इस हरकत से पुलिस-प्रशासन के साथ-साथ मतदाता व राजनीतिक दलों के लोग परेशान हैं।

अरविंद केजरीवाल के अंतरिम जमानत मिली

नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के अंतरिम जमानत की सुनवाई के बाद, सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें एक जून तक के लिए अंतरिम जमानत प्रदान की है। उन्हें दो जून को आत्मसमर्पण करना होगा।वे जमानत के दौरान चुनाव प्रचार भी कर पाएंगे।इससे पहले, कविता की जमानत मामले में हाईकोर्ट ने ईडी को नोटिस जारी किया है और उन्हें दो हफ्ते के अंदर जवाब देने का निर्देश दिया है। कविता को हाईकोर्ट में अंतरिम जमानत के लिए मांग करने पर इंकार किया गया, जिसे हाईकोर्ट ने मंजूरी देने से इंकार किया। अब कविता सुप्रीम कोर्ट में इस निर्णय का चुनौती देगी। इसे सुनते हुए कोर्ट ने एसजी से पूछा कि क्या उनके पास कोई तर्क हैं, जिस पर सोलिसिटर जनरल ने हाल फाइल कर दी है।
इस समय, केजरीवाल के खिलाफ कई आरोप लगे हुए हैं, जिसमें शराब घोटाला मुख्य है। ईडी ने केजरीवाल और उनकी पार्टी के खिलाफ पूरक चार्जशीट दाखिल की है, जिसमें उन्हें शराब घोटाले का मुख्य किरदार बताया गया है। इसके अलावा, दिल्ली की आबकारी नीति और धन शोधन मामलों में कविता को भी आरोपित किया जा रहा है। हाईकोर्ट ने ईडी को उनके खिलाफ दो हफ्ते के अंदर जवाब देने का निर्देश दिया है। इसी बीच, सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को अंतरिम जमानत देने का फैसला किया है, जो उन्हें चुनाव प्रचार जारी रखने का मौका देता है।

दिल्ली कोर्ट के आदेश के बाद बृजभूषण शरण सिंह की मुश्किलें बढ़ीं

नई दिल्ली:दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने पूर्व कुश्ती महासंघ के प्रमुख और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ महिला पहलवान यौन शोषण मामले में आरोप तय किए गए हैं। कोर्ट ने बताया कि बृजभूषण सिंह के खिलाफ 6 में से 5 मामलों में पर्याप्त सामग्री है, जो आरोप तय करने के लिए काफी है।

इस अपराधिक मामले में बृजभूषण सिंह के साथ सेक्रेटरी विनोद तोमर के खिलाफ भी आरोप तय किए गए हैं। कोर्ट ने उन्हें भी गंभीर आरोपी ठहराया है।

यह घटना महिला पहलवानों के लिए एक बड़ा चौंकाने वाला मोड़ है, जो कुश्ती के परंपरागत दायरे के बाहर है। आगामी 21 मई को कोर्ट में होने वाली सुनवाई में बृजभूषण सिंह और विनोद तोमर को गैरजमानती जुर्माने की संभावना है।

खुल गए केदारनाथ धाम, गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट

उत्तराखंड: अक्षय तृतीया के मौके पर चार धाम यात्रा का आरंभ हो गया है। आज यानी 10 मई को प्रात: काल केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुल गए हैं। वहीं अब बद्रीनाथ धाम के कपाट आज से दो दिन बाद यानी 12 मई को खुलेंगे। श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट 12 मई को प्रातः काल 06 बजे श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे। 6 बजे के बाद से श्रद्धालुगण श्री बद्रीनाथ धाम के दर्शन कर सकेंगे।
श्री बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति द्वारा कपाट खुलने हेतु सभी तैयारियां की जा रही हैं। कपाट खुलने की तैयारियों की प्रक्रिया के तहत कल यानी बृहस्पतिवार को जोशीमठ में प्राचीन गरुड़ छाड़ मेला संपन्न हो गया है। विष्णु जी के प्रिय वाहन गरुड़ जी रस्सी के समांतर उड़कर जोशीमठ बाजार की तरफ से श्री नृसिंह मंदिर की तरफ पहुंचे। 8 मई को श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर डिम्मर में गाडू घड़ा तेल कलश यात्रा पहुंची। 9 मई को गाडू घड़ा तेल कलश यात्रा रात्रि में रविग्राम जोशीमठ के लिए रवाना हुई।
श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ में पूजा-अर्चना करने के बाद आज यानी 10 मई को गाडू घड़ा तेल कलश यात्रा के बाद गुरू शंकराचार्य जी की गद्दी तथा श्री बद्रीनाथ धाम के मुख्य पुजारी रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी के साथ योग बद्री पांडुकेश्वर के लिए प्रस्थान करेंगे। हालांकि इस अवसर पर श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ में श्रद्धालुओं ने रावल तथा आदि गुरू शंकराचार्य जी की गद्दी को योग बद्री पांडुकेश्वर हेतु रवाना किया।
श्री बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गोड़ ने बताया कि, पांडुकेश्वर में रात्रि प्रवास के पश्चात कल 11 मई को योग बदरी पांडुकेश्वर से श्री उद्धव जी एवं श्री कुबेर जी सहित आदि गुरू शंकराचार्य जी की पवित्र गद्दी के साथ-साथ श्री बद्रीनाथधाम के रावल के साथ गाडू घड़ा तेल कलश यात्रा शाम के समय श्री बद्रीनाथ धाम पहुंचेगी। इसके बाद 12 मई को प्रातः काल 6 बजे श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे।आज श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ में देव डोलियों के योग बदरी पांडुकेश्वर प्रस्थान की तैयारियां की जा रही हैं। जहां पर सुबह से ही बद्रीनाथ धाम के रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी, बीकेटीसी उपाध्यक्ष किशोर पंवार, मंदिर समिति सदस्य आशुतोष डिमरी, भास्कर डिमरी सहित प्रभारी अधिकारी अनिल ध्यानी, सहायक अभियंता गिरीश देवली, धर्माधिकारी राधा कृष्ण थपलियाल, पूर्व धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी गिरीश चौहान और मंदिर अधिकारी राजेंद्र चौहान मौजूद रहें।
इसी के साथ वेदपाठी रविंद्र भट्ट, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी विजेंद्र बिष्ट, प्रशासनिक अधिकारी कुलदीप भट्ट, विवेक थपलियाल, श्री नृसिंह मंदिर प्रभारी संदीप कपरवाण, जगमोहन बर्त्वाल, संतोष तिवारी, लेखाकार भूपेंद्र रावत, संदेश मेहता, प्रबंधक भूपेंद्र राणा, केदार सिंह रावत, नरेंद्र खाती और संजय तिवारी आदि लोग भी मौजूद थे।केदारनाथ मंदिर के दर्शन के लिए यहां मंदिर समिति ने कुछ खास इंतजाम किए हैं। मंदिर के कपाट लगभग 13 से 15 घंटे तक खुले रहेंगे इस बीच भक्त बाबा केदारनाथ के दर्शन कर सकते हैं। सुबह शिवलिंग को स्नान कराकर घी से अभिषेक करने के बाद दीयों और मंत्र जाप के साथ आरती की जाएगी। भक्त आरती में शामिल होने और दर्शन करने के लिए सुबह गर्भगृह में प्रवेश कर सकते हैं। दोपहर एक से दो बजे तक एक विशेष पूजा होती है जिसके बाद मंदिर के पट विश्राम के लिए बंद कर दिए जाते हैं। शाम पांच बजे मंदिर के कपाट एक बार फिर दर्शनार्थियों के लिए खोल दिए जाते हैं। शाम 07:30 बजे से 08:30 बजे तक एक विशेष आरती होती है, जिसके दौरान भगवान शिव की पंचमुखी प्रतिमा का विधिवत श्रृंगार किया जाता है। भक्तगण केवल दूर से इसका दर्शन ही कर सकते हैं।
केदारनाथ धाम की यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन 15 अप्रैल 2024 से ही शुरु हो चुके हैं। जिसमें ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन 3 मई को बंद कर दिए गए हैं लेकिन 8 मई से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा भक्तों के लिए शुरू कर दी गई हैं। जो लोग चारधाम यात्रा के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन नहीं कर पाए हैं वह हरिद्वार और ऋषिकेश पहुंचकर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। हरिद्वार पहुंचने के बाद ऋषिकेश में यात्री रजिस्ट्रेशन ऑफिस व ट्रांजिट कैंप में चारों धामों की यात्रा के लिएअधिकतम तीन दिनों के लिए ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। केदारनाथ धाम या फिर किसी भी धाम की य तक पैदल यात्रा एक धार्मिक और अनुभव भरी यात्रा होती है। आप गौरीकुंड या सोनप्रयाग से यात्रा शुरू कर सकते हैं और पर्वतीय मार्ग से धाम पहुंच सकते हैं। यह यात्रा लगभग 14 किलोमीटर है। यात्रियों के लिए राजमार्ग सेवा भी उपलब्ध है, जिसमें बसें और टैक्सियां केदारनाथ धाम तक जाती हैं। राजमार्ग सेवा के लिए गुप्तकाशी से या रुद्रप्रयाग से यात्रा करनी पड़ती है। आसान और तेजी से केदारनाथ धाम पहुंचने के लिए आप हेलीकॉप्टर सेवा का उपयोग कर सकते हैं। हरिद्वार, देहरादून और गुप्तकाशी जैसे नजदीकी शहरों से उड़ानें उपलब्ध होती हैं जो केदारनाथ धाम तक पहुंचती हैं। भक्तों के लिए पालकी और घोड़ा खच्चर आदि की सवारी भी उपलब्ध होती है।जिस पर बैठ यात्री धाम तक जा सकते है।

भारत में हिंदू जनसंख्या में 65 साल के दौरान गिरावट

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री आर्थिक सलाहकार परिषद की नई रिपोर्ट के अनुसार, भारत में हिंदू जनसंख्या में 1950 से 2015 तक 65 साल के दौरान 7.8 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। इसके साथ ही, मुस्लिम जनसंख्या में 43 फीसदी का इजाफा देखा गया है। रिपोर्ट के अनुसार, यह बदलाव भारतीय समाज पर गहरा प्रभाव डाल सकता है, जिसमें सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक प्रक्रियाएं शामिल हैं।

प्रधानमंत्री आर्थिक सलाहकार परिषद की रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि भारत में हिंदुओं की जनसंख्या हिस्सेदारी में 1950 और 2015 के बीच 7.8% की तेजी से गिरावट आई है, जबकि कई भारत के पड़ोसी देशों में उनके बहुसंख्यक समुदाय की आबादी में उछाल देखा गया है। प्रधानमंत्री आर्थिक सलाहकार परिषद ने अपनी रिपोर्ट में दुनिया भर के 167 देशों के रुझानों का अध्ययन किया। इस रिपोर्ट को मई 2024 में जारी किया गया।
रिपोर्ट के मुताबिक, एक ओर जहां भारत में बहुसंख्यक हिंदुओं की आबादी हिस्सेदारी कम हुई है, वहीं दूसरी ओर मुस्लिम, ईसाई, बौद्ध और सिखों सहित अन्य अल्पसंख्यकों की जनसंख्या हिस्सेदारी बढ़ी है। हालांकि, जैन और पारसियों की संख्या में कमी आई है। साल 1950 और 2015 के बीच की अवधि में भारत में मुस्लिम आबादी में 43.15% की वृद्धि हुई है, जबकि ईसाइयों में 5.38%, सिखों में 6.58% और बौद्धों में मामूली इजाफा देखा गया है। प्रधानमंत्री आर्थिक सलाहकार परिषद ने 1950 और 2015 के बीच यानी 65 साल के जनसंख्या में हुए बदलावों पर अध्ययन किया है। प्रधानमंत्री आर्थिक सलाहकार परिषद की रिपोर्ट की मानें तो भारत की जनसंख्या में हिंदुओं की हिस्सेदारी 1950 में 84% से घटकर 2015 में 78% हो गई, जबकि इसी अवधि (65 वर्ष) में मुसलमानों की हिस्सेदारी 9.84% से बढ़कर 14.09% हो गई है।भारत में बहुसंख्यक यानी हिंदुओं की आबादी 7.8 फीसदी घटी है।भारत की तरह ही पड़ोसी देश म्यांमार में भी बहुसंख्यकों की आबादी में 10% की गिरावट दर्ज की गई है। नेपाल का भी हाल कुछ ऐसा ही है, जहां उसकी बहुसंख्यक (हिंदू) आबादी में 3.6 फीसदी की गिरावट हुई है।

कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा ने दिया इस्तीफा

नई दिल्ली: कांग्रेस के विवादित नेता सैम पित्रोदा ने ओवरसीज कांग्रेस अध्यक्ष पद से अचानक इस्तीफा दे दिया। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को अपना इस्तीफा भेज दिया है, जिसे उन्होंने स्वीकार भी कर लिया है। बताते चलें कि, रंगभेद वाले बयान के चलते सैम पित्रोदा विवादों में आ गए थे और कांग्रेस पार्टी पर पीएम मोदी हमलावर हो गए थे।

बता दें कि, आज इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वह भारत के अलग-अलग हिस्सों में रहने वाले लोगों की रंगभेद के जरिए विवादित तुलना करते नजर आ रहे थे। वीडियो में पित्रोदा पूर्वी भारत के लोगों की तुलना चीनी और दक्षिण भारत के लोगों की तुलना अफ्रीकी लोगों से करते नजर आ रहे हैं।
कांग्रेस ने कर लिया था किनारा
सैम पित्रोदा की वजह से कांग्रेस बीजेपी और पीएम मोदी के निशाने पर आ गई, जिसके चलते कांग्रेस ने सैम पित्रोदा के बयान को उनका निजी बयान बताते हुए उनसे किनारा कर लिया था। सैम पित्रोदा के इस बयान पर अब कांग्रेस नेता ने रिएक्शन दिया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने सोशल मीडिया पर बयान जारी करते हुए कहा है कि सैम पित्रोदा ने एक पॉडकास्ट में भारत की विविधता को दर्शाने के लिए जो तुलना की है, वह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण और अस्वीकार्य है। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस इन उपमाओं से खुद को पूरी तरह अलग करती है।
जानें क्या बोले थे सैम पित्रोदा?

वायरल वीडियो में सैम पित्रोदा कहते दिख रहे हैं कि भारत एक अत्यंत विविधता भरा देश है, जहां पूर्वी भारत में रहने वाले लोग चीन के लोगों जैसे, पश्चिम में रहने वाले अरब जैसे, उत्तर भारत में रहने वाले श्वेतों की तरह और दक्षिण में रहने वाले अफ्रीकी लोगों की तरह दिखते हैं, लेकिन इससे फर्क नहीं पड़ता।
सैम पित्रोदा ने कहा था कि हम सभी भाई-बहनें हैं। उन्होंने कहा कि हम अलग-अलग भाषाओं, धर्मों और रीति-रिवाजों का सम्मान करते हैं। ये वही भारत है, जिस पर मेरा भरोसा है, जहां हर किसी का सम्मान है और हर कोई थोड़ा-बहुत समझौता करता है।
रंगभेद वाले बयान से पहले सैम पित्रोदा ने विरासत टैक्स को लेकर भी बयान दिया था। सैम पित्रोदा ने ये बयान राहुल गांधी की उस टिप्पणी के जवाब में दिया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर कांग्रेस सरकार में आई तो एक सर्वे कराया जाएगा और पता लगाया जाएगा कि किसके पास कितनी संपत्ति है।राहुल गांधी के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए पित्रोदा ने अमेरिका में लगने वाले विरासत टैक्स का जिक्र किया था, जिसमें लोगों की मृत्यु के बाद उनकी कुल संपत्ति का 55 प्रतिशत सरकार विरासत टैक्स के तौर पर ले लेती है।

उत्तराखंड के जंगलों में लगी भीषण आग, 30 गांवों की उड़ी नींद

उत्तराखंड: जंगलों में लगी भीषण आग बेकाबू होते जा रही है।गढ़वाल हो या कुमाऊं। यहां कई जगहों पर जंगलों में आग की लपटें नजर आ रही हैं।एक जगह अगर आग पर काबू पाया जाता है तो फिर दूसरी जगह से खबर आती है कि वहां जंगलों में भीषण आग भड़क गई है।सरकार और स्थानीय प्रशासन द्वारा आग पर काबू पाने के तमाम प्रयास किए जा रहे हैं लेकिन कई जगहों पर नाकाफी साबित हो रहे हैं।
इस बीच पौड़ी जिले के डीएम ने जंगल की आग बुझाने के लिए वायुसेना से मदद मांगी है और एक पत्र लिखा है। इसके बाद भारतीय वायुसेना का विमान पौडी के लिए रवाना हो गया है।सबसे भीषण आग उन वनक्षेत्रों में लगी है जहां चीड़ के पेड़ हैं।गर्मी का मौसम होने की वजह से कई जंगलों में लीसा निकाला जा रहा है और यहां आग और तेजी से भड़क रही है। उत्तराखंड वन विभाग के मुताबिक, कुमाऊं मंडल में आग लगने के सबसे अधिक मामले सामने आए हैं, वहीं गढ़वाल मंडल में भी आग लगने की काफी घटनाएं सामने आ चुकी हैं।
आग लगने से राज्य की अमूल्य वन संपदा खाक हो रही है।कुमाऊं मंडल के पिथौरागढ़ में सबसे अधिक आग लगने की घटनाएं सामने आई थी जहां फिलहाल हालात नियंत्रण में हैं।इसके अलावा अल्मोड़ा। नैनीताल, चंपावत, बागेश्वर जैसे जिलों के कई जंगली क्षेत्र भी आग की चपेट में आए थे जिनमें से बागेश्वर और चंपावत के अधिकांश इलाको में आग पर काबू पा लिया गया है।
वहीं गढ़वाल मंडल की बात करें तो यहां नरेंद्र नगर, उत्तरकाशी, मसूरी, कोटद्वार, टिहरी गढ़वाल, गोपेश्वर, रूद्रप्रयाग जैसे कई वन्यक्षेत्र आग की चपेट में आ चुके हैं।इनमें से कुछ जगहों पर आग पर काबू पा लिया गया है जबकि कुछ जगहों पर अभी भी आग धधक रही है।उत्तराखंड वन विभाग के मुताबिक, आग लगने से 749.6375 रिजर्व फॉरेस्ट एरिया (हेक्टेयर) प्रभावित हुआ है।
उत्तराखंड के वनाग्नि नियंत्रण और आपदा प्रबंधन के अपर प्रमुख वन संरक्षक निशांत वर्मा ने आजतक से बात करते हुए बताया कि कुमाऊं मंडल में आग लगने से सबसे अधिक प्रभावित अल्मोड़ा जिला हुआ है जबकि गढ़वाल मंडल में पौड़ी जिला सबसे अधिक प्रभावित है।निशांत वर्मा के मुताबिक, आग लगने के जो भी मामले सामने आए हैं उनमें से अधिकांश मामले सरफेस फायर के हैं, जिसमें घास, पत्ती, पिरूल पर आग लगती है और इससे नुकसान कम होता है, वहीं ग्राउंड फायर में सर्वाधिक नुकसान होता है जिसके मामले कम दर्ज किए हैं।निशांत वर्मा के मुताबिक, ‘कुमाऊं मंडल में अभी भी बागेश्वर, अल्मोड़ा और नैनीताल के कुछ वन्य क्षेत्रों में आग लगी हुई है जबकि चंपावत और पिथौरागढ़ के अधिकांश इलाकों में लगी आग पर काबू पा लिया गया है।वहीं गढ़वाल मंडल में भी जिन जगहों पर आग लगी थी वहां भी काबू लिया गया है और फिलहाल पौड़ी जिले में आग पर काबू पाने के प्रयास किए जा रहे हैं।’

रविवार को पौड़ी तहसील में एक 65 वर्षीय एक महिला जंगल में आग बुझाने की कोशिश के दौरान झुलस गई थी जिसे एम्स ऋषिकेश में लाया गया था जहां उसकी मौत हो गई। वहीं अल्मोड़ा जिले के सोमेश्वर में भी दो लीसा श्रमिकों की मौत हो गई है। जंगलों में आग बुझने का एकमात्र सहारा बारिश ही नजर आ रही है। देहरादून में मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने कहा कि राज्य में 8 मई तक बारिश होने की संभावना है, जो 11 मई से तेज हो जाएगी। उन्होंने कहा, इससे जंगल की आग बुझाने में मदद मिल सकती है।सिंह ने कहा कि कुमाऊं क्षेत्र में 7 मई से और गढ़वाल क्षेत्र में 8 मई से बारिश शुरू हो जाएगी।मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को सभी जिलाधिकारियों को एक सप्ताह का नोटिस देकर जंगल की आग की नियमित निगरानी के निर्देश जारी करने को कहा। इस दौरान सीएम धामी ने सभी जिलाधिकारियों को तत्काल प्रभाव से एक सप्ताह के लिए सभी प्रकार के चारे को जलाने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के आदेश देने को भी कहा।

इसके अलावा, शहरी निकायों को जंगलों में या उसके आसपास अपने ठोस कचरे को जलाने पर प्रतिबंध लगाने के लिए भी कहा गया है।धामी ने शनिवार को राज्य में हो रही जंगलों में आग की घटनाओं को लेकर अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की थी।उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे आपस में समन्वय स्थापित कर एक ऐसा तंत्र बनाएं जिससे जंगल की आग पर जल्द से जल्द काबू पाया जा सके। मुख्यमंत्री ने उत्तराखंडवासियों से सहयोग की अपील करते हुए कहा, ”वन संपदा हमारी विरासत है, जिसे हमें हर कीमत पर सुरक्षित रखना है।’

हरियाणा में 3 निर्दलीय विधायकों ने छोड़ा साथ, सभी कांग्रेस खेमे में

हरियाणा : लोकसभा चुनाव के बीच भाजपा को झटका लगा है। हरियाणा में तीन निर्दलीय विधायकों ने भाजपा से समर्थन वापस ले लिया है। हरियाणा में उन्होंने कांग्रेस में को बाहर से समर्थन देने का एलान कर दिया है। साथ ही आने वाले विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस के साथ रहने की बात कही है। तीन विधायक रोहतक पहुंचे हैं। यहां उन्होंने नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस की है। वहीं एक और निर्दलीय विधायक के बारे में समर्थन वापस लेने की चर्चा है। उनका अभी इंतजार है।
नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कांग्रेस अध्यक्ष उदयभान भी प्रेस वार्ता में मौजूद हैं। विधायकों ने नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में चल रही हरियाणा सरकार से अपना समर्थन वापस लेते हुए महंगाई बढ़ने और बेरोजगारी का मुद्दा उठाया है। विधायकों ने समर्थन वापस लेकर नायब सिंह सैनी सरकार को संकट में डाल दिया है। कुछ दिन पहले ही भाजपा सरकार ने बहुतम साबित किया था।नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने तीनों विधायकों का स्वागत किया और कहा कि इससे स्पष्ट होता है कि मौजूदा सरकार से लोगों का मोह भंग हो गया है और जनभावना को देखते हुए ही इन्होंने फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि यह ठीक समय पर ठीक फैसला लिया गया है। कांग्रेस के पक्ष में लहर चल रही है, इसमें इनका भी योगदान होगा कि ये बाहर से कांग्रेस का समर्थन करेंगे। इन्होंने जनभावनाओं की कदर करते हुए ये फैसला लिया है।

बीजेपी में हुए शामिल हुए राधिका खेड़ा और अभिनेता शेखर सुमन

नई दिल्ली : लोकसभा चुनाव के बीच कांग्रेस से इस्तीफा देने वालीं राधिका खेड़ा और अभिनेता शेखर सुमन दोनों मंगलवार को भाजपा में शामिल हो गए.कांग्रेस की राष्ट्रीय मीडिया समन्वयक राधिका खेड़ा ने छत्तीसगढ़ कांग्रेस के संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला पर गंभीर आरोप लगाते हुए पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। राधिका ने कहा था कि सुशील ने मुझे शराब ऑफर की थी।रात को उसने मेरे कमरे का दरवाजा खटखटाया।कांग्रेस पार्टी से अपने इस्तीफे पर राधिका खेड़ा ने कहा था कि मैंने हमेशा सुना है कि कांग्रेस राम विरोधी, सनातन विरोधी और हिंदू विरोधी है, लेकिन मैंने कभी इस पर विश्वास नहीं किया। महात्मा गांधी हर बैठक की शुरुआत ‘रघुपति राघव राजा राम’ से करते थे। मुझे सच्चाई तब पता चली जब मैं अपनी दादी के साथ राम मंदिर गया और वहां से लौटने के बाद मैंने अपने घर के दरवाजे पर ‘जय श्री राम’ का झंडा लगाया और उसके बाद कांग्रेस पार्टी मुझसे नफरत करने लगी। जब भी मैंने तस्वीरें या वीडियो पोस्ट किए तो मुझे डांटा गया और पूछा गया कि जब चुनाव चल रहे थे तो मैं अयोध्या क्यों गयी।