अंजलि भाटिया
नई दिल्ली: संसद के मॉनसून सत्र की शुरुआत तीखे राजनीतिक गर्मी के साथ हुई। पहले ही दिन लोकसभा में विपक्षी दलों ने ऑपरेशन सिंदूर, पहलगाम आतंकी हमला, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के मध्यस्थता संबंधी दावे और बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) जैसे संवेदनशील मुद्दों पर चर्चा की मांग को लेकर जोरदार हंगामा किया। इसके चलते दिनभर लोकसभा की कार्यवाही बार-बार बाधित होती रही।
सरकार ने विपक्ष की मांग को स्वीकार करते हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर विस्तृत बहस कराने पर सहमति जताई है। अगले सप्ताह इस मुद्दे पर संसद के दोनों सदनों में कुल 25 घंटे की चर्चा निर्धारित की गई है—जिसमें लोकसभा में 16 घंटे और राज्यसभा में 9 घंटे का समय तय किया गया है। यह फैसला राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि विपक्ष इस मुद्दे को लेकर सरकार को लगातार घेरने की कोशिश कर रहा है।
लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सांसदों ने तख्तियां लहराकर और नारेबाज़ी करते हुए सरकार से जवाब मांगना शुरू कर दिया। हंगामे के चलते पहले कार्यवाही को दोपहर 12 बजे तक स्थगित किया गया। इसके बाद दोपहर 2 बजे कार्यवाही दोबारा शुरू हुई, लेकिन विरोध प्रदर्शन नहीं थमा, जिससे सदन की कार्यवाही दोपहर 4 बजे तक पुनः स्थगित कर दी गई।
पीठासीन सभापति संध्या राय ने विपक्षी सदस्यों से सदन की गरिमा बनाए रखने और सहयोग देने की अपील करते हुए कहा कि “सरकार सभी विषयों पर चर्चा के लिए पूरी तरह तैयार है। लोकतंत्र में संवाद जरूरी है, शोर नहीं।
सत्र की शुरुआत गंभीर और संवेदनशील माहौल में हुई। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने पहलगाम आतंकी हमले और अहमदाबाद विमान हादसे में जान गंवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके साथ ही हालिया प्राकृतिक आपदाओं में मारे गए नागरिकों को भी याद किया गया। सदन में कुछ पल का मौन रखकर दिवंगत आत्माओं के प्रति शोक प्रकट किया गया।
पीठासीन सभापति जगदंबिका पाल ने सदन को जानकारी दी कि कार्य मंत्रणा समिति (BAC) की बैठक बुलाई गई है, जहां सर्वदलीय सहमति से तय किया जाएगा कि किन विषयों पर किस रूप में और कितने समय तक चर्चा की जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि “सरकार विपक्ष द्वारा उठाए गए हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है।”
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सदन में विपक्ष को आश्वस्त करते हुए कहा, “मैं सभी माननीय सदस्यों को यह विश्वास दिलाता हूं कि वे रक्षा संबंधी किसी भी विषय पर, चाहे वह जितनी भी लंबी चर्चा हो, सरकार पूरी गंभीरता से भाग लेगी। लोकसभा अध्यक्ष जो भी निर्णय लेंगे, हम उसके अनुसार पूरी भागीदारी सुनिश्चित करेंगे।